Street Vendors in Prayagraj Struggle Amid Removal Campaigns and Loans under PM Svanidhi Scheme बोले प्रयागराज : वेंडिंग जोन का पता नहीं, फुटपाथ से भगा रहे, कहां लगाएं दुकान, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : वेंडिंग जोन का पता नहीं, फुटपाथ से भगा रहे, कहां लगाएं दुकान

Prayagraj News - प्रयागराज में पटरी दुकानदारों की स्थिति गंभीर है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत उन्हें ऋण तो मिला, लेकिन दुकानों को हटाए जाने से वे अपना व्यापार नहीं कर पा रहे हैं। महाकुम्भ के दौरान भी दुकानदारों...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 5 March 2025 07:19 PM
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बोले प्रयागराज : वेंडिंग जोन का पता नहीं, फुटपाथ से भगा रहे, कहां लगाएं दुकान

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। 'जाएं तो जाएं कहां,/समझेगा कौन यहां,/दर्द भरे दिल की जुबां।' 1954 में रिलीज हुई टैक्सी ड्राइवर फिल्म का यह गाना बहुत हिट हुआ था। शहर के पटरी दुकानदारों की जिंदगी भी इस गाने की तरह हो गई है। रोड किनारे से लगातार हटाए जा रहे पटरी दुकानदार अब यही कह रहे हैं, जाएं तो जाएं कहां। केंद्र सरकार देशभर के पटरी दुकानदारों का जीवन और कारोबार सुधारने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत ऋण दे रही है। दुकानदारों को किस्तों में ऋण वापस भी करना है। दुकानदार दुकानें नहीं लगा पा रहे हैं। जब दुकान नहीं लगेगी और कमाई नहीं होगी तो बैंकों का कर्ज वापस कैसे करेंगे। परिवार का पेट कैसे पालेंगे।

नवाब यूसुफ रोड स्थित फूड वेंडिंग जोन में दुकानदारों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दु्स्तान को बताया कि जब पूरा देश कोरोना की चपेट में आया और लॉकडाउन लग गया, तब पटरी दुकानदारों को सबसे अधिक झटका लगा था। दुकानदारों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए। उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटरी दुकानदारों का दर्द समझते हुए पीएम स्वनिधि के तहत 10-10 हजार रुपये ऋण देने की घोषणा की। ऋण की मदद से दुकानदार दोबारा अपना काम शुरू कर सके। इसी दौरान पटरी दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए शहर में वेंडिंग जोन बनाने की कवायद भी तेज हो गई।

दुकानदारों का कहना है कि पांच साल हो गए नगर निगम-डूडा मिलकर सिर्फ 15 वेंडिंग जोन बना सके। ये वेंडिंग जोन भी व्यवस्थित नहीं हैं। कई वेंडिंग जोन खाली पड़े हैं। एक वेंडिंग जोन में तो एक भी दुकान का आवंटन नहीं हुआ। बैंकों से कर्ज लेकर मानो फंस गए हैं। दुकानें ही नहीं लगा पा रहे हैं तो बैंकों का कर्ज कैसे वापस करेंगे। सरकार ने कई गाइडलाइन बनाई। पूर्व मुख्य सचिव ने पटरी दुकानदारों को राहत देने के लिए नगर निकायों को आदेश दिया। संसदीय कमेटी ने कई सुझाव दिए। लेकिन सरकारी एजेंसियां किसी गाइडलाइन या आदेश का पालन नहीं कर रही है। कभी वीआईपी के आगमन तो कभी यातायात में अवरोध का नाम लेकर उजाड़ दिया जाता है। अब दुकानदारों को बसाने नहीं, उजाड़ने का अभियान शुरू हो गया है।

