Farmers Interest in Coconut Cultivation Grows in Kaimur Target Doubled by Horticulture Department समुंद्री ही नहीं कैमूर के मैदानी भाग में भी होगी नारियल की खेती, Bhabua Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsFarmers Interest in Coconut Cultivation Grows in Kaimur Target Doubled by Horticulture Department

समुंद्री ही नहीं कैमूर के मैदानी भाग में भी होगी नारियल की खेती

किसानों के नारियल की खेती के प्रति बढ़ते रुचि को देखते हुए उद्यान विभाग ने इस वर्ष लक्ष्य दोगुना कर दिया है। पिछले वर्ष 30 किसानों ने 800 पौधे लगाए थे, जबकि इस बार 50-60 किसानों को जोड़कर 1600 पौधे...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 16 May 2025 09:42 PM
share Share
Follow Us on
समुंद्री ही नहीं कैमूर के मैदानी भाग में भी होगी नारियल की खेती

नारियल की खेती के प्रति किसानों का बढ़ते रूझान को देख उद्यान विभाग ने लक्ष्य बढ़ाया, किसानों की अच्छी होगी आमदनी उद्यान विभाग ने कैमूर में इस बार नारियल की खेती का दोगुना तय किया है लक्ष्य पिछले वर्ष 30 किसानों में बंटे थे नारयिल के 800 पौधे, इस बार 16 सौ बंटेंगे (पेज चार) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। नारियल की खेती सिर्फ समुंद्री इलाके ही नहीं, कैमूर के पहाड़ी व मैदानी हिस्सों में भी होगी। जिले में इसकी शुरुआत हो चुकी है। नारियल की खेती के प्रति कैमूर के किसानों में रूझान बढ़ा है। यही कारण है कि विभाग ने इस बार के सीजन में इसका लक्ष्य दोगुना कर दिया है।

उद्यान विभाग ने वर्ष 2024 में 30 किसानों से नारियल की खेती कराई थी। इन किसानों ने 800 पौधे रोपे हैं। लेकिन, इस वर्ष 1600 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस बार नारियल की खेती से 50-60 किसानों को जोड़ा जाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कैमूर में नारियल की खेती का सीजन जुलाई माह उपयुक्त होता है। इसलिए यहां के किसानों को विभाग द्वारा जुलाई माह में नारियल के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। मधेपुरा की नर्सरी से नारियल के पौधे मंगाए जाएंगे। एक नारियल के पौधे की कीमत 85 रुपया है। सरकार इसपर 75 प्रतिशत यानी 63.75 रुपया अनुदान दे रही है। मतलब किसानों को एक पौधे की कीमत 21.25 रुपया भुगतान करनी होगी। छोटे स्तर पर नारियल की खेती करनेवाले किसान दिलीप सिंह ने बताया कि इसके पौधों को रोपने के लिए एक फुट चौड़ा व डेढ़ फुट गहरा गड्ढा खोदना होगा। गड्ढे से निकली आधी मिट्टी में आधा किलो नमक मिलाकर गड्ढे में डाल देंगे। साथ में ईंट के छोटे टुकड़े भी ताकि मिट्टी बैठे नहीं। इसके उपर नारियल के पौधे रख शेष मिट्टी से गड्ढे को भर देंगे। पौधे का थोड़ा उपरी भाग पर मिट्टी नहीं डालेंगे, ताकि हवा मिलती रहे। दो-तीन साल हर माह नमक का पानी मिलाकर सिंचाई करेंगे। हर माह पौधों के आसपास की मिट्टी की हल्की खुदाई करेंगे। नमक का उपयोग नारियल के उपरी हिस्से को गलाने के लिए किया जाता है। काफी उपयोगी है नारियल आयुर्वेदाचार्य अखंडानंद बताते हैं कि पका नारियल पूजा करने का काम आता है। इसका पानी पेट व शरीर की मजबूती के लिए लाभदायक है। इसका तेल चमड़ी को मुलायब रखता है। इससे सूखा मेवा, चटनी, मिठाई, जैविक खाद तैयार की जा सकती है। कारीगर रौशन अंसारी बताते हैं कि इसके छिलका से कालीन, पायदान, रस्सी तैयार कर सकते हैं। इसकी खेती से कई फायदे हैं। छिलका बर्तन धोने, बावासीर, चोट लगने, दांत साफ करने आदि के काम में आता है। चोट व सूजन में काम आता है नारियल चोट लगने के बाद होनेवाली सूजन से दूर किया जा सकता है। छिलका को सूखाकर पाउडर बनाएं। पाउडर को हल्दी के साथ मिलाकर शरीर के सूजन वाले हिस्से पर लगाने से लाभ मिलेगा। छिलका से खाद बनाकर पौधों को संपूर्ण पोषण दिया जा सकता है। नारियल के छिलकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, कॉपर, पोटैशियम, जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। नारियल का ज्यादातर उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। मंदिरों में इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। नारियल की बली भी दी जाती है। दांत का पीलापन हो सकता है दूर नारियल का छिलका दांतों के पीलेपन को भी दूर कर सकता है। छिलकों को जलाकर उसका पाउडर बना लें। पाउडर में सोडा मिलाएं और फिर दांतों पर अच्छे से लगाएं। इस नुस्खे से दांतों का पीलापन दूर हो सकता है। नारियल का छिलका बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। बालों को काला रखने के लिए इसके छिलका को कढ़ाही में भुन लें। फिर इसका पाउडर तैयार करें। पाउडर को नारियल तेल के साथ मिलाएं और बालों में लगाएं। नारियल का छिलका बवासीर को ठीक कर सकता है। छिलके को जलाकर इसका पाउडर तैयार करे। पाउडर का रोजाना पानी के साथ खाली पेट सेवन करें। इससे बवासीर की दिक्कत को दूर करने में मदद मिलेगी। पीरियड्स के असहनीय दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है। छिलके को जलाकर पाउडर तैयार करें। फिर इस पाउडर का पीरियड्स के दौरान पानी के साथ सेवन करना है। कोट पहली बार जिले के 30 किसानों से नारियल की खेती शुरू कराई गई थी। इस बार 50-60 किसानों से खेती कराई जाएगी। पिछली बार 800 पौधे रोपे गए थे। इस वर्ष 16 सौ पौधे लगाए जाएंगे। नारियल की खेती पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। डॉ. अभय कुमार गौरव, जिला उद्यान पदाधिकारी फोटो- 16 मई भभुआ- 3 कैप्शन- सदर अस्पताल द्वार पर शुक्रवार को बेचने के लिए ठेला पर रखा गया नारियल व दुकानदार।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।