सितंबर माह में सूर्य और चंद्र ग्रहण, जानें भारत मे क्या रहेगा प्रभाव
Solar And Lunar Eclipse 2025 : सूर्य और चंद्र ग्रहण का बहुत अधिक ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो सूर्य और चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु माने जाते हैं।

Solar And Lunar Eclipse 2025 : सूर्य और चंद्र ग्रहण का बहुत अधिक ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो सूर्य और चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु माने जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है। राहु और केतु छाया ग्रहों को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है की जब राहु और केतु सूर्य, चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं तब सूर्य, चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं,तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है,लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। वहीं जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो इस स्थिति में सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
सितंबर माह में सूर्य और चंद्र ग्रहण-
चंद्र ग्रहण डेट- साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा और 8 सितंबर की आधी रात तक चलेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 01 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण डेट- साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है। भारतीय समयानुसार 21 सितंबर को रात 11 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा। इसका समापन 22 सितंबर को 3 बजकर 24 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
चंद्र ग्रहण का भारत में प्रभाव- यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में आ जाएगा। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में भी दिखाई देगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी लग जाते हैं।
सूर्य ग्रहण का भारत में प्रभाव- साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारत में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। यह ग्रहण अमेरिका, समोआ, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी और अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।
पितृ पक्ष रहेगा ग्रहण योग में- 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक पितृ पक्ष भी रहेगा। पितृ पक्ष की शुरुआत में ही चंद्र ग्रहण और समाप्ति पर सूर्य ग्रहण लग रहा है। जिस वजह से यह पितृ पक्ष ग्रहण योग में होगा।