सुहागरात पर पति-पत्नी मौत के लिए कौन जिम्मेदार? मोटिव में उलझी पुलिस; गहराया बंद कमरे का राज
- हर शख्स की जुबान पर बस एक ही सवाल है कि सुहागरात पर पति-पत्नी की मौत के पीछे आखिर क्या है? पुलिस मोटिव की तलाश में जुटी है। फिलहाल परिस्थितियों और घटनाक्रम की पड़ताल करें तो यह संकेत होता है की घटना के लिए पति-पत्नी के अलावा कोई अन्य है जो जिम्मेदार है मगर आखिर वो है कौन?

यूपी के अयोध्या में सुहागरात हुई पति-पत्नी की मौत की गुत्थी अब भी अनसुलझी है। नवदंपति की मौत को 36 घंटे गुजर चुके हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे बंद कमरे का राज ओर गहराता जा रहा है। परिवार में मातम फैला है। हर शख्स की जुबान पर बस एक ही सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? पुलिस भी मोटिव की तलाश में जुटी है। फिलहाल परिस्थितियों और घटनाक्रम की पड़ताल करें तो यह संकेत होता है की घटना के लिए पति-पत्नी के अलावा कोई अन्य है जो जिम्मेदार है मगर आखिर वो है कौन?
अयोध्या के कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज मुरावन टोला में रविवार की सुबह प्रीतिभोज की तैयारी के बीच मुरावन टोला में नव दंपति के मौत का मामला प्रकाश में आया था। घटना के एक दिन पहले ही मोहल्ला निवासी प्रदीप अपनी पत्नी शिवानी को खंडासा थाना क्षेत्र के मोहलिया डीली सरैया से विदा कराकर लाया था और सुहागरात को ही यह दुखद घटनाक्रम हो गया। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह साबित हो गया है कि प्रदीप ने पहले गला घोंटकर शिवानी की हत्या की थी और फिर सफेद अंगोछे से फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। मगर बड़ा सवाल है कि अचानक उसने ऐसा क्यों किया? इसके पीछे कोई न कोई कारण रहा होगा।
परिवार के लोगों के मुताबिक दोनों की शादी रजामंदी से हुई थी और शादी के पहले दोनों में बातचीत होती रहती थी। ऐसे में माना जा रहा है घटना का कारण अचानक पैदा हुआ। मगर यह नवविवाहिता शिवानी की तरफ से पैदा हुआ अथवा प्रदीप की ओर से। वाकया बंद कमरे में हुआ और घटनाक्रम के गवाह केवल नव दंपति प्रदीप और शिवानी ही थे। दोनों नहीं बचे,जो घटना के बारे में कुछ बता सकें। अब कारण की जानकारी के लिए केवल परिस्थितियों का गहन विश्लेषण किया जाना है अथवा फिर नव दंपति के इतिहास और संबंधों को खंगाला जाना है।
महज हालात है या कोई जीवित शख्स
घटनाक्रम के विश्लेषण और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हुआ है कि जो कुछ भी हुआ,वह सब सुहागरात के पहले ही हो गया। इस विवाद अथवा घटना की वजह कोई जीवित शख्स है या परिस्थिति। इस पर आगे विवेचना और पड़ताल किया जाना है। प्रदीप के परिवार और उसको करीब से जानने वाले दोस्तों का कहना है कि प्रदीप केवल अपने जिम्मेदारियों और टाइल्स लगाने के धंधे में उलझा रहता था। अगर उसका किसी से प्रेम प्रसंग होता तो वह शादी के लिए इंकार कर मनपसंद जगह शादी करता। प्रदीप ने राजी खुशी विवाह किया था और विवाह के दौरान भी काफी खुश था। इससे एक बात स्पष्ट हो रही है कि प्रदीप के पक्ष से कोई बात नहीं थी जो भी घटना का कारण बनी। रही बात शिवानी के पक्ष की तो अभी उस तरफ से ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। उधर हालत की बात करें तो समझ में आता है कि वाकया सुहागरात मनाने के पहले हो गया। यह लड़की की ओर से सुहागरात मनाने से इनकार करने के कारण हुआ अथवा किसी और वजह से? इस बात की पड़ताल होना अभी बाकी है। क्षेत्राधिकार नगर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि मामले में कैंट थाना पुलिस हर पहलू का बारीकी से विवेचना कर रही है। घटना हुई है तो कारण कोई जरूर रहा होगा। कारण की जानकारी के लिए परिस्थित जन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों का एकत्रीकरण और विश्लेषण किया जा रहा है।
शिवानी का गला दबाया गया, फांसी लगाने से हुई प्रदीप की मौत
