EV या CNG, अपने लिए कैसे चुने कोई कार; 1Km पर इनसे कितनी बचत होगी? मुनाफे का पूरा गणित समझें
- 128 सालों में देश का कार बाजार पूरी तरह बदल चुका है। पेट्रोल और डीजल से लेकर सीएनजी, इलेक्ट्रिक, हाइ्ब्रिड, हाइड्रोडन, इथेनॉल जैसे कई मॉडल मिल रहे हैं। ज्यादा ऑप्शन मिलने से कई बार कार खरीदने वाले ग्राहकों के बीच में बड़ा कन्फ्यूजन भी बन जाता है।
भारत में पहली कार साल 1897 में आई थी। ये भाप से चलने वाली डेमलर कार थी। इसे जमशेदजी टाटा के बेटे दोराबजी टाटा ने इंग्लैंड से मंगाया था। अब 128 साल के बाद देश के अंदर कारों का बाजार पूरी तरह बदल चुका है। पेट्रोल और डीजल से लेकर सीएनजी, इलेक्ट्रिक, हाइ्ब्रिड, हाइड्रोडन, इथेनॉल जैसे कई मॉडल मिल रहे हैं। ज्यादा ऑप्शन मिलने से कई बार कार खरीदने वाले ग्राहकों के बीच में बड़ा कन्फ्यूजन भी बन जाता है। खासकर सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों में से कौन ज्यादा बेहतर है? इनमें से किसी एक का सिलेक्शन कैसे किया जाए? इसे लेकर अक्सर असमंजस की स्थिति बन जाती है।
ऐसे में हम आपके सीएनजी कार और इलेक्ट्रिक कारों के कन्फ्यूज को दूर करने की कोशिश करते हैं। दरअसल, ये दोनों कार नेचर के लिए भी अच्छी माना जाती हैं। सीएनजी से जहां कार्बन उत्सर्जन कम होता है, तो इलेक्ट्रिक प्रकृति के लिए 100% बेहतर हैं। चलिए इनके नाम, काम और दम से इनसे जुड़े तमाम कन्फ्यूज को दूर करते हैं।
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क्या होती हैं सीएनजी और इलेक्ट्रिक कार?
सीएनजी (CNG) का मतलब कंप्रेस्ड नेचुरल गैस होता है। इसका इस्तेमाल पेट्रोल कारों के साथ किया जाता है। ये बायो फ्यूल होता है, जो पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करता है। इन कारों से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का उत्सर्जन कम होता है। इनमें पार्टिकुलेट मैटर (PM) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) का उत्सर्जन लगभग ना के बराबर होता है।
अब बात करें इलेक्ट्रिक कार की तो इसके नाम से ही साफ है कि ये बैटरी से चलने वाली कार है। इन कारों में बैटरी को लगाया जाता है जिसे बिजली की मदद से चार्ज किया जाता है। इन कारों में एक सीमित रेंज होती है। हालांकि, इन दिनों देश के अंदर इलेक्ट्रिक कारों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। कई बड़ी कंपनियां भी इस सेगमेंट में एंट्री कर रही हैं। टाटा मोटर्स और MG मोटर्स के पास इस सेगमेंट के सबसे ज्यादा मॉडल हैं।
सीएनजी या इलेक्ट्रिक, अपने लिए कैसे चुनें कोई कार?
जब भी हम कोई कार खरीदने का प्लान बनाते हैं, तब उसमें दो बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पहली ये कि कार खरीदने का पर्पज क्या है? यानी इसे पर्सनल इस्तेमाल के लिए लेना है, या फिर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए। दूसरी ये कि कार खरीदने के लिए आपका बजट क्या है? मान लीजिए आप रोजाना घर और ऑफिस से आने-जाने में 50Km का सफर तय करते हैं। तब आपके लिए ये दोनों कार बढ़िया ऑप्शन बन सकती हैं। यदि ये सफर 100Km के करीब होता है, तब हो सकता है कि आपके लिए इलेक्ट्रिक कार उतनी बेहतर ना रहे। इलेक्ट्रिक कारों की रेंज उसमें बैठने वाले पैंसजर के हिसाब से भी तय होती है। जबकि सीएनजी कारों के साथ ऐसा नहीं है।
सीएनजी की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों से सफर करते समय सबसे जरूरी प्लानिंग है। दरअसल, सीएनजी कारो में सीएनजी खत्म होने पर वो पेट्रोल मोड पर शिफ्ट हो जाएगी और इसे अगले सीएनजी स्टेशन तक आसानी से ले जाया सकता है। साथ ही, सीएनजी फिलिंग में 4 से 5 मिनिट का ही वक्त लगता है। दूसरी तरफ, इलेक्ट्रिक कारों के साथ ऐसा नहीं है। इनसे लिमिटेड दूरी ही तय की जा सकती है। जिसके बाद इन्हें चार्ज करना होगा। यदि कार चार्जिंग रास्ते में खत्म हो गई तब इसे टो कराने के अलावा दूसरी ऑप्शन नहीं होगा। इतना ही नहीं, अभी देश के अंदर हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन काफी कम हैं। साथ ही, फास्ट चार्जर से घंटाभर लग जाता है। जबकि नॉर्मल चार्जर से 7 से 8 घंटे लगते हैं।
