Disaster Preparedness Drill in Katihar Highlights Importance of Community Readiness बोले कटिहार : मॉक ड्रिल का सभी समझें महत्व, आमलोगों की सतर्कता जरूरी, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले कटिहार : मॉक ड्रिल का सभी समझें महत्व, आमलोगों की सतर्कता जरूरी

कटिहार में बुधवार को आयोजित मॉकड्रिल ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों का मूल्यांकन किया। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता को दर्शाता है। सायरन प्रणाली को प्रभावी बनाने,...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 8 May 2025 10:59 PM
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बोले कटिहार : मॉक ड्रिल का सभी समझें महत्व, आमलोगों की सतर्कता जरूरी

आपदा का कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन तैयारियां हमें अनिश्चितता से बचा सकती हैं। बुधवार को कटिहार में आयोजित मॉकड्रिल ने यह याद दिलाया कि जीवन की सुरक्षा के लिए हर पल तैयार रहना कितना महत्वपूर्ण है। यह अभ्यास सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उन अनगिनत जिंदगियों की परवाह है जो आपदा के समय असहाय महसूस कर सकती हैं। इसमें हमारी छोटी-छोटी कमजोरियां सामने आईं, लेकिन साथ ही यह विश्वास भी जगा कि सामूहिक प्रयास से हम अपने शहर और परिवारों को सुरक्षित रख सकते हैं। हमें मिलकर हर चुनौती का सामना करना है, क्योंकि सुरक्षा सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक संकल्प है।

01 सौ प्रतिशत लोगों को जागरूक करने की चुनौती

90 प्रतिशत ऊर्जा निर्भरता करनी होगी खत्म

05 मिनट के गोल्डन पीरियड है निकलने के लिए

कटिहार में बुधवार की शाम में आयोजित मॉकड्रिल ने आपदा प्रबंधन की वास्तविक तैयारियों का मूल्यांकन किया। यह अभ्यास न केवल खामियों को उजागर करने का अवसर है, बल्कि आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता को और मजबूत बनाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। आपदा के समय समय पर अलर्ट मिलना अत्यंत आवश्यक है। इस मॉकड्रिल से यह स्पष्ट हुआ कि सायरन प्रणाली को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, ताकि हर क्षेत्र तक संदेश सही समय पर पहुंचे। इसके लिए बिजली पर निर्भरता कम कर सौर ऊर्जा, बैटरी बैकअप और अन्य वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग बढ़ाना होगा।

महत्वपूर्ण स्थानों की तैयारी

सरकारी कार्यालय, अस्पताल, पुलिस थाने, पेट्रोल पंप और छावनी क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण स्थानों में निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए सोलर पावर, इनवर्टर और जेनसेट जैसी वैकल्पिक व्यवस्था हमेशा तैयार रखनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में कामकाज बाधित न हो। आपात स्थिति में तेज और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन की आवश्यकता है। स्मार्ट सिग्नलिंग, ट्रैफिक वार्डन की तैनाती और वैकल्पिक मार्गों की योजना से इस चुनौती को कुशलता से संभाला जा सकता है।

बाजार और बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा

प्रमुख बाजारों और ऊंची इमारतों में मॉकड्रिल का सख्ती से पालन करना आवश्यक है। शीशे के घर और बहुमंजिला इमारतें अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए इनके लिए विशेष दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं, ताकि जानमाल का नुकसान कम से कम हो। स्कूल, कॉलेज और रिहायशी सोसाइटीज में आपदा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास जरूरी है। एनसीसी, नागरिक सुरक्षा, एनडीआरएफ, आपदा मित्र, स्काउट्स और गाइड जैसी संस्थाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए, ताकि आपात स्थितियों में बेहतर समन्वय हो सके।

हर आदमी की हो सक्रिय भागीदारी

मॉकड्रिल से मिले अनुभवों को वार-रूम और आपदा प्रबंधन कार्यालयों में गंभीरता से लिया जाए। विशेषज्ञों की मदद से एक मजबूत और प्रभावी योजना बनाई जाए, जो भविष्य की आपदाओं में त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर सके। हर व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी से ही मॉकड्रिल का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो सकता है। यह न केवल आपदा सुरक्षा की दृष्टि से बल्कि रणनीतिक तैयारियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सुझाव

1. सायरन सिस्टम का कवरेज बढ़ाया जाए, ताकि हर क्षेत्र तक अलर्ट समय पर पहुंचे।

2. बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा, बैटरी बैकअप और इनवर्टर का अधिक उपयोग हो।

3. प्रमुख बाजारों और ऊची इमारतों में नियमित मॉकड्रिल की अनिवार्यता हो।

4. यातायात नियंत्रण के लिए स्मार्ट सिग्नलिंग और वैकल्पिक मार्गों की तैयारी हो।

5. स्कूल, कॉलेज और रिहायशी इलाकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सामूहिक अभ्यास कराए जाएं।

