बोले रुद्रपुर:: इंटरसिटी बसों की मनमानी के आगे विभाग बेबस, यात्री परेशान
इंटरसिटी बसों को हल्द्वानी से सिडकुल में काम करने वालों की सुविधा के लिए चलाया गया था, लेकिन ये बसें अब परेशानी का कारण बन गई हैं। यात्रियों को बसों के रूट के अनुसार सिडकुल परिसर तक पैदल चलना पड़ता...

इंटरसिटी बसों को इसलिए चलाया गया था कि इससे हल्द्वानी आदि क्षेत्रों से प्रतिदिन सिडकुल स्थित कंपनियों में नौकरी करने वाले लोगों को सुविधा मिल सके, लेकिन यही बसें यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं। इंटरसिटी बसों के तय रूट के हिसाब से इन्हें सिडकुल परिसर से होकर गुजरना चाहिए, लेकिन वर्तमान में एक भी बस सिडकुल परिसर से आती-जाती नहीं है। हल्द्वानी के यात्रियों को इसके लिए नैनीताल रोड तक पैदल चलकर आना पड़ता है। इसके अलावा इंटरसिटी बसों में किराया सूची चस्पा न होने से यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूला जाता है। ऐसे में कई यात्रियों ने परिवहन निगम का मासिक किराया पास बनाया, लेकिन निगम की बसें भी सिडकुल कर्मियों को देखकर नहीं रुकती हैं।
लोगों ने कहा कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर में करने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका है। सिडकुल कर्मी इंटरसिटी और परिवहन निगम की बसों को लेकर बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि जिन इंटरसिटी बसों को उनकी सुविधा के लिए शुरू किया गया था, वह वर्तमान में उनके शोषण का कारण बन गई हैं। कहा कि सभी इंटरसिटी बस को सिडकुल परिसर के भीतर करीब 7 किलोमीटर घूमकर मुख्य हाईवे पर आना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में एक भी बस इस नियम का पालन नहीं कर रही है। इक्का-दुक्का बसें सिडकुल परिसर से होकर जरूर गुजरती हैं, लेकिन उनके महीने के यात्री फिक्स हैं। वह सिडकुल के अंदर उन्हीं को लेने व छोड़ने आती हैं। ऐसी बसें सामान्य यात्रियों को नहीं बैठाती हैं। इसके अलावा इंटरसिटी बसों में क्षमता से अधिक यात्री बैठाने और परिवहन निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने की शिकायत भी आम है। लोगों ने कहा कि देर शाम ज्यादातर इंटरसिटी बसों में मानकों के हिसाब से तय 35 यात्रियों की तुलना में अधिक सवारियां भरी जाती हैं। ऐसे में ज्यादातर यात्रियों को खड़े-खड़े यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। कहा कि ज्यादातर इंटरसिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं। यह यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। इसके अलावा इंटरसिटी बसों में किराया सूची लगाने के आदेश हैं, लेकिन ज्यादातर बसों में किराया सूची नहीं लगाई गई है। इस कारण यात्रियों से तय किराए से अधिक वसूल किया जाता है। कहा कि लोगों ने परिवहन निगम की बसों में यात्रा करना शुरू किया। शुरुआत में लगभग सभी लोगों ने परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने के लिए मासिक पास बनवाए, लेकिन इसके बाद निगम की बसों ने भी सिडकुल स्थिति स्टॉप पर रुकना बंद कर दिया। कहा कि बस स्टॉप होने के बाद भी निगम की बसों के नहीं रुकने की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर की गई थी। इसके बाद कुछ समय तक निगम की बसें स्टॉप पर रुकीं, लेकिन बाद में स्थिति पहले जैसी हो गई। तय मार्ग से नहीं जाती हैं इंटरसिटी बसें : इंटरसिटी बसें नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, लेकिन इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं होने से यात्रियों में नाराजगी है। लोगों ने कहा कि वर्ष 2013-14 में इंटरसिटी बसों को सिडकुल कर्मियों के लिए ही चलाया गया था। ऐसे में इसका एक निश्चित मार्ग तय किया गया था। इसके