Hindi Newsधर्म न्यूज़Margashirsha Purnima 2024 Timing Puja Muhurta upay pooja vidhi on 15th December

15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, जानें पूजा मुहूर्त, उपाय व विधि

  • Margashirsha Purnima 2024 : दिसंबर में पड़ने वाली पूर्णिमा 15 दिसंबर को है। मान्यता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 11 Dec 2024 08:52 PM
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Margashirsha Purnima 2024 : दिसंबर में पड़ने वाली पूर्णिमा मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जानी जाएगी। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी व विष्णु भगवान की उपासना की जाती है। पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजन शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय-

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15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत: इस साल मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर, शनिवार के दिन शाम 04 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो रविवार, 15 दिसंबर के दिन दोपहर 02 बजकर 31 मिनट तक रहने वाली है। उदयातिथि के अनुसार, साल की मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मान्य होगी और इसी दिन पूर्णिमा व्रत और दान-स्नान किया जाएगा। पूर्णिमा उपवास के दिन चन्द्रोदय समय शाम 05:14 बजे है।

पूर्णिमा पूजा-विधि

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और लक्ष्मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।

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पूजा मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- 05:17 ए एम से 06:12 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या- 05:44 ए एम से 07:06 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:56 पी एम से 12:37 पी एम
  • विजय मुहूर्त- 02:00 पी एम से 02:41 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 05:24 पी एम से 05:51 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या- 05:26 पी एम से 06:48 पी एम
  • अमृत काल- 06:06 पी एम से 07:36 पी एम
  • निशिता मुहूर्त- 11:49 पी एम से 12:44 ए एम, दिसम्बर 16
  • चंद्रोदय समय- 05:14 पी एम

उपाय- पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे मानसिक सुख-शांति भी बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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