यूपी में भगदड़ का काला इतिहास, धार्मिक आयोजनों में 71 सालों में सैकड़ों श्रद्धालुओं की गई जान, हैरान कर देंगे आंकड़े
- प्रयागराज महाकुंभ 2025 के संगम क्षेत्र में बुधवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंचे, जिससे भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसी दौरान भगदड़ मच गई हालांकि इस तरह की घटनाएं होना कोई नई बात नहीं है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 के संगम क्षेत्र में बुधवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंचे, जिससे भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसी दौरान भगदड़ मच गई इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई। जबकि 60 लोग घायल हो गए। हालांकि इस तरह की घटनाएं होना कोई नई बात नहीं है। 1954 के बाद से यूपी में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों में भगदड़ के कारण कई सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौत हुई है।
अगर हाल की घटना की बात करें तो बागपत जिले के बड़ौत कस्बे में मंगलवार सुबह सवा आठ बजे निर्वाण लड्डू महोत्सव कार्यक्रम के दौरान बड़ा हादसा हो गया। मानस्तंभ पर जलाभिषेक के लिए दौरान लकड़ियों से बनी सीढ़ीनुमा मचान अचानक ढह गई। 65 फीट ऊंची मचान के ढहते ही उस पर मौजूद सैकड़ों लोग नीचे खड़े श्रद्धालुओं पर आ गिरे। इस हादसे में तीन महिलाओं समेत सात जैन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 80 के करीब लोग घायल हो गए।
हाथरस में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में 121 श्रद्धालुओं की मौत
2 जुलाई साल 2024 में हाथरस में आयोजित सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के धार्मिक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में 112 महिलाओं समेत 121 लोगों की मौत हो गई। दरअसल जब बाबा का काफिला निकला तो उन्हें देखने के लिए महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। जिससे भगदड़ मच गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यक्रम में 80 लोगों के शामिल होने की परमिशन मिली थी लेकिन ढाई लाख से अधिक लोग इकट्ठा हुए थे।
अयोध्या के रामनवमी मेले में भगदड़ से एक महिला की मौत
5 अप्रैल 2017 में अयोध्या में रामनवमी के दौरान हजारों की संख्या में कनक भवन मंदिर पहुंचे थे। भीड़ बढ़ने के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई। जबकि कई अन्य श्रद्धालु घायल हो गए। हालांकि प्रशासन का कहना था कि महिला की मौत दम घुटने के कारण हुई थी।
प्रयागराज कुंभ 2013 में मची भगदड़ में 36 श्रद्धालुओं की मौत
10 फरवरी 2013 में प्रयागराज कुंभ में भी भगदड़ मच गई थी। जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी। जबकी दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए थे। दरअसल संगम स्नान के बाद श्रद्धालु ट्रेन के इंतजार में रेलवे स्टेशन पर थे तभी ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा हुई। जिसके कारण स्टेशन पर भगदड़ मच गई। जिससे लोहे का ब्रिज टूट गया।
प्रतापगढ़ भगदड़ में 63 श्रद्धालुओं की मौत
प्रतापगढ़ जिले में साल 2010 में भगदड़ मची थी। दरअसल कृपालुजी महाराज की पत्नी की बरसी के भंडारे पर कुंडा स्थित आश्रम पर भारी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। यहां लोगों को सामान बांटा जा रहा था। इस दौरान आश्रम का गेट गिरने से भगदड़ मच गई। इस हादसे 63 लोगों की मौत हो गई। जबकि 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। मरने वालों में 37 बच्चे और 26 महिलाएं शामिल थीं।
1954 महाकुंभ में भी मची थी भगदड़
प्रयागराज में साल 1954 में लगे महाकुंभ में मची भगदड़ सबसे बड़ी थी। यह हादसा भी मौनी अमावस्या के दिन ही हुआ था।इसमें करीब 800 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। ज्यादातर लोग दबकर मर गए थे। जबकि कुछ लोग भगदड़ से बचने के लिए नदी में कूद गए थे।