तहत प्रत्येक इंटरसिटी बस को सिडकुल परिसर के भीतर से होकर जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान में ज्यादातर बसें इस नियम का पालन करती हैं। कहा कि वर्तमान में जो बसें सिडकुल के भीतर से होकर आती हैं, वह भी सामान्य यात्रियों के लिए नहीं रूकती हैं, बल्कि उनकी निश्चित सवारियां हैं, जो महीने के हिसाब से उन्हें किराया देती हैं। बताया कि हल्द्वानी से आने वाली इंटरसिटी बसों को पारले चौक से पानी की टंकी और ब्रिटानिया चौक पर यात्रियों को छोड़ते हुए मुख्य हाईवे में आना चाहिए, लेकिन इंटरसिटी बसें यात्रियों को नैनीताल रोड पर ही उतार देती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होती है। उन्हें मुख्य सड़क तक पैदल आना-जाना पड़ता है। ज्यादातर बसों में किराया सूची और सीसीटीवी कैमरे नहीं : रुद्रपुर और हल्द्वानी के बीच चलने वाली ज्यादातर इंटरसिटी बसों में किराया सूची चस्पा नहीं है। इससे बस वाले अक्सर यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलते हैं। यात्रियों ने बताया कि इंटरसिटी बसों में दूरी के हिसाब से किराया तय किया गया है। यात्रियों को अपने गंतव्य तक का किराया देने में सहूलियत हो, इसलिए सभी बसों में किराया सूची लगाए जाने के निर्देश हैं, लेकिन वर्तमान में ज्यादातर बसों में किराया सूची नहीं लगाई गई है। इससे परिचालक अक्सर यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलते हैं। कहा कि किराया सूची नहीं होने से अक्सर यात्री भी बहस करने से बचते हैं। रुद्रपुर से हल्द्वानी की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। इसके लिए प्रत्येक यात्री से 50 रुपये किराया लिया जाता है, लेकिन हल्द्वानी से 3-4 किलोमीटर पहले बेलबाबा, देवलचौड़ आदि स्थानों पर उतरने वाली यात्रियों से भी पूरा किराया वसूल किया जाता है। इसी तरह हल्द्वानी से पंतनगर मोड़, सिडकुल तक आने वाले यात्रियों से भी पूरा किराया लिया जाता है। कहा कि इंटरसिटी बस संचालकों की इस मनमानी पर रोक लगनी चाहिए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत के बाद भी नहीं रुकतीं रोडवेज बसें : सिडकुल कर्मियों के लिए परिवहन निगम की बसें भी नहीं रुकती हैं। सिडकुल कर्मियों ने बताया कि ब्रिटानिया, पारले आदि चौकों पर बस स्टॉप होने के बाद भी परिवहन निगम की बसें नहीं रुकती और सीधे चली जाती हैं। इस संबंध में लोगों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद बसों को रोकने के लिए परिवहन निगम ने इन चौकों पर कुछ दिनों के लिए अपने कर्मचारियों की नियुक्ति भी की, लेकिन इसके बाद भी निगम की बसें सिडकुल कर्मियों के लिए नहीं रुकी थीं। बताया कि पूर्व में ज्यादातर सिडकुल कर्मचारियों ने परिवहन निगम से करीब 1500 रुपये का मासिक पास भी बनाया था, लेकिन जब निगम की बसें सवारियों को देखकर भी अनदेखा करनी लगीं तो लोगों ने मासिक पास बनाना बंद कर दिया। ज्योति नागरकोटी आदि ने बताया कि उन्होंने परिवहन निगम का मासिक पास बनाया था, लेकिन एक-दो दिन ही निगम की बस में सफर कर पाईं, क्योंकि निगम के चालक-परिचालक मासिक पास वाली यात्रियों को पहचान जाते हैं और उन्हें देखने के बाद बस नहीं रोकते हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की अधिकतर बसें स्टॉप पर रुकती हैं, लेकिन उसमें किराया ज्यादा होने के कारण यात्री मजबूरी में ही उनमें सफर करते हैं। यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह भरकर ले जाते : इंटरसिटी बसों के चालक-परिचालक अक्सर क्षमता से अधिक यात्री लेकर जाते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। यात्रियों ने बताया कि देर शाम रुद्रपुर से हल्द्वानी को जाने वाली बसों की संख्या बहुत कम होती है। उस समय लोगों को भी घर