सीतापुर-गोशाला निर्माण की समीक्षा में लापरवाही, बिफरे डीएम
सीतापुर में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने गौ संरक्षण एवं गोशाला निर्माण की समीक्षा की। उन्होंने निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदार ठहराए गए अधिकारियों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। नए गोशालाओं के लिए...
सीतापुर, संवाददाता। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने जनपद स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक में गौ संरक्षण एवं गौ आश्रय स्थलों की समीक्षा कर प्रगति जानी। समीक्षा में वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना योजना में सिधौली के सरांय में गोशाला निर्माण चालू करने में देरी के लिए कार्यदायी संस्था उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लि. लखनऊ को जिम्मेदार माना। कार्यों में लापरवाही बरतने पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए। बाद में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर नए गोशालाओं के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए। ताकि नए गौशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द हो सके। कलेक्ट्रेट सभागार में उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जो भी जमीन चिन्हित की जाये, उसमें जलभराव न होने पाए। वृहद गौशालाओं के लिए जिन लोगों ने प्रस्ताव अभी तक नहीं भेजे हैं, वो जल्द ही प्रस्ताव भेजें। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी गौआश्रय स्थलों में सभी पशुओं की शतप्रतिशत इयर टैगिंग व टीकाकरण कराते हुये उसका रिकार्ड तैयार किया जाये। जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देश दिये कि पशु चिकित्सकों का रोस्टर तैयार किया जाये, जिससे रोस्टर के अनुसार चिकित्सक निरीक्षण करें। पशुओं हेतु हरे चारे की व्यवस्था के लिये जहां पर जमीन उपलब्ध नही है, वहां पर जमीन चिन्हित कर ली जाये और जहां पर जमीन चिन्हित है, उसको कब्जा मुक्त कराते हुये हरे चारे की बोआई करा दी जाये। डीएम ने मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजनान्तर्गत पशुपालकों को सुपुर्द कराए गए गौवंशों के सत्यापन कराकर उनका जल्द भुगतान करने के निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ निधि बंसल, प्रशिक्षु आईएएस नितिन सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी डा. निरीश चन्द्र साहू आदि उपस्थित रहे।
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लापरवाही पर चार पशु चिकित्साधिकारियों का रोका वेतन : उन्होंने गौवंशों के सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले पर पशु चिकित्सा अधिकारी खैराबाद, रामकोट, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर व लहरपुर का वेतन रोकने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिये। उन्होंने कहा कि इन सभी को वेतन तभी दिया जाये, जब सभी सत्यापन का कार्य पूर्ण करें। गौशालाओं में लगे केयरटेकरों का भुगतान समय से करा दिया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन गौशालाओं में भूसा टेंडर नही हुआ है, उनका टेंडर जल्द ही करा दिया जाये।
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जिले में 233 संचालित गोशालाएं : मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक जनपद में 233 गौशाला 233 गोशालाएं संचालित हैं, इनमें 63591 गोवंश संरक्षित है। 203 अस्थाई गौ आश्रय स्थल ग्रामीण में 55084 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। एक अस्थाई गौ आश्रय स्थल शहरी में 155 गौवंश संरक्षित हैं। 6 कान्हा गौशाला में 2872 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। 7 वृहद गौ संरक्षण केन्द्र में 4920 गोवंश, 4 काजी हाउस में 142, तथा 2 पंजीकृत गौशाला 418 गोवंश संरक्षित है।
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