बात करें इलेक्ट्रिक कारों की चार्जिंग में आने वाले खर्च की तो ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इलेक्ट्रिक कार का बैटरी पैक कितना पड़ा है। साथ ही, उस पैक को कितने किलोवाटर के चार्जर से चार्ज किया जा रहा है। जैसे, कार में यदि 25 kWh का बैटरी पैक दिया है, तब उसे नॉर्मल 3.3 kW AC होम चार्जर से फुल चार्ज होने में लगभग 8 घंटे लगते हैं। माना लिया जाए इन 8 घंटे के दौरान लगभग 20 यूनिट खर्च होती हैं। वहीं, प्रति यूनिट का खर्च लगभग 10 रुपए है। तब कार फुल चार्जिंग में करीब 200 रुपए खर्च हो सकते हैं।
अब बात करें कार को फास्ट चार्जर से चार्ज करने की तो आपकी स्टेट में बिजली की दरें कितनी है, इसके हिसाब से ही चार्जिंग की कॉस्ट तय की जाएगी। जैसे, दिल्ली में लॉन टेंशन चार्जिंग (22kW) के लिए 4.5 रुपए प्रति यूनिट और हाई टेंशन वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 5 रुपए प्रति यूनिट चार्ज है। चार्जिंग सुविधा के आधार पर भी सर्विस चार्ज लगता है। यानी दिल्ली में 25 kWh बैटरी पैक वाली इलेक्ट्रिक कार को पूरी तरह से चार्ज करने के लिए लगभग 3 घंटे और 150 रुपए खर्च होंगे।
अब बात करें सीएनजी कारों की तो इनमें भी अलग-अलग कैसेसिटी और वजन के हिसाब से सिलेंडर आते हैं। इसमें गैस भरतने की कैपेसिटी भी अलग-अलग होती है। जैसे, मान लिया जाए कि 14 किलोग्राम CNG सिलेंडर का वजन लगभग 70 किलोग्राम तक होता है। वहीं, इसमें मैक्सिमम 10 किलोग्राम तक गैस आ जाती है। दिल्ली में सीएनजी की कीमत करीब 75 रुपए प्रति किलोग्राम है, तब सिलेंडर फुल कराने पर आपको करीब 750 रुपए खर्च करने होंगे। मान लिया जाए कि आपकी कार 1Kg सीएनजी में 25Km का माइलेज देती है तब इससे करीब 250Km का सफर तय कर पाएंगे।
हर साल किस कार से कितनी बचत?
अब बात करें इन कारों से होने वाली बचत की तो इसका कैलकुलेशन पेट्रोल और डीजल से होने वाले खर्च की तुलना में किया जाएगा। आमतौर पर इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर दूसरे सभी प्रकार के व्हीकल की तुलना में ज्यादा बचत करते हैं। वहीं, पेट्रोल की तुलना में सीएनजी कारों से भी बचत की जा सकती है। इसका बड़ा कारण सीएनजी का सस्ता और ज्यादा माइलेज का होना है। तो आप इनमें से किसी कार को खरीदने का प्लान बना रहे हैं तब आपको बचत का कैलुकेशन भी समझ लेना चाहिए।
दिल्ली में एक किलो CNG की कीमत करीब 75 रुपए है, जबकि एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 95 रुपए है। अब आप मारुति की सेलेरियो कार खरीदते हैं। इसका पेट्रोल माइलेज 26Kmpl और CNG से माइलेज 34Km/Kg है। तब आपकी बचत का कैलकुलेशन कुछ इस तरह होगा। सेलेरियो से पेट्रोल मोड पर चलने में 1Km का खर्च करीब 2.20 रुपए होगा। जबकि CNG मोड से चलने में 1Km का खर्च करीब 3.65 रुपए होगा। यानी दोनों के बीच प्रति किलोमीटर 1.45 रुपए का अंतर है। अब ऐसे में आप एक दिन में 50Km कार चलाते हैं तब CNG से आपकी बचत 72.5 रुपए की होगी। यानी महीने (30 दिन) में करीब 2,175 रुपए और साल में 26,100 रुपए की बचत होगी।
अब बात करें इलेक्ट्रिक कार की तो, मान लिया जाए कि किसी कार को फुल चार्ज होने में 200 रुपए की बिजली खर्च होती है। जबकि उसकी रेंज 200Km है। तो उस इलेक्ट्रिक कार से 1Km चलने का खर्च सिर्फ 1 रुपया होगा। दूसरी तरफ, एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 95 रुपए है। ऐसे में मारुति सेलेरियो का माइलेज 26Kmpl है। तब 1Km का खर्च करीब 3.65 रुपए होगा। अब बचत की बात करें तो इन दोनों कारों में प्रति किलोमीटर 2.65 रुपए का अंतर है। अब ऐसे में आप एक दिन में 50Km कार चलाते हैं तब इलेक्ट्रिक कार से आपकी बचत 132.5 रुपए की होगी। यानी महीने (30 दिन) में करीब 3,975 रुपए और साल में 47,700 रुपए की बचत होगी।
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