Papankusha Ekadashi 2024 : पापांकुशा एकादशी का व्रत पारण कब करें? जानें टाइम व विधि
- Papankusha Ekadashi 2024 : आज व कल दोनों ही दिन एकादशी व्रत रखा जा सकता है। पापांकुशा एकादशी की पूजा ही नहीं पारण का भी मुहूर्त देखा जाता है। आइए जानते हैं कब होगा पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण व विधि-
Papankusha Ekadashi 2024, पापांकुशा एकादशी: आज कई भक्त जन पापांकुशा एकादशी का व्रत रख रहे हैं। कुछ जातक उदया तिथि के चलते कल भी पापांकुशा एकादशी व्रत रख सकते हैं। मान्यताओं की मानें तो पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं, पापांकुशा एकादशी की पूजा ही नहीं पारण का भी मुहूर्त देखा जाता है। आइए जानते हैं कब होगा पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण व विधि-
एकादशी तिथि कब से कब तक- पंचांग के अनुसार, आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 13 अक्टूबर, 2024 को सुबह 9 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। तिथि की समाप्ति 14 अक्टूबर, 2024 को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर होगी।
पापांकुशा एकादशी का व्रत पारण कब करें?
पापांकुशा एकादशी का व्रत कुछ जातक आज रखेंगे। उदया तिथि के चलते कुछ लोग कल भी व्रत रखने वाले हैं। पापांकुशा एकादशी का व्रत दोनों की दिन कर सकते हैं। 13 अक्टूबर के दिन व्रत रखने वाले जातक 14 अक्टूबर को दोपहर 01:16 बजे से दोपहर 03:34 बजे के बीच व्रत पारण कर सकते हैं। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 11:56 बजे रहेगा।
14 अक्टूबर के दिन व्रत रखने वाले जातक 15 अक्टूबर को, सुबह 06:22 से सुबह 08:40 तक व्रत पारण कर सकते हैं। इस दिन पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।
एकादशी तिथि कब से कब तक- पंचांग के अनुसार, आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 13 अक्टूबर, 2024 को सुबह 9 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। तिथि की समाप्ति 14 अक्टूबर, 2024 को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर होगी।
पापांकुशा एकादशी का व्रत पारण कब करें?
पापांकुशा एकादशी का व्रत कुछ जातक आज रखेंगे। उदया तिथि के चलते कुछ लोग कल भी व्रत रखने वाले हैं। पापांकुशा एकादशी का व्रत दोनों की दिन कर सकते हैं। 13 अक्टूबर के दिन व्रत रखने वाले जातक 14 अक्टूबर को दोपहर 01:16 बजे से दोपहर 03:34 बजे के बीच व्रत पारण कर सकते हैं। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 11:56 बजे रहेगा।
14 अक्टूबर के दिन व्रत रखने वाले जातक 15 अक्टूबर को, सुबह 06:22 से सुबह 08:40 तक व्रत पारण कर सकते हैं। इस दिन पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।|#+|
व्रत पारण के समय ध्यान रखें ये बातें- दृक पंचांग के अनुसार, पापांकुशा एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्य के उदय होने के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी माना जाता है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना शुभ नहीं माना जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो विष्णु भक्त व्रत कर रहे हैं, उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने का इंतजार करना चाहिये। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि मानी जाती है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे शुभ समय प्रातः काल का होता है। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातः काल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
कैसे करें पापांकुशा एकादशी व्रत पारण: एकादशी व्रत का पारण पूजा करने के पश्चात्य प्रसाद ग्रहण करके करना शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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