आंबेडकर के साथ अखिलेश की फोटो पर केस के बाद बैकफुट पर सपा प्रमुख, बोले- गलती हुई, हम समझाएंगे
अखिलेश यादव ने मान लिया कि आंबेडकर के साथ उनकी तस्वीर नहीं बननी चाहिए थी। बलिया में अखिलेश यादव ने इसे गलती मानते हुए कहा कि हम बनाने वाले को समझाएंगे। अखिलेश ने गलती ऐसे समय मानी है जब एसटी आयोग ने तस्वीर बनाने वाले के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की आधी तस्वीर के साथ अखिलेश की आधी तस्वीर वाले पोस्टर पर घिरी समाजवादी पार्टी बैकफुट पर आ गई है। एसटी आयोग ने पोस्टर जारी करने वालों पर केस का भी आदेश कर दिया है। इस आदेश के बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पोस्टर का ठीकरा इसे जारी करने वाले नेताओं पर फोड़ दिया है। इसे गलती भी मान ली है। अखिलेश यादव ने कहा कि पोस्टर लगाने वाले लालचंद गौतम से गलती हुई है। उनको हम समझाएंगे कि भविष्य में किसी भी नेता के साथ या किसी भी महापुरुष के साथ इस तरह की तस्वीर नहीं बनाएं। इसके साथ ही अखिलेश ने संसद में आंबेडकर को लेकर दिए गए अमित शाह के बयान की याद भी भाजपा को दिला दी। अखिलेश ने पूछ लिया कि हम तो अपने नेता को समझा देंगे। लेकिन क्या भाजपा के लोग अपने नेता को समझाएंगे?
अखिलेश यादव बुधवार को बलिया में थे। जिस दौरान अखिलेश यहां मीडिया से बात कर रहे थे, भाजपा पोस्टर को लेकर जगह जगह प्रदर्शन कर रही थी। उसी दौरान ही एसटी आयोग ने केस का आदेश भी किया था। भाजपा ही नहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इसे लेकर अखिलेश यादव और सपा पर हमला किया।
गौरतलब है कि तस्वीर पर स्वतः संज्ञान उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने लिया है। समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी की ओर से सपा प्रदेश कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ लगाई गई होर्डिंग और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों का स्वत: संज्ञान लेकर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को होल्डिंग लगने वाले सपा लोहिया वाहिनी के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों का अपमान है। उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर पांच मई तक कार्रवाई की आख्या मांगी है।