हादसे के बाद भी ओवरलोड नाव का परिचालन जारी
फोलोअप-- हादसे के बाद भी ओवरलोड नाव का परिचालन जारी फोलोअप-- हादसे के बाद भी ओवरलोड नाव का परिचालन जारी फोलोअप-- हादसे के बाद भी ओवरलोड नाव का परिचालन

कुरसेला, निज प्रतिनिधि। गंगा नदी में गुरुवार की दोपहर नाव हादसे के बाद भी ओवरलोड नावों का परिचालन बेरोकटोक जारी है। हर दिन सैकड़ों यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। मक्का लोड नाव डूबने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली है। शुक्रवार को भी तीनघरिया घाट से नाविकों द्वारा नाव पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठा कर गंगा नदी आर पार कराने का सिलसिला जारी था। क्षमता से अधिक यात्रियों और मालवाहक नाव के आवागमन से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
प्रशासन की यह लापरवाही एक दिन लोगों के लिए भारी पड़ सकता है। ओवरलोड नाव के परिचालन के दौरान कभी भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है। सैकड़ों की संख्या में एक बार नाव पर लोग सवार होते हैं। इसके अलावा बाइक, साइकिल और अन्य सामान भी नाव पर लोड किया जाता है। जो हादसे को आमंत्रण दे रहा है। ओवरलोड की वजह से डूबने लगी नाव: गुरुवार को गोबराही दियारा घाट पर नाव हादसे के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शी मंटू महतो, धर्मेंद्र महतो ने बताया कि गोबराही दियारा घाट से दो सौ से अधिक बोरा मक्का लोड कर नाव तीनघरिया घाट के लिए खुली थी। नाव पर क्षमता से अधिक मक्का लोड की गई थी। नाव पर करीब एक दर्जन लोग भी सवार थे। घाट से खुलने के बाद गंगा नदी में कुछ दूर जाने पर ओवरलोड नाव डगमगाने लगी। इसी क्रम में नाव में पानी भरने लगा। जिसके कारण नाव पर सवार लोगों में अफरातफरी मच गई। नाव को डूबते देख कुछ लोगों ने कूद कर अपनी जान बचाई। जबकि डूब रहे नाव से मक्का की बोरी को दूसरे नाव पर लोडकर तीनघरिया पहुंचाया गया। बताया गया कि नदी में नाव के किसी भारी वस्तु से टकराने की वजह से उसके नीचे का तख्ता टूट गया। जिसकी वजह से हादसा हो गया। नाव हादसे से लोगों को सबक लेने की जरूरत गुरुवार की दोपहर गंगा नदी में मक्का की बोरी लोड नाव डूबने के बाद लोगों को सबक लेने की जरूरत थी। लेकिन नाव परिचालन करने वाले लोग क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब शायद लोग नए हादसे का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने ओवरलोडिंग पर रोक लगाते हुए सुरक्षा मानक के अनुसार नाव परिचालन कराने की मांग की है। गंगा नदी पर बने पुल: हादसे के वक्त नाव पर सवार सियाराम महतो, केशव महतो, भवेश महतो ने बताया कि नाव से गंगा नदी पार कर दियारा जाने में बहुत डर लगता है, लेकिन दियारा जाने का दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं है। खेती किसानी के लिए कुरसेला प्रखंड के सैकड़ों लोगों का रोजाना दियारा आना-जाना होता है। इस दौरान ओवरलोड नाव पर सवारी करने में डर लगा रहता है। मजबूरी में दियारा के लोग नाव की सवारी करते हैं। हम लोगों ने कई बार गंगा नदी पर पुल निर्माण करने की मांग रखी, परंतु इस ओर सरकार के अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। अगर सरकार गंगा नदी पर पुल का निर्माण करवा दे, तो हम लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी और दियारा क्षेत्र का समुचित विकास हो पाएगा।
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