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मनोवैज्ञानिकों ने डिजिटल युग में खुश रहने के तरीके बताए

-पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार का दूसरा दिन, 30 पेपर ऑनलाइन पढ़े गये

Newswrap हिन्दुस्तान, आराSat, 17 May 2025 09:09 PM
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मनोवैज्ञानिकों ने डिजिटल युग में खुश रहने के तरीके बताए

-पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार का दूसरा दिन -ऑफलाइन दो सौ और 30 पेपर ऑनलाइन पढ़े गये आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के नूतन परिसर स्थित परीक्षा विभाग के सभागार में पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन मनोवैज्ञानिकों ने डिजिटल युग में खुश रहने के तरीके बताए। डिजिटल युग में खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करना एवं मानव विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका की खोज विषय पर आयोजित सेमिनार दो सत्रों में हुआ। पहले सत्र में देश के जाने-माने चिकित्सक बीएचयू के प्रोफेसर ओपी मिश्रा ने कहा कि भारत वर्ष में ज्यादातर परिवारों में परिवार के लोग बच्चे को दूध पिलाने या खाना खिलाने वक्त स्क्रीन टाइम का एक्पोजर कर देते हैं, यह बच्चों पर बहुत ही कुप्रभाव डालता है।

कानपुर विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक के प्रोफेसर अरविंद पांडे ने कहा कि तकनीक को सिर्फ मोबाइल फोन तक सीमित करना व्यावहारिक नहीं है। तकनीक से देश में चहुमुंखी विकास हो रहा है। यह मानव कल्याण के लिए सदैव हितकारी है। दक्षिण भारत से पहुंचे इंजीनियर मयंक प्रकाश ने एआई के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि वर्तमान समय में तकनीक के बिना जीना संभव नहीं है। बीएचयू के मनोविज्ञान के प्रोफेसर सत्यगोपाल ने कहा कि तकनीक, खासकर डिजिटल तकनीक हमारे ज्ञान को कई तरह से प्रभावित करती है। चाहे वह ध्यान, स्मृति या सीखने की क्षमता पर हो। अध्यक्षता पीजी मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लतिका वर्मा और स्नातकोत्तर विभाग के प्रोफेसर यशवंत कुमार ने की। दूसरे सत्र में पैनल डिस्कशन भी हुआ। दो दिनों में दो सौ से अधिक पेपर पढ़े गये। 30 पेपर ऑनलाइन पढ़े गए। दूसरे सत्र में बेस्ट पेपर का अवॉर्ड दिया गया। संचालन पीजी विभाग की प्रीतिका कुमारी और डॉ वाचस्पति दुबे ने किया। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो लाल बाबू सिंह का भी सेमिनार के मैनेजमेंट में बहुत बड़ा योगदान रहा। मौके पर अभिषेक तिवारी उर्फ गोलू को उत्कृष्ट कार्य के लिए एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया । राष्ट्रीय सेमिनार के समन्वयक डॉ वाचस्पति दुबे जी को आईपीए की तरफ से उत्कृष्ट कार्य करने पर गोल्ड मेडल दिया गया। सेमिनार में प्रो रामेंद्र कुमार, सहायक प्राध्यापक चंदन कुमार, डॉ प्रियंका पाठक, डॉ केसी चौधरी, शोधार्थी सुशील टाइगर,अंजू कुमारी, निवेदिता सिंह आदि उपस्थित थे। ----------

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