नजरों में बस अमीरों की कोठियां रहीं, तभी तो कभी… शेरो शायरी से शिवपाल यादव ने साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने विधानसभा में शेरो-शायरी के जरिए सरकार पर खूब व्यंग्य बाण चलाए। उन्होंने बजट का पैसा खर्च न होने का सवाल उठाते हुए कहा...बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंक्षी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं और सरकार जनता व सदन को गुमराह कर रही है। उन्होंने शेरो-शायरी के जरिए सरकार पर खूब व्यंग्य बाण चलाए। उन्होंने बजट का पैसा खर्च न होने का सवाल उठाते हुए कहा...बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंक्षी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। कर्ज बढ़ाऊ ये बजट, बेकार है हुजूर।’ उन्होंने यह भी कहा कि 2027 में अखिलेश यादव की सरकार बनेगी।
सदन में बजट चर्चा पर शिरकत करते हुए शिवपाल ने कहा कि 5000 रुपये से 7000 रुपये महीने कमाने वाले मजदूरों पर भी जीएसीटी के जरिए टैक्स लगा दिया है। शिवपाल ने पलटवार करने के इरादे से वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा बजट के वक्त पढ़े गए शेर को दोहराया....जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पर नजर है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।
इस पर सपा सदस्य बिना समझे मेजे थपथपाने लगे..इस पर शिवपाल ने सुरेश खन्ना के इस शेर के जवाब में जब अपना शेर पढ़ा, आंखों में बस अमीरों की कोठियां रही, तभी तो कभी मील का पत्थर नहीं देखा। सच सुनिए हुजूर खुशियां है बहुत दूर, अपने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का कभी घर नहीं देखा। तब जाकर सपा सदस्यों को अहसास हुआ कि उन्होंने समय से पहले ही मेजे थपथपा दीं और वह बगलें झांकते दिखें। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी चुटकी भी ली।
विपक्ष को बदनाम करने के लिए अनर्गल बयानबाजी : अखिलेश
उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार इस कुम्भ को लेकर झूठा प्रचार और अपना गुणगान करती रही। व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया। जब विपक्ष ने अव्यवस्था और भाजपा सरकार की नाकामियों पर सवाल उठाया तो तिलमिलाई सरकार ने विपक्ष को बदनाम करने के लिए अनर्गल और झूठी बयानबाजी शुरू कर दी।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि विपक्ष ने कुम्भ आयोजन के दौरान अपनी सकारात्मक भूमिका को निभाते हुए सरकार की कमियों को उजागर किया और उन पर सकारात्मक सुझाव देने का काम किया। अगर भाजपा सरकार विपक्ष के उठाये सवालों पर समय रहते कार्रवाई करते तो महाकुम्भ में भगदड़ न होती और न ही इतने लोगों की जान जाती।
सरकारी पैसे से झूठे प्रचार के द्वारा भाजपा और मुख्यमंत्री अपना चाहे जितना गुणगान कर लें साधु-संत, धर्माचार्य और आम जनता ने कुम्भ के दौरान जो अव्यवस्था देखी और परेशानियां झेली उसे वे ही जानते है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा चाहे जितना प्रयास करे उसकी नाकामियों की पूरे प्रदेश और देश में चर्चा है। जनता जानती है कि भाजपा की नीति ही झूठ-लूट और बेईमानी की है।