बर्तन दुकान से बाल श्रमिक को छुड़ाया
दुकान संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई की जा रही थी। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रम निषेध एवं विनिमयन अधिनियम के अंतर्गत दोषी नियोज

श्रम संसाधन विभाग के धावा दल द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण कर पुरानी जीटी रोड पर ओम बर्तन घर से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। दुकान संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रम निषेध एवं विनिमयन अधिनियम के अंतर्गत दोषी नियोजक को छह माह से लेकर दो साल के कारावास की सजा हो सकती है। 20 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक जुर्माने की सजा हो सकती है l सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के आलोक में दोषी नियोजक से 20 हजार रुपए जिला बाल कल्याण एवं पुनर्वास कोष में जमा कराया जाएगा।
विमुक्त बाल श्रमिक को पुनर्वास हेतु मुख्यमंत्री सहायता कोष से 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। धावा दल में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी संजीव कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंजनी कुमार, देव एवं नगर थाना पुलिस टीम शामिल थी।
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