बोले उन्नाव : प्लॉट बने कूड़ाघर, सड़कें भी जर्जर
Unnao News - एबी नगर उत्तरी में लोग जलभराव, सफाई और जर्जर सड़कों की समस्या से परेशान हैं। सफाई कर्मी नियमित नहीं आते हैं और बिजली की आपूर्ति भी खराब है। लोग मुंह में रुमाल रखकर बाहर निकलते हैं। वार्ड में समस्याओं...
मिश्रित-घनी आबादी वाले इस वार्ड के लोग जलभराव, सफाई और जर्जर सड़कों की समस्या से जूझ रहे हैं। नगर के मध्य स्थित एबी नगर उत्तरी में लोगों के सामने समस्याओं का अंबार है, लेकिन उनके निस्तारण के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। गलियों में रोज सफाई कर्मी भी नहीं आते हैं। जब कभी आ भी गए तो खानापूर्ति करके चले जाते हैं। बिजली व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि नियमित गाड़ी न आने के कारण मजबूरन लोगों को इधर-उधर कूड़ा फेंकना पड़ता है।
एबी नगर स्थित डीएसएन कॉलेज ही इस वार्ड की मुख्य पहचान है। मुख्य मार्ग को भी उसी के नाम से जाना जाता है। कॉलेज गेट से चार कदम दूर विवादित प्लॉट में पूरे वार्ड का कचरा डंप होता है। इसके पीछे के भाग में गंदा पानी भरा है। दुर्गंध और गंदगी के कारण लोगों का सांस लेना दूभर है। मुंह में रुमाल रखकर लोगों को निकलना पड़ता है। अंदर बस्ती में खाली पड़े प्लॉट जलभराव की चपेट में हैं। सही कहें तो इन्हीं प्लॉटों में लोगों के घरों और वर्षा का जल एकत्र होता है। इसमें मच्छर और अन्य कीटनाशक पनपने के बाद गंदगी फैलाने लगते हैं। एनसीसी ऑफिस के पीछे वाले मोहल्ले में अभी भी अधिकांश गलियां कच्ची हैं। जलभराव होने के कारण लोगों को आवागमन में सामान्य दिनों में भी मुश्किल होती है। नालियां अधिकांश उफनाकर लबालब हैं। समूचे वार्ड में कुछ समय पहले ग्रीन गैस की पाइप लाइन डाली गई, जिससे पूर्व में बनी सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इस कारण बच्चों और बुजुर्गों को निकलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान लोगों का कहना था कि सड़कें ध्वस्त हैं। खाली प्लॉटों में नालियों का पानी भर रहा है। सफाई कर्मचारी नियमित आते नहीं हैं। इनकी व्यवस्था करने वाला भी कोई नहीं है। इस कारण मनमानी होती है। डीएसएन कॉलेज के सामने खुले में कूड़ा डंपिंग स्थल बनाकर और मुसीबत खड़ी कर दी है। यह समस्या कोई नई नहीं है। हालांकि, पिछले एक वर्ष में कुछ विकास हुआ है। हालांकि, बजट की उपलब्धता न होने पर भी यहां के लोग निकाय जिम्मेदारों को आड़े हाथ लेते हैं। गर्मियों में बिजली की समस्या सबसे अधिक : एबी नगर उत्तरी वार्ड में कुछ आबादी को सिटी, जबकि बाकी को पीडी नगर से बिजली मिलती है। यहां गर्मियों के तीन महीने में बिजली समस्या सबसे अधिक रहती है। आसिफ अली और मिराज कहते हैं कि 14 घंटे बिजली बमुश्किल मिलती है। शिकायतों और मिन्नतों के बाद भी आपूर्ति के मसले पर वार्ड की उपेक्षा की जाती है। एबी नगर में यह हाल तब है, जब जर्जर केबल बदलने, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के लिए बिजनेस प्लान पर करोड़ों रुपये का काम हुआ है। गर्मियों में अभियंता फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं। लाखों का बिल भुगतान करने वाले शहरियों को 24 घंटे बिजली देने का दावा भी छलावा नजर आता है। सबसे बड़ा कॉलेज है यहां एबी नगर में गायत्री मंदिर भी स्थापित है। यहां जिले का सबसे बड़ा और सरकारी डीएसएन कॉलेज, डीबीडीटी इंटर कॉलेज, एनसीसी ऑफिस भी है। इसके अलावा मोहम्दिया मस्जिद भी है। फिर भी इस वार्ड की बदहाली कम नहीं है। सुझाव 1. जर्जर सड़कों के कारण लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। सड़कें बनाई जाएं। 2. वार्डों की गलियों में स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाएं ताकि रात को बिना डर घर से बाहर निकल सकें। 3. हैंडपंपों की मरम्मत कराई जाए। इसको लेकर जलकल, जलनिगम को एक नीति बनानी चाहिए। 4. गैस पाइपलाइन बिछाने के बाद पीएनजी का बिल बढ़कर आ रहा है। इस समस्या को सुलझाया जाए। 5. मोहल्ले की नई बस्ती में बिजली के पोल नहीं लग सके हैं। इसलिए बल्लियों के सहारे करंट दौड़ रहा है। बिजली के पोल लगवाए जाएं। 6. बिजली संबंधी समस्या के निजात के लिए वार्ड में शिविर लगाकर अभियंता समस्याएं सुनें। शिकायतें 1. जलनिकासी व्यवस्था सही न होने के कारण गलियों में हमेशा जलभराव की स्थिति बनी रहती है। इस कारण लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। 2. वार्ड में नियमित रूप से सफाई नहीं होती है। गलियों में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। दुर्गंध के कारण लोगों को मुंह पर रुमाल रखकर निकलना पड़ता है। 3. प्रमुख स्थानों के आसपास खाली प्लॉटों में कूड़ा डंप है। इसमें मच्छर पनपते हैं। 4. अधिकांश हैंडपंप मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं। 5. सफाई कर्मी कचरा निस्तारित करने के बजाय जला देते हैं। ऐसे में हवा में प्रदूषण घुल जाता है। 6. गैस और पाइपलाइन का काम होने के बाद से सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। राहगीरों को परेशानी होती है। बोले बाशिंदे पीने के पानी के लिए व्यवस्था बदहाल है। अधिकांश इंडियामार्का हैंडपंप खराब हो चुके हैं। इनकी मरम्मत कराई जाए। - किशोरी मरम्मत के अभाव में अधिकांश सड़कों की हालत खराब हो गई है। ऐसे में वाहन सवार अक्सर हादसों का शिकार हो जाते हैं। -मोतीलाल वार्ड में सफाई कर्मी नियमित नहीं आते हैं। ऐसे में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा हो गए हैं। रास्तों से निकलना दूभर है। - शिव गोविंद खाली प्लॉटों में डंप कचरा उड़कर नालियों में पहुंच जाता है। इससे नालियां चोक हो गई हैं और सड़कों पर गंदा पानी भरा रहता है। - चक्रपाल पालिका फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव नहीं कराता है। इससे मच्छरों की तादात बढ़ने से बीमारी फैलने का खतरा है। - जितेंद्र बोले जिम्मेदार कूड़ा डंपिंग पर बनाई जा रही है रणनीति कूड़ा डंपिंग की समस्या को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की प्रक्रिया भी शुरू कराएंगे। सड़कें बनाने पर जोर है। 206 नए प्रस्ताव में वार्ड-23 के भी विकास कार्य शामिल हैं। -संजय कुमार गौतम- ईओ पालिका परिषद उन्नाव
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