शिकायतें:

1. सायरन सिस्टम कई जगहों पर विफल रहा, जिससे अलर्ट प्रभावी नहीं हो सका।

2. बिजली गुल होने पर अधिकांश सरकारी कार्यालयों में बैकअप की कमी दिखी।

3. बाजारों और बहुमंजिला इमारतों में मॉकड्रिल का ठीक से पालन नहीं हुआ।

4. ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी संभव नहीं हो पाई।

5. एनसीसी, स्काउट्स और गाइड जैसी संस्थाओं को मॉकड्रिल में शामिल नहीं किया गया।

सतर्कता है जरूरी

आपदा के समय सामूहिक भागीदारी से ही बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। हमें नियमित अभ्यास और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। आगे भविष्य में अगर मॉक ड्रिल होता है तो हम लोगों द्वारा जरूर सहयोग किया जाएगा ।

-कृष्णा कुमार

सायरन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना होगा, ताकि हर व्यक्ति तक संदेश सही समय पर पहुंचे। शहरों में इसका पालन किया गया था। हम सभी बाजार के लोगों ने मॉक ड्रिल होने से पहले ही अपने प्रतिठान बंद कर दिए थे। लोगों को भी प्रेरित कर रहे थे।

-शादाब हुसैन

अधिकांश घरों में लाइट बंद थी। मगर कुछेक मुहल्लों में लोगों ने लाइट जलाकर रखा था। जब उन्हें ऐसा करने से रोका। तभी जाकर लोगों ने अंदर घर की लाइट को भी बंद किया। मॉकड्रिल के दौरान किसी को लाइट नहीं जलानी चाहिए।

-विवेक कुमार

शहर की बिजली, पावर हाउस से काट दी गई थी। पूरे शहरों में 15 मिनट के लिए अंधेरा छा गया था। लेकिन सोलर से चलने वाली लाइट जली रह गई। इसको भी बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आगामी मॉकड्रिल को सफल बनाया जा सके।

-ललित साह

हमलोग सात बजे अपने-अपने घर में प्रवेश कर गए। घर के अंदर और बाहर की बिजली काट ली थी। सरकार के निर्देशों का पालन हर किसी को करना होगा। किसी एक की लापरवाही से सभी लोगों को नुकसान पहुंच सकता है। सभी सर्तक रहें।

-बबलू गुप्ता

प्रत्येक नागरिक की भागीदारी से ही आपदा से निपटने की तैयारियां मजबूत हो सकती हैं। आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। सिविल डिफेंस के लोगों को और प्रचार-प्रसार करना चाहिए। साथ ही प्रशासन को इसके लिए और तैयारी करने की आवश्यकता है।

-सुनील कुमार साह

मॉकड्रिल से सीखे सबक को लागू करने से आपदा प्रबंधन की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। नियमित अभ्यास के दौरान सरकार के निर्देशों का पालन करना हमारा कर्त्तव्य है। हर किसी को शत-प्रतिशत इसका पालन करना चाहिए।

-प्रथम

सही समय पर अलर्ट मिलने से आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। लोगों की जान को बचायी जा सकती है। इसका निरंतर अभ्यास जरूरी है।

-राजन गोस्वामी

स्कूल और कॉलेज में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है, ताकि छात्र भी आपदा के लिए तैयार रहें। मॉकड्रिल के दौरान साइलेंट रहना है। ताकि कोई कुछ समझ न सके। साथ ही सभी मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट के लिए एक स्विच होना चाहिए ताकि एक साथ लाइट जले और सुबह लाइट बंद हो जाए।

-बिमल सिंह बेगानी

सरकार की यह एक अच्छी पहल है। मॉक ड्रिल बीच-बीच में होते रहना चाहिए ताकि लोग जागरूक हो सकें और सशक्त बन सकें। मॉकड्रिल में स्वयंसेवक का महत्व बढ़ जाता है। नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से समझना है।

-अनिल चमरिया

सामूहिक प्रयास और संगठित तैयारी से आपदाओं से बचा जा सकता है। इसलिए आपदा से बचने के लिए हर किसी को सरकार के निर्देश और प्रशासन के गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए।

-संतोष गुप्ता

महिलाओं को भी आपदा प्रबंधन की तैयारियों में बराबरी से शामिल किया जाना चाहिए। सिविल डिफेंस के सदस्यों और वॉलेंटियर का सहयोग काफी सराहनीय रहा आगे भी हमलोगों की तैयारी पूर्ण है। हमलोग हमेशा समाज के अच्छे के लिए काम करते हैं।

-डॉ रंजना झा

बिजली के सभी उपकरण, मोबाइल, टीवी बंद करने का प्रावधान बताया गया था। इस ओर भी विभाग और समाज को ध्यान देना चाहिए। यह मॉकड्रिल हमलोगों के लिए ही है ताकि युद्ध की स्थिति में हम लोग अपनी सुरक्षा करें।

-विवान सरकार

मॉक ड्रिल में प्रचार-प्रसार की काफी कमी रही है। आगे से अगर मॉक ड्रिल कराया जाए तो उसका पहले से प्रचार-प्रसार हो। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने चाहिए।

-नरेश साह

लॉकडाउन में जैसे हम लोगों ने सहयोग किया था, कोरोना पर जीत हासिल की। उसी तरह युद्ध की स्थिति में हमें तैयार होना चाहिए। कटिहार बॉर्डर एरिया है। सतर्कता से ही हमारा बचाव संभव है।

-आलोक कुमार सिन्हा

स्कूलों और कॉलेजों में आपदा अभ्यास नियमित रूप से किया जाना चाहिए। ताकि युवा अपने घर में जाकर अभिभावकों को इस बात की जानकारी दें। इससे पूरा परिवार एक्टिव मोड में रहेगा।

-पवन कुमार

महिलाओं और बच्चों को भी आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करना चाहिए। ताकि घर के अंदर और बाहर वे सुरक्षा के मानकों में खुद की भागीदारी को समझ सकें। महिलाओं की जागरूकता से शत-प्रतिशत नियमों का पालन होगा।

-नीतू कुमारी

समुदाय आधारित प्रशिक्षण से आपदा के समय बेहतर समन्वय संभव है। आपदा के समय सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तभी आपदा में सबको बचाकर चल सकते हैं।

-ज्योति कुमारी

आपदा के समय हर व्यक्ति की जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। मॉक ड्रिल के निर्देशों का ठीक से पालन करना चाहिए।

-नूर मोहम्मद

आपदा प्रबंधन का मतलब केवल तैयारी नहीं, बल्कि तत्काल प्रतिक्रिया भी है। मॉक ड्रिल में बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। जानकारी हासिल करनी चाहिए।

-सच्चिदानंद

बोले जिम्मेदार

स्थानीय जनता सतर्क और सावधान रहें। प्रशासन की ओर से यदि फिर कभी मॉक ड्रिल होता है तो सरकार के निर्देश का समुचित तरीके से पालन करें।

-नुरूल ऐन, एडीएम आपदा, कटिहार।

मॉक ड्रिल : नागरिक और प्रशासन की तत्परता की जांच

कटिहार, एक संवाददाता। नागरिक सुरक्षा, एनडीआरएफ, आपदा मित्र एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों बैठक मॉक ड्रिल के सफल संचालन हेतु बुलाई गई थी। अध्यक्षता अपर समाहर्ता नूरुल एन ने की। मंच संचालन नागरिक सुरक्षा के चीफ वार्डेन अनिल चमरिया ने किया। नागरिक सुरक्षा के उपनियंत्रक सह अनुमंडल पदाधिकारी आलोक चंद्र ने बताया कि ऐसे अभ्यास का मुख्य उद्देश्य हवाई या आतंकी हमलों जैसी गंभीर आपदाओं के समय नागरिकों और प्रशासन की तत्परता की जांच करना है। सायरन, ब्लैकआउट, सुरक्षित निकासी और आपात सेवाओं की प्रतिक्रिया की समीक्षा करते हुए यह भी स्पष्ट किया गया कि इस प्रकार की तैयारियां जनता में जागरूकता बढ़ाने और घबराहट को कम करने में सहायक होती हैं। अपर समाहर्ता ने सायरन प्रणाली की उपयोगिता, ब्लैकआउट के दौरान सुरक्षा के उपाय, बहुमंजिला इमारतों में बरती जाने वाली सावधानियां और समाज स्तर पर की जाने वाली तैयारी पर प्रकाश डाला। ब्लैकआउट के समय रोशनी के सभी स्रोतों को बंद करना, खिड़कियों को ढकना और आसपास की सोलर लाइट्स बंद कर देना आवश्यक होता है, जिससे शत्रु को रिहायशी इलाकों की जानकारी न मिले। नमीष कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी ने जोर दिया कि समाज के सभी वर्गों-विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को मानसिक रूप से तैयार किया जाए और अफवाहों से बचते हुए सकारात्मक माहौल बनाए रखा जाए। चीफ वार्डन अनिल चमरिया ने स्वयंसेवकों की भूमिका पर विशेष बल देते हुए उन्हें सायरन और ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों को मार्गदर्शन देने, आपात सेवाओं से समन्वय स्थापित करने, सही सूचना के प्रसार में सक्रिय रहना है। निकासी मार्गों की निगरानी में सहयोगी भूमिका निभानी है।

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