अदाणी पावर से यूपी खरीदेगा 1500 मेगावॉट बिजली, मिर्जापुर में लगेगा पावर प्लांट; आदेश जारी
कैबिनेट से मंजूरी के बाद ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। प्लांट लगाने के लिए पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी की गई प्रतिस्पर्धात्मक निविदा अदाणी पावर के पक्ष में रही थी। 800-800 मेगावॉट की दो इकाइयां लगाई जाएंगी। 2030-31 में इस परियोजना से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा।
अदाणी पावर मिर्जापुर में 1600 मेगावॉट की तापीय विद्युत परियोजना लगाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश 1500 मेगावॉट बिजली खरीदेगा। कैबिनेट से मंजूरी के बाद ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। प्लांट लगाने के लिए पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी की गई प्रतिस्पर्धात्मक निविदा अदाणी पावर के पक्ष में रही थी। 800-800 मेगावॉट की दो इकाइयां लगाई जाएंगी। जानकारी के मुताबिक, 2030-31 में इस परियोजना से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। 1500 मेगावॉट की बिजली खरीद का करार 5.383 रुपये प्रति यूनिट की दर पर 25 साल के लिए किया गया है। इसमें 3.727 रुपये प्रति यूनिट फिक्स्ड चार्ज होगा जबकि 1.656 रुपये प्रति यूनिट ईंधन चार्ज होगा। भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग ने यह करार किया है।
बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर सतर्कता
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का नियमानुसार कार्य आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आगे के आंदोलन कार्यक्रमों को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सभी जिला अधिकारियों, पुलिस कप्तानों, पुलिस कमिश्नरों और मंडलायुक्तों को पत्र लिखकर हड़ताल की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने इस पत्र पर कहा है कि कॉरपोरेशन बिजली कर्मचारियों पर हड़ताल थोपना चाहता है।
एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक, मानक बोली पर चर्चा
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एनर्जी टास्क फोर्स (ईटीएफ) की बैठक के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं। दोनों ही संगठनों ने कहा कि बैठक में प्रस्तावित मानक बोली दिशा-निर्देश-2025 के आधार पर औद्योगिक घरानों को कुछ रियायत देने पर चर्चा की गई। हालांकि, अब तक तो केंद्र सरकार ने ऐसा कोई दिशा-निर्देश जारी ही नहीं किया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कोई भी ड्राफ्ट पहले जनता के बीच आम किया जाता है और उस पर आपत्तियां और सुझाव मांगे जाते हैं। इसके बाद उसे अंतिम रूप दिया जाता है। केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने तो अपनी वेबसाइट पर मानक बोली दिशा-निर्देश जारी तक नहीं किया है।
एआरआर प्रकाशित करने को मांगे 7 दिन
वर्ष 2025-26 की बिजली दरें तय करने के लिए दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) को मंजूर करते हुए नियामक आयोग ने तीन दिनों में इसे प्रकाशित करके जनता से आपत्तियां मांगने के निर्देश दिए थे। पावर कॉरपोरेशन ने एआरआर प्रकाशित करने के बजाय 7 दिनों की मोहलत आयोग से मांगी है।