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संभल हिंसा: न्यायिक आयोग के सामने दंगा पीड़ितों का प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

संभल हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने गुरुवार को तीसरी बार जिले का दौरा किया। आयोग ने उन सरकारी कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जो 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान ड्यूटी पर थे, जब हिंसा भड़की थी और चार लोगों की मौत हो गई थी।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, संभलThu, 30 Jan 2025 06:07 PM
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संभल हिंसा: न्यायिक आयोग के सामने दंगा पीड़ितों का प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग के सदस्य गुरुवार को तीसरी बार संभल पहुंचे। सदस्यों ने करीब छह घंटे तक पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। गुरुवार को बयान दर्ज कराने वालों में एएसपी, डिप्टी कलेक्टर भी शामिल रहे। उधर, शाही जामा मस्जिद के सदर समेत दो दर्जन से अधिक लोग आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हे अंदर जाने से मना कर दिया। उन्हें आश्वस्त किया गया कि टीम अपने अगले दौरे में उनके बयान दर्ज करेगी।

शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 29 पुलिस कर्मी घायल गए थे। हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें पूर्व डीजीपी ए.के. जैन और रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव अमित मोहन सदस्य हैं। टीम ने एक दिसंबर को हिंसा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली थी। इसके बाद टीम 21 जनवरी को संभल आई। तब टीम ने जामा मस्जिद क्षेत्र व विदेशी कारतूस मिलने वाले स्थान का निरीक्षण कर 21 पुलिस कर्मियों समेत 60 लोगों के बयान दर्ज किए थे। गुरुवार को तीसरी बार टीम सुबह 10.30 बजे संभल पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंची।

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टीम के सदस्यों ने गुरुवार को स्वास्थ्य, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। इसमें प्रमुख रूप से एएसपी श्रीश्चंद्र, डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू शामिल रहे। वहीं शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट, भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल, अरविंद गुप्ता, समेत करीब दो दर्जन से अधिक लोग आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराने पहुंचे लेकिन पुलिस ने अंदर जाने से मना कर दिया। बाद में एसडीएम वंदना मिश्रा ने सदर को छोड़कर सभी के लिखित बयान लेकर आयोग के सदस्यों को दे दिए। पूर्व डीजीपी एके जैन ने बताया कि गुरुवार को स्वास्थ्य व पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। टीम अभी फिर से बयान दर्ज करने आएगी।

डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि आयोग के सदस्यों ने गुरुवार को केवल स्वास्थ्य, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। आम लोगों के बयान टीम के अगले भ्रमण के दौरान दर्ज किए जाएंगे। करीब साढ़े चार बजे आयोग की टीम वापस चली गई।

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