नव दंपत्ति की मौत को लेकर वर-वधु का परिवार सदमे में है तो क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। घटना में नवविवाहिता शिवानी की हत्या के बाद युवक प्रदीप की ओर से फांसी लगाए जाने की बात समाने आई है। यह खुलासा डाक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी के बीच हुए पोस्टमार्टम में हुआ है। पुलिस को मौके से कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है,जिससे घटना का कारण माना जा सके। फिलहाल पुलिस कारण की तलाश में जुटी है।
रविवार की सुबह प्रीतिभोज की तैयारियों के बीच नव दंपत्ति के मौत का मामला सामने आया था। मुरावन टोला निवासी युवक प्रदीप कुमार कमरे में पंखे से सफेद गमछे के सहारे फंदे से लटका मिला था और वन विवाहिता अपने बिस्तर पर मृत मिली थी। खबर फैलने के बाद क्षेत्र में हलचल मच गई और रोदन-विलाप शुरू हो गया। सुहागरात के बाद नवदंपत्ति की मौत को लेकर पुलिस के अधिकारियों और टीम से डेरा डाल दिया तथा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की इकाई को भी मौके पर बुला लिया गया। पुलिस ने कमरे से प्रदीप का मोबाईल अपने कब्जे में लिया और इसकी छानबीन की लेकिन उसमें कोई पुख्ता सुराग नहीं मिला।
मृतका बिस्तर पर कंबल ओढ़े पड़ी थी। कमरे में न तो कोई जहर की शीशी मिली और न ही कोई अन्य संदिग्ध वस्तु। जांच में यह बात सामने आई कि उसके गले पर एक निशान था, जिसको लेकर गला दबा अथवा गला घोटकर हत्या किये जाने की आशंका जताई जा रही थी और दरवाजा भीतर से बंद होने के चलते माना जा रहा था मृतक ने फंद से लटककर जान दी है। हालांकि ऐसा क्यों हुआ ? इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया। मायके वालों के पहुँचने के बाद पुलिस ने पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम कराया तो आशंका सच साबित हुई। प्रदीप की मौत हैंगिंग तथा शिवानी की गला घोटने के चलते पाई गई। सीओ सिटी शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि रिपोर्ट के मुताबिक प्रदीप ने शिवानी की गला घोंट हत्या के बाद फांसी लगा ली। उसने ऐसा क्यों किया इस बात की जाँच कराई जा रही है। अभी किसी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।
क्यों लगा दी खुशियों में आग
नवदंपत्ति की मौत के बाद वर और वधु दोनों पक्षों में मातम का माहौल है। परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है तो चूल्हा-चौका शांत पड़ा है। नात-रिश्तेदार एकत्र हो रहे हैं और शुभचिंतकों की ओर से शोक-सांत्वना का दौर जारी है। हर कोई बस एक ही सवाल करता दिख रहा है कि आखिर यह सब कैसे हो गया। पीएम रिपोर्ट के बाद इस बात पर ज्यादा चर्चा है कि आखिर प्रदीप ने खुशियों में आग क्यों लगा दी ? आखिर कौन बात हुई, जिसके कारण उसको ऐसे कृत्य के लिए मजबूर होना पड़ा। परिवार वालों का कहना है कि पहले तो ऐसी कोई बात नहीं थी। छह-सात माह पूर्व दोनों की रजामंदी से रिश्ता तय हुआ था और शादी के पहले प्रदीप और शिवानी में बातचीत भी हो रही थी। प्रदीप अपनी देखरेख में ही शादी की सारी तयारी करवा रहा था और शादी में उसने दोस्तों संग डांस भी किया था।
एक साथ जली दो चिताएं
सोलह शृंगार उतरा भी न था कि शिवानी की जान चली गई। वहीं मेहर का रंग फीका होने के पहले प्रदीप चला गया। कैंट से लेकर खंडसा थाना तक दोनों परिवारों में मातम है। दोनों पक्षों की रजामंदी से नव दंपत्ति का जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया है। लड़की शिवानी के पिता मंगू का कहना है कि हमने तो अपनी पड़की इनको दे दी थी। उसके बाद सारी जिम्मेदारी इनकी है। लड़के के बड़े भाई दीपक ने मुखाग्नि दी है।
परिवार में सबसे छोटा और दुलारा था प्रदीप
दुखद घटनाक्रम का शिकार हुआ सहादतगंज के मुरावन टोला का रहने वाला प्रदीप पासी अपने परिवार में सबसे छोटा और सभी का दुलारा था। वह टाइल्स लगाने का कार्य करता था और अपने कार्य में काफी निपुण था। जबकि उसका बड़ा भाई दीपक कुमार मोटर मैकेनिक है। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले उसके पिता भग्गन की एक दशक से पहले ही मौत हो चुकी है और परिवार में मां के अलावा तीन बहने हैं।
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