VIDEO: बृजभूषण शरण मुस्लिमों से बोले-कोई कहे न कहे, हम कहते हैं, आप लोग हमारा ही खून
यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट पर प्रचार दौरान अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में सांसद बृजभूषण शरण ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोई कहे या न कहे, हम कहते हैं कि आप हमारा ही खून खून हैं।
उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह बेटे करण भूषण सिंह बीजेपी से मैदान में है। यहां बेटे को जिताने के लिए सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पूरी ताकत झोंक दी है। बृजभूषण शरण कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कर लोगों से संपर्क कर पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। इस बीच अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में सांसद बृजभूषण शरण ने एक बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि कोई कहे या न कहे, हम कहते हैं कि आप हमारा ही खून खून हैं। कोई डीएनए करा ले तो पांच पीढ़ी पहले हम एक ही निकलेंगे। आपके लिए हम बदनाम हैं और आप हमारे लिए बदनाम हैं, इसलिए बो तो पक्ष में बो नहीं तो न बो, कम से कम फायदा न करो तो नुकसान न करो। मैं आपका अहसानमंद रहूंगा। हर सुख दुख में आपके साथ खड़ा रहूंगा। वो लोग न आए हैं न आएंगे। हमारा आपका मिलना बढ़ेगा और भाईचारा बढ़ेगा।
आपको बता दें कि भाजपा ने अबकी बार कैसरगंज से उन्हें मैदान में न उतारकर उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह पर दांव लगाया है। 26 साल बाद संसदीय चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब चुनावी रण में बृजभूषण शरण नहीं होंगे। छात्र राजनीति में अपना दबदबा कायम करने के बाद 1991 में बृजभूषण शरण सिंह पहली बार गोण्डा से लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लडे और जीत हासिल की। 1971 के बाद मनकापुर राजघराने की इस सीट पर उन्होंने बादशाहत समाप्त की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि, 1996 में टाडा मामले में जेल बंद होने पर उनकी पत्नी केतकी सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। 1998 में वह भाजपा के टिकट के चुनाव लड़े लेकिन सपा के कीर्तिवर्धन सिंह ने उन्हें शिकस्त दे दी। 1999 में एक बार फिर बृजभूषण ने इस सीट पर अपनी वापसी की और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विजय श्री प्राप्त करने में सफल रहे।