पाकिस्तान का पानी रोकना गलत, भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत का अलग रुख, क्यों फैसले का विरोध?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु नदी का पानी रोकने के मोदी सरकार के फैसला का भले ही विपक्ष समेत सभी राजनीतिक पार्टियां समर्थन कर रही हैं लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत को यह निर्णय सही नहीं लग रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला सिंधु नदी के पानी को रोकने का फैसला है। इस फैसले को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गलत बताया है। नरेश टिकैत ने कहा कि किसान भारत का हो या पाकिस्तान का, पानी के अभाव में उसका नुकसान होगा। कहा कि इस तरह से पुराने समझौते को नहीं तोड़ना चाहिए। यह भी कहा कि सभी पाकिस्तानी खराब नहीं हैं। इस तरह की समस्याओं का हल होना चाहिए। इस तरह के हमले के लिए चूक तो सरकार की भी है। फौज में भी कटौती कर दी गई है।
हरियाणा जाते समय सहारनपुर के नकुड़ में नरेश टिकैत का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इस दौरान ही मीडिया से बातचीत में टिकैत ने कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ आरपार की कार्रवाई का समय आ गया है। सरकार कड़े फैसले ले। सरकार आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई करे। लेकिन पानी रोकने जैसे फसले न करे। इससे किसानों का नुकसान होगा।
टिकैत ने कहा कि पहलगाम हमले का पूरी दुनिया विरोध कर रही है। पाकिस्तान की इस हमले में भूमिका पर कहा कि पूरा पाकिस्तान तो दोषी नहीं है। जिस भी समाज में इस तरह के लोग हैं, उन पर अंकुश लगना चाहिए। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आतंकवाद को रोका जा सके। सिंधु को लेकर हुए समझौते को तोड़ना ठीक तो नहीं है। हम किसान हैं और पानी रोकने से किसान का नुकसान होगा। हमारे बड़े लोगों ने जो समझौता किया है उसे तोड़ने से आम जनता त्राहि त्राहि करेगी। गलती दो आदमी या दस आदमी करे और उसका सजा लाखों लोक भोगें यह तो ठीक नहीं है।
कहा कि गलत को गलत मानना चाहिए। असामजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। वह चाहे देश में हो या देश के बाहर हो। पूरा देश ही नहीं दुनिया भर से शोक की खबरें आ रही हैं। अपने देश में मुस्लिम समाज के लोग भी दुखी हैं। किसी तरह का आरोप नहीं लग रहा है। सभी एक दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में सभी लोग एकजुट हैं और रहना भी चाहिए।