Transformation of Tribal Museum in Ranchi Showcases Indigenous Culture and History जनजातीय संग्रहालय में है विरासत और ज्ञान का तथ्यात्मक भंडार, Ranchi Hindi News - Hindustan
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जनजातीय संग्रहालय में है विरासत और ज्ञान का तथ्यात्मक भंडार

रांची के डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के जनजातीय संग्रहालय ने पिछले सात वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यहां झारखंड के 32 जनजातीय समुदायों की कला, संस्कृति, और इतिहास को प्रदर्शित...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 18 May 2025 04:41 AM
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जनजातीय संग्रहालय में है विरासत और ज्ञान का तथ्यात्मक भंडार

रांची, वरीय संवाददाता। डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, मोरहाबादी परिसर में मौजूद जनजातीय संग्रहालय की दशा-दिशा पिछले सात वर्षों में काफी बदल गई है। यहां झारखंड के 32 जनजातीय समुदाय के रहन-सहन, खानपान और संस्कृति से जुड़ी कलाकृति लगाई गई है। इसमें जनजातीय समुदाय की आबादी, पेशा सहित अन्य जानकारी संग्रहालय आने वाले लोगों और पर्यटकों को उपलब्ध कराई जाती है। इसी संग्रहालय में आदिवासियों के हथियार व औजार की भी प्रस्तुति अलग से की गई है। विस्तार यही नहीं थमता, इसके बाद संग्रहालय में जनजातीय समुदाय के अभूषणों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें हर त्योहार व खास अवसरों पर जनजातीय समाज द्वारा उपयोग की जाने वाली सौंदर्य प्रसाधन सामग्री, जो आज विलुप्त स्थित में है या हो गए हैं उसे प्रस्तुत किया गया है।

जनजातीय समाज द्वारा प्रयोग किए जाने वाले और विलुप्त होते वाद्ययंत्रों को बचाने के लिए भी अलग से गैलेरी बनाई गई है। आदिवासी समाज में प्रचलित पेंटिंग और कला दीर्घा भी बनाया गया है। इसके अलावा बिरसा मुंडा की जीवनी को दर्शाते हुए अलग से भगवान बिरसा मुंडा दीर्घा है। यहां देशभर के कलाकारों ने भगवान बिरसा से जुड़े हर पहलुओं को अपनी पेंटिंग के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया है। संताल हूल दीर्घा में देखें 1855 का विद्रोह संताल हूल पर अलग से दीर्घा बनाई गई है। इस दीर्घा में 1855 का विद्रोह दिखाया गया है। इस दीर्घा में देशभर के कलाकारों ने 40 पेंटिंग कई शैलियों में बनाकर लगाई गई है। इसमें उन्होंने संताल हूल की हर घटना के साथ नायकों के संघर्ष, बलिदान, रणनीति, रोष के अलावा संस्कृति व युद्ध पद्धति को दर्शाया है। इसी दीर्घा में सिदो-कान्हू को पहली बार तस्वीर में उकेरने वाले कलाकार सीआर हेम्ब्रोम की भी कलाकृतियां मौजूद हैं। जबकि, अन्य में संताल हूल में महिलाओं के योगदान को दर्शाया गया है। जनजातीय संग्रहालय आदिवासियों की कला-संस्कृति, इतिहास, शौर्य, परंपरा, धर्मविज्ञान सहित अन्य पहलुओं पर अध्ययन करने वालों के लिए ज्ञान का तथ्यात्मक भंडार है।

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