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एनर्जी टास्क फोर्स को गुमराह करने का आरोप

Sonbhadra News - एनर्जी टास्क फोर्स द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को मंजूरी मिलने के बाद बिजली कर्मचारी भड़क उठे। उन्होंने वर्क टू रूल आंदोलन और विरोध प्रदर्शन शुरू किया। संघर्ष समिति ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, सोनभद्रSat, 17 May 2025 11:07 PM
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एनर्जी टास्क फोर्स को गुमराह करने का आरोप

अनपरा,संवाददताा। एनर्जी टास्क फोर्स द्वारा शुक्रवार को पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को हरी झण्डी प्रदान करते ही बिजली अभियन्ता-कर्मचारी बुरी तरह भड़क गये। पूरे प्रदेश में वर्क टू रूल आंदोलन के साथ ही विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस बीच पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एनर्जी टास्क फोर्स को गुमराह किया है । निजीकरण के बारे में बिजली कर्मियों की आपत्तियों से एनर्जी टास्क फोर्स को अवगत नहीं कराया गया। आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन ने एनर्जी टास्क फोर्स के सामने विद्युत वितरण निगमों के घाटे के गलत आंकड़े रखे हैं।

पॉवर कारपोरेशन ने एनर्जी टास्क फोर्स को अगले वित्तीय वर्ष में 65000 करोड़ रुपए के घाटे की बात बताई है जबकि पॉवर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग को सौंपे गए ए आर आर में अगले वित्तीय वर्ष में 9206 करोड रुपए के घाटे की बात कही है। संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे के संबंध में पावर कॉरपोरेशन द्वारा लगातार बताए जा रहे भ्रामक और झूठे आंकड़ों का खंडन करते हुए संघर्ष समिति ने 12 मई को पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन के सामने एक पीपीटी प्रेजेंटेशन किया था जिसमें बताया गया था कि यदि सरकारी विभागों का बिजली राजस्व का बकाया मिल जाए और समय से सब्सिडी की धनराशि मिल जाए तो पावर कार्पोरेशन किसी प्रकार के घाटे में नहीं है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन द्वारा दिए जा रहे झूठे आंकड़े, धमकी और उत्पीड़न की कार्यवाहियों से डरने वाले नहीं हैं। निजीकरण न ही उपभोक्ताओं के हित में है और न ही कर्मचारियों के हित में। संघर्ष समिति निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार है। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।

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