पहुंचने की जल्दी होती है। ऐसे में इंटरसिटी बसों के चालक व परिचालक बस में यात्रियों को भेड़-बकरी की तरह भरकर ले जाते हैं। कई बार महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों आदि को भी हल्द्वानी तक खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ती है। असुविधा में सफर करने के बावजूद यात्रियों से पूरा किराया वसूल किया जाता है। सिडकुल कर्मियों ने बताया कि पूर्व में रुद्रपुर से हल्द्वानी का किराया 30 रुपये था, लेकिन इंटरसिटी बसों के संचालकों ने क्षमता से अधिक यात्री नहीं ले जाने की बात कहकर किराया बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया। इसके बावजूद वह वर्तमान में भी 35 सीट वाली बस में 45-50 यात्रियों को ले जाते हैं। कहा कि वाहन की क्षमता से ज्यादा भार ले जाने से यात्रियों को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगती है। कहा कि पूर्व में ऐसे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिसमें यात्री चोटिल तक हो चुके हैं। लालकुआं और बाजार क्षेत्र के लिए भी चलाई जाएं बसें : लालकुआं और बाजार क्षेत्र से भी प्रतिदिन लोग सिडकुल स्थित कंपनियों में कार्य करने आते हैं, लेकिन उन्हें ई-रिक्शा, ऑटो आदि में सफर करना पड़ता है। लोगों ने कहा कि लालकुआं आदि क्षेत्र से भी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में सिडकुल कर्मी आते-जाते हैं, लेकिन उनके लिए इंटरसिटी बसों जैसी सुविधा नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी होती है। कहा कि ज्यादातर ई-रिक्शा, ऑटो आदि रुद्रपुर से ही पूरी सवारियां भरकर आते हैं। ऐसे में वह ब्रिटानिया और पारले चौक पर बहुत कम रुकते हैं। इससे यात्रियों को घंटों ई-रिक्शा, ऑटो आदि का इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह बाजार क्षेत्र से आने वाले कर्मचारियों के लिए भी इंटरसिटी बस जैसी सुविधा नहीं है। उन्हें भी ई-रिक्शा, ऑटो आदि उपयोग कर ऑफिस आना पड़ता है, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। कहा कि पूरे शहर के लिए सिटी बसें चलाई जानी चाहिए। कहा कि उनमें नियमों का कायदे से पालन किया जाना चाहिए। शिकायतें 1-इंटरसिटी बसें तय मार्ग से नहीं जाती हैं। इससे सिडकुल कर्मियों को करीब 7 किलोमीटर पैदल चलकर नैनीताल रोड तक आना पड़ता है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है। 2-ज्यादातर इंटरसिटी बसों में किराया सूची और सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इससे यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल किया जाता है और उनकी सुरक्षा को भी खतरा होता है। 3-परिवहन निगम की बसें भी सिडकुल स्थित स्टॉप पर नहीं रुकती हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने के बाद भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। 4-किराए में वृद्धि के बावजूद इंटरसिटी बसों के चालक और परिचालक अक्सर क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाते हैं। इससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है। 5-लालकुआं और बाजार क्षेत्र से भी सिडकुल में स्थित कंपनियों में कार्य करने लोग आते हैं, लेकिन उनके लिए सिटी बस जैसी कोई सुविधा नहीं है। इसे चलाया जाना चाहिए। सुझाव 1-परिवहन विभाग को सख्ती से इंटरसिटी बसों को तय मार्ग से जाने के लिए बाध्य करना चाहिए, जिससे यात्रियों को पैदल न चलना पड़े और उन्हें राहत मिस सके। 2-सभी इंटरसिटी बसों में किराया सूची चस्पा की जानी चाहिए। इससे यात्रियों को अतिरिक्त किराना नहीं देना होगा। साथ ही सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। 3-परिवहन निगम की बसें सिडकुल स्थित स्टॉप पर भी रुकें, इसके लिए विभाग के अधिकारियों को चालकों को सख्त निर्देश देने चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी। 4-इंटरसिटी बसों में भार क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाया जाए, इसके लिए परिवहन विभाग को नियमित जांच करनी चाहिए, तभी इनकी मनमानी पर अंकुश लग सकेगा। 5-लालकुआं और बाजार क्षेत्र से सिडकुल स्थित कंपनियों में कार्य करने वालों के लिए सिटी बसें चलाई जानी चाहिए, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। साझा किया दर्द इंटरसिटी बसों में किराये को लेकर काफी मनमानी है। वह यात्रियों को लूटते हैं। परिवहन निगम की बसों को सिडकुल स्थित स्टॉप पर रुकना चाहिए। लोगों को परेशानी होती है। -ज्योति नागरकोटी यदि सरकारी बसें सिडकुल स्थित स्टॉप पर रुकना शुरू कर दें तो लोग इंटरसिटी बसों में सफर नहीं करेंगे। इंटरसिटी बसों के परिचालक अत्यधिक किराया वसूलते हैं। -महेश चंद्र भट्ट नियमों के अनुसार इंटरसिटी बसों में भार क्षमता के बराबर ही सवारियों को बिठाया जाना चाहिए, लेकिन बसों में लोगों को जबरदस्ती बैठाया जाता है। सख्ती होनी चाहिए। -दीपा बिष्ट इंटरसिटी बसों में नियमों का पालन कराया जाना चाहिए। आम यात्रियों को काफी परेशानी होती है। सिडकुल में लोग प्रतिदिन आते हैं, उनकी सुविधा का ख्याल रखा जाना चाहिए। -इशिका जोशी सरकारी बसों को सिडकुल कर्मचारियों के लिए रुकना चाहिए। पूर्व में किराए का मासिक पास बनाया था, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाया। दोबारा पास नहीं बनाया। -योगेंद्र पांडे लालकुआं आदि के लिए भी सिटी बसें चलाई जानी चाहिए। वहां से प्रतिदिन कई लोग सिडकुल में आते हैं। रुद्रपुर से हल्द्वानी के बीच चलने वाली इंटरसिटी बसों को लेकर बहुत शिकायतें हैं। -नीरज देर शाम इंटरसिटी बस में सीट नहीं मिलती है। अक्सर खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ती है। पूर्व में किराया कम था, लेकिन उसे बढ़ा दिया गया। बस संचालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। -करन शर्मा इंटरसिटी बस संचालक हर नियम को ताक पर रखते हैं। वह काफी अधिक सवारियां ले जाते हैं। मनमाना किराया वसूलते हैं। हमें रोजाना आना होता है, इसलिए ज्यादा नहीं बोल सकते हैं। -संजू इंटरसिटी बसें हमारी सुविधा के लिए चलाई गई थीं, लेकिन वर्तमान में यह नियमों का पालन नहीं करती हैं। सरकारी बसों के चालक-परिचालकों के खिलाफ भी कदम उठाया जाए। -दिनेश चंद्र पूर्व में भी इंटरसिटी बसों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी। कुछ दिनों तक उन्होंने नियमों का पालन किया, लेकिन बाद में ढाक के वही तीन पात वाली स्थिति हो गई। -मुकुल परिवहन निगम और परिवहन विभाग के अधिकारियों की सुस्ती के कारण लोगों को असुविधाएं होती हैं। यदि इन विभाग के अधिकारी सख्ती दिखाएं तो लोगों को राहत मिलेगी। -दिनेश तिवारी इंटरसिटी बसों को नियमों का पालन करना चाहिए। यदि इंटरसिटी बसें सिडकुल के भीतर से होकर जाएंगी तो लोगों को पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक नहीं आना पड़ेगा। -चंद्रमोहन लखेड़ा बोले एआरएम रुद्रपुर डिपो की गाड़ियां सिडकुल स्टॉप पर रुकती हैं। कई बार हल्द्वानी, अल्मोड़ा आदि की बसों के नहीं रुकने की शिकायत आती है। कुछ समय के लिए वहां चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। बसें नहीं रोकने पर चालक-परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - केएस राना, एआरएम, रुद्रपुर डिपो बोले एआरटीओ सभी इंटरसिटी बसों की जांच की जाएगी। नियमों का पालन नहीं करने वाले बस संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - नवीन सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन
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