बीपीएससी परीक्षा पर बार-बार हाईकोर्ट में केस होता है, वकील भी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे
70वीं बीपीएससी परीक्षा दोबारा कराने की मांग पर अड़े BPSC अभ्यर्थियों को पटना हाईकोर्ट के वकीलों का भी साथ मिला है। अधिवक्ताओं ने कहा कि कानूनी सहयोग के लिए किसी भी अभ्यर्थियों से एक पैसा नहीं लिया जायेगा। वकीलों ने छात्रों पर लाठीचार्ज का भी विरोध किया।
बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने उन्हें हर तरह के कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है। वकीलों ने कहा है कि कानूनी सहयोग के लिए किसी भी अभ्यर्थियों से एक पैसा नहीं लिया जायेगा। उनकी मांगों के समर्थन में खड़ा रहने की बात कही है। अधिवक्ताओं ने कहा छात्र पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन सरकार उनकी मांगो को अनसुना कर परीक्षा में गड़बड़ी नहीं होने की बात कह रही थी। जबकि सच्चाई कुछ ओर हैं। बीपीएससी का पिछले एक दशक का रिकॉर्ड देखने से साफ पता चलता है कि हर परीक्षा में कुछ ना कुछ गड़बड़ी हुई हैं।
कभी प्रश्नों की तो कभी प्रश्नों के सही उत्तर की। कभी मेरिट लिस्ट का तो कभी आरक्षण का। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि बीपीएससी परीक्षा के बाद हाईकोर्ट में केस नहीं दायर किया गया हो, और कोर्ट हस्तक्षेप नहीं किया हो। मंगलवार को हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा के नेतृत्व में वकीलों की फौज ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अभ्यर्थियों पर हुये पुलिसिया बर्बरता कही से भी सही नहीं है।
उन्होने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि जो पुलिसकर्मियों छात्रों पर लाठी बरसा रहे थे। वे भी कभी ना कभी छात्र रहे होंगे। उन्हें क्यों नहीं अपने दिन याद आए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया तो फिर क्यों लाठी चार्ज किया गया। आपको बता दें कांग्रेस और वाम दल के विधायकों ने आज छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में राजभवन मार्च किया। हालांकि इसमें आरजेडी के विधायक शामिल नहीं थे।