बिहार में बढ़ा तापमान, 3 महीने तक प्रचंड गर्मी से सामना; मौसम विभाग ने क्या बताया
- Bihar Weather Report: पिछले तीन सालों से मौसम के इस स्वभाव में बदलाव आया है। यही वजह है कि तापमान उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है। अप्रैल से जून के बीच अधिकतम तापमान के लगातार 40 डिग्री या उससे पार बने रहने की स्थिति में मौसम का तीखापन परेशान कर रहा है। इस बार भी लगभग ऐसे ही हालात बने हैं।

Bihar Weather Report: बिहार में मौसम का पारा बुधवार से चढ़ना शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी होगी। मार्च अंत से प्रचंड गर्मी शुरू हो जाने के आसार हैं। मौसम के इस तीखे तेवर से खेती-किसानी, भू-जल स्तर और लोगों के सेहत समेत चौतरफा नुकसान की आशंका बढ़ गई है। बिहार में समय से पहले गर्मी में वृद्धि से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार गर्मी पिछले साल से ज्यादा सताएगी। अप्रैल और मई में कई पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं। जून में प्री मानसून की स्थिति बेहतर रही तो ठीक अन्यथा तीन महीने तक गर्मी की मार झेलनी पड़ेगी।
गौरतलब है कि बिहार में मानसून का आगमन 13 से 15 जून के बीच में होता है। मार्च से मई तक का महीना प्री मानसून सीजन के रूप में माना जाता है। तीन साल पहले तक इस दौरान राज्य में बारिश की गतिविधियां भी होती रहती थीं। दिन के पूर्व वाले भाग में दोपहर तक गर्मी होती थी लेकिन दोपहर बाद बारिश के हालत बनते थे। पिछले तीन सालों से मौसम के इस स्वभाव में बदलाव आया है। यही वजह है कि तापमान उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है। अप्रैल से जून के बीच अधिकतम तापमान के लगातार 40 डिग्री या उससे पार बने रहने की स्थिति में मौसम का तीखापन परेशान कर रहा है। इस बार भी लगभग ऐसे ही हालात बने हैं।
भूजलस्तर गिरेगा
गर्मी का असर भूजलस्तर पर भी होगा। पटना जिले का भूजलस्तर अभी 30 फुट पर है। यदि इसी तरह लगातार 15 दिनों तक तापमान बढ़ते चला गया तो जलस्तर में गिरावट होनी शुरू हो जाएगी। 40 फुट के नीचे भूजलस्तर जाने पर जल संकट की समस्या बनेगी। पीएचईडी पश्चिमी के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि अभी भूजलस्तर सामान्य बना हुआ है। पटना जिले के किसी प्रखंड में पानी की समस्या नहीं बनी है।
सेहत पर भी असर
मौसम में अचानक बदलाव और मार्च में ही मध्य अप्रैल जैसी गर्मी से स्वास्थ्य पर गंभीर असर की आशंका बढ़ गई है। इससे हर्ट, फेफड़ा, किडनी तक पर दबाव बढ़ सकता है। पूर्व में इन बीमारियों से पीड़ितों की समस्या बढ़ सकती है।
बच्चों-बड़ों में नाक से खून बहने की समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगी है। सर्दी, खांसी, एलर्जी, खुजली, बुखार, थकान, सिर दर्द से पीड़ितों की संख्या भी अस्पतालों में अचानक बढ़ गई है।