डेंगू, टायफाइड से निपटे तो लीवर के बीमार हो गये
अस्पतालों में लीवर की बीमारी का इलाज कराने पहुंच रहे मरीज हैवी एंटीबायोटिक दवा
भागलपुर, वरीय संवाददाता। बीते तीन माह से डेंगू, टायफाइड, चिकनगुनिया से लेकर वायरल फीवर के बेतहाशा मामले मिले। डेंगू व टायफाइड के बदनतोड़ बुखार ने तो मरीजों की हड्डियां तक बजा डाली। दवा के बल पर जब इस बीमारी से लोग निपटे तो उनकी सेहत पर एक और अटैक हो गया। इस बार उन्हें डेंगू-टायफाइड के साइड इफेक्ट नहीं बल्कि इससे निपटने में इस्तेमाल किये गये दवाओं ने उनके लीवर को बीमार कर डाला। इन दिनों बड़ी संख्या में डेंगू व टायफाइड के पोस्ट मरीज अस्पतालों में लीवर की बीमारी का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। जेएलएनएमसीएच में तीन माह में डेंगू व टायफाइड के 372 मरीज मिले
निजी अस्पताल हो या क्लीनिक या फिर सरकारी अस्पताल व ओपीडी। बीते तीन माह से वायरल फीवर ने अमूमन हर घर में हंगामा मचा रखा है। इसके अलावा डेंगू, चिकनगुनिया व टायफाइड के मरीज बहुतायत मिल रहे हैं। पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में बीते तीन माह में सिर्फ डेंगू व टायफाइड के 372 मरीज जांच में पाये गये। इनमें से 128 मरीज डेंगू, टायफाइड से ठीक होने के 10 से 21 दिन बाद लीवर से जुड़ी बीमारी का इलाज कराने के लिए पहुंचे। इन लोगों में न केवल अपच बल्कि गैस व दस्त तक की समस्या मिली। सात मरीज का तो लीवर बहुत हद तक फेलियर होने को था। मायागंज अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि बड़ी संख्या में मरीज झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं, जहां बुखार में उनको हैवी एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है। चूंकि इन बीमारियों में 10 दिन से लेकर 14 दिन तक एंटीबॉयोटिक दवा या इंजेक्शन देना पड़ता है, लेकिन ये डॉक्टर उससे भी ज्यादा दिन तक हैवी एंटीबायोटिक दवाओं या इंजेक्शन का डोज दे रहे हैं। ऐसे में इसके सेवन करने वाले लोगों में लीवर संबंधी समस्या हो ही जाती है।
हमारे लीवर को बीमार कर रहा एंटीबायोटिक दवाओं का हाई डोज
वरीय फिजिशियन डॉ. विनय कुमार झा कहते हैं कि एंटीबायोटिक दवा का अधिक सेवन लीवर को बीमार कर रहा है। झोलाछाप डॉक्टर के पास जाने वाले मरीजों को एंटीबायोटिक दी जा रही है। इससे लीवर फेल होने तक का खतरा है। बुखार के कई गंभीर मरीज अस्पताल आ रहे हैं और जांच में लीवर की बीमारी मिल रही है। ऐसे में बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाओं का सेवन न करें।
एंटीबॉयोटिक के बाद अब बढ़ गई गैस की दवाओं की बिक्री
भागलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पूर्व संगठन मंत्री प्रदीप जैन बताते हैं कि गैस का इंजेक्शन पेंटोप्रोजोल पहले एक माह में 20 लाख रुपये तक बिकता था, इस समय इसी बिक्री का आंकड़ा 60 लाख रुपये प्रति माह तक को पार कर गया है। पेंटोप्रोजोल, रैबिप्रोजोल व एस्मिप्रोजोल दवाओं की बिक्री का आंकड़ा भी 25 लाख रुपये रोजाना बढ़कर इन दिनों 75 लाख रुपये तक पहुंच गई है। वहीं अगर हम एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री की बात करें तो अगस्त-सितंबर में एंटीबायोटिक दवाओं की खपत बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। आम दिनों में एक माह में 35 लाख रुपये का एंटीबायोटिक इंजेक्शन बिकता था। वहीं एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री का आंकड़ा 50 लाख रुपये रोजाना तक पहुंच गया था।
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