महाकुम्भ में भी व्यापार रहा मंदा

पटरी दुकानदारों ने सोचा था कि महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे तो अच्छी कमाई होगी, लेकिन यह सपना ही रह गया। महाकुम्भ के पहले रोड किनारे से दुकानें हटा दी गईं। सिविल लाइंस क्षेत्र, संगम को जोड़ने वाली सभी सड़कों और राजमार्गों के किनारे से दुकानें हटा दी गईं। प्रमुख स्नान पर्वों पर दुकानों को बंद करा दिया गया। फाफामऊ क्षेत्र में 100 से अधिक दुकानें लगती थीं, वहां पार्किंग बन गई। महर्षि दयानंद मार्ग पर दुकानों को हटाकर हरित पट्टी बना दी गई। जहां दुकानें लगीं, वहां श्रद्धालुओं का आवागमन नहीं हो सका। दुकानदार कहते हैं कि महाकुम्भ में बाहर से लोग आए और कमाई कर के गए। यहां के दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रहे। उम्मीद थी कि महाकुम्भ के बाद दुकानें लगा सकेंगे, लेकिन फिर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हो गया। अब तो वेंडिंग जोन को छोड़कर सभी मार्गों के किनारे दुकानों को अवैध मान लिया गया है। जबकि सभी ने पीएम स्वनिधि के तहत बैंकों से कर्ज लिया है।

दुकानदार 50 हजार और वेंडिंग जोन सिर्फ 15

शहर में पटरी दुकानदारों की संख्या लगभग 50 हजार है। सभी दुकानों को वेंडिंग जोन में बसाया जाना चाहिए। दुकानों को बसाने के लिए नगर निगम ने एक कंसलटेंट की मदद ली। कंसलटेंट की योजना पर अमल नहीं हुआ। नगर निगम-डूडा अपने अनुसार वेंडिंग जोन बसाते रहे। दोनों ने मिलकर 15 वेंडिंग जोन बनाए जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। वेंडिंग जोन में अधिकतम दो हजार दुकानें ही बसाई जा सकती हैं। आवंटन भी सही तरीके से नहीं हो रहा है। कई वेंडिंग जोन में अवैध रूप से कब्जा हो रहा है।

जब्त किया ठेला समेत सामान गायब

महाकुम्भ के पहले नगर निगम की ओर से चलाए गए अभियान में कई दुकानदारों के ठेले और सामान जब्त किए गए। नियमानुसार जुर्माना लेकर सामान या ठेला छोड़ दिया जाता है, लेकिन कई दुकानदारों का ठेला और सामान गायब हो गया। आजाद पार्क के सामने ठेला लगाने वाली मैरी कहती हैं कि टीम ने उनका ठेला और सामान जब्त किया जो कई दिन तक नगर निगम में पड़ा रहा। कुछ दिन बाद सब गायब हो गया। मैरी की तरह कई दुकानदारों के ठेले और बिक्री के सामान गायब हो गए हैं।

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दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई हैं। लेकिन अधिकतर खुली ही नहीं। लाइट और पानी की व्यवस्था नहीं होने से दुकानदारों को बहुत परेशानी होती है। फुटपाथ किनारे जाली लगने से ग्राहक भी नहीं आते है। -राजू चौधरी, दुकानदार, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

27 साल से लगातार दुकान लगा रहे हैं। मूल दुकानदारों को वेंडिंग जोन में जगह नहीं मिली। 48 दुकानों का ढांचा तैयार है, लेकिन सिर्फ 30 लोगों को दुकान मिल पाई है। उनमें भी पांच लोग ही दुकान खोलते हैं। -सुभाष जायसवाल, दुकानदार, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

दुकानदारों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। वेंडिंग जोन की समस्या के लिए नगर निगम के अधिकारियों को शिकायती पत्र के जरिए अवगत कराया गया। वेंडिंग जोन पर टैंपो और ऑटो के खड़े होने से बहुत समस्या होती है। -अरविंद यादव, अध्यक्ष, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

कई साल से फुटपाथ पर दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। आज तक दुकानदारों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया गया। वेंडिंग जोन में दुकानें तैयार कर के दुकानदारों को आवंटित किया जाए। -रंजीत कुमार, उपाध्यक्ष, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

नगर निगम के कर्मचारी आए दिन दुकान उठा कर ले जाते हैं। सरकार से 50 हजार का लोन भी ले रखा है। जब दुकान ही नहीं चलेगी तो लोन कैसे भर पाएंगे। परिवार का भरण-पोषण कैसे हो सकेगा। -अमित कुमार सोनकर, सिविल लाइंस बस अड्डा

पांच साल से ठेले पर दुकान लगाकर परिवार चला रहे हैं। आए दिन नगर निगम के कर्मचारी ठेला उठा ले जाते हैं। दो बार चालान भी कट चुका है। वेंडिंग जोन में स्थायी दुकान मिल जाए तो परिवार चलाना बहुत सरल हो जाएगा। -आरिफ, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

नगर निगम के कर्मचारी ठेला उठा ले गए और वहां से ठेला चोरी भी हो गया। दुकान चलाने के लिए 20 हजार का लोन भी ले रखा है। दो महीने से दुकान लग नहीं पा रही है। इससे बहुत परेशानियां हो रही हैं। परिवार कैसे चले। -मैरी, आजाद पार्क जोन

वेंडिंग जोन में दुकान बनवाने के लिए कितना बजट आता है किसी को कुछ नहीं पता है। नगर निगम का भय ना बना रहे, इसके लिए पटरी फुटपाथ के दुकानदारों को स्थायी दुकानें मिलनी चाहिए। -मो. नसीम, कटरा, टीवीसी सदस्य नगर निगम जोन

दिसंबर से ही दुकान बंद पड़ी है। एक सप्ताह पहले दुकान खोली तो नगर निगम के कर्मचारियों ने आकर फिर से बंद करवा दी। बगैर दुकान के परिवार कैसे चलाए, कोई रोजगार भी उपलब्ध नहीं है। बहुत समस्या हो रही है। अनुपम, जीपीओ पटरी दुकानदार

फुटपाथ पर दुकान चलाकर चार बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। पैर से दिव्यांग हैं, कोई और काम भी नहीं कर पाते हैं। आए दिन नगर निगम के कर्मचारी दुकान इधर-उधर करवाते रहते हैं। -राजू सोनी, सब्जी मंडी, छोटा बघाड़ा।

ठेले पर चाय की दुकान लगाते थे। मेला के दो महीने पहले से ही नगर निगम ने दुकान हटा दिया। अब भी दुकान नहीं लगाने दिया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई का खर्च कमरे का किराया भी नहीं भर पा रहे हैं। -रमेश कुमार, छोटा बघाड़ा, सब्जी मंडी

वेंडिंग जोन में दुकान आवंटित हो गई है। पानी और लाइट की व्यवस्था नहीं होने से बहुत सन्नाटा रहता है। फुटपाथ रेलिंग लगे होने से ग्राहक भी नहीं आते हैं। कर्ज लेकर दुकान चला रहे हैं, कैसे भरेंगे। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। -बृजेश कुमार, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

महाकुम्भ के दौरान दुकानें हटवा दी गईं। वादा किया था कि वेंडिंग जोन बनाएंगे, लेकिन रेलिंग लगाकर फुटपाथ की जगह को बंद करवा दिया गया है। 27 फरवरी को दुकान लगाई तो नगर निगम के कर्मचारी हटवा दिए। सतीश केसरवानी , जीपीओ,पटरी दुकानदार

आए दिन नगर निगम का अभियान चलता रहता है। जिससे फुटपाथ के दुकानदार हमेशा भयभीत रहते हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से लोन ले रखा है। जब दुकान ही नहीं चलेगी तो लोन कहां से भर पाएंगे। कमलेश्वर, अल्लापुर

दो महीने से दुकान बंद है। खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। नगर निगम के कर्मचारी बहुत परेशान करते हैं। दो सौ कमाएं तो पांच सौ का चालान कैसे भर पाएंगे। बार-बार हटाए जाने से दुकानदारी नहीं हो पा रही। -मो. नईम खान, जीपीओ फुटपाथ दुकानदार

कुछ दिन दुकान लगती है, फिर नहीं लग पाती। सुबह पांच बजे से दुकान लगाते हैं। नगर निगम का दुकान हटाने का