गंगा को बचाने के लिए सहायक नदियों को महत्व देना होगा : जोशी
राष्ट्रीय नमामि गंगे कार्यक्रम के निदेशक नलिन श्रीवास्तव ने हेस्को के कार्यों का अध्ययन किया। डॉ. अनिल जोशी ने गंगा को बचाने के लिए छोटी नदियों को महत्व देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने मंदिरों से नई...

राष्ट्रीय नमामि गंगे कार्यक्रम के निदेशक नलिन श्रीवास्तव ने हेस्को की ओर से किए कार्यों का अध्ययन किया। उन्होंने बेकरी, जड़ी-बूटियों से बनी अगरबत्ती, मोटे अनाजों के अद्भुत प्रयोग का अवलोकन किया। इस दौरान हेस्को के संस्थापक पद्भभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि यदि गंगा को बचाना है तो उससे अधिक महत्व हमें उन तमाम छोटी नदी, गाड-गदेरों को महत्व देना होगा, जिनसे मिलकर गंगा बनती है। डॉ. जोशी ने कहा कि गंगा के जलागम क्षेत्रों की स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है, यही कारण है आज के प्रवाह को लेकर चिंता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों से भी एक नई आर्थिकी का निर्माण संभव है, जैसा उत्तराखंड ने अपने प्रयोगों के माध्यम से सिद्ध किया है।
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि विभिन्न मंदिरों को गंगा से जोड़ा जाए तो हम गंगा और उससे जुड़े लोगों के लिए आर्थिकी और पारिस्थितिकी के स्तर पर न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं। इस मौके पर अनिल डंगवाल, कुसुम, रघु कंडवाल, मुकेश, सुषमा बहुगुणा, बबीता सकलानी, इंदु गोयल, त्रिलोक नारायण, अनिल भट्ट, डॉ. किरण, डॉ. हिमानी, मालती सेमवाल, डॉ. सुधा शर्मा, पारुल, नीति, प्रियंका आदि मौजूद रहे।
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