भावना को मां ने बनाया जांबाज, देश को नाज
भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट भावना कंठ ने देश को गौरवान्वित किया है। दरभंगा जिले की निवासी भावना ने बचपन से पायलट बनने का सपना देखा और मां राधा कंठ के समर्थन से इसे पूरा किया। 2016 में...

घनश्यामपुर। भारतीय वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ानेवाली पहली महिला पायलट भावना कंठ पर आज पूरा देश नाज कर रहा है। दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव निवासी तेज नारायण कंठ तथा गृहिणी राधा कंठ की लाडली बेटी भावना कंठ की इस सफलता के पीछे उनकी मां का अहम योगदान रहा है। भावना के पिता आईओसी में इंजीनियर थे। मां राधा कंठ ने पति के साथ मिलकर भावना के हौसले की उड़ान को मुकाम तक पहुंचाया। ‘हिन्दुस्तान से शनिवार को हुई बातचीत में राधा कंठ ने बताया कि भावना बचपन से ही आसमान में उड़ते पक्षियों, प्लेन आदि को देखकर पायलट बनने का सपना देखा करती थी।
वह पढ़ाई में भी मेधावी थी। राधा कंठ ने बताया कि जब भारत सरकार ने प्रायोगिक तौर पर भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए फाइटर स्ट्रीम खोलने का निर्णय लिया तो भावना इसकी तैयारी में जुट गई। अंतत: जून 2016 में भावना को देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के हाथों कमीशन मिला। उन्होंने बताया कि भावना ने इस मुकाम पर पहुंचकर गांव और जिले के साथ पूरे बिहार का नाम रोशन किया। उससे प्रेरणा लेकर देश की कई बेटियां भारतीय वायुसेना में फाइटर प्लेन की पायलट बनीं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने के भावना के जज्बे को उन्होंने सिर्फ सही दिशा दी और इसमें उसकी हर संभव मदद की। यह भावना के जज्बे का ही नतीजा है कि आज वह इस मुकाम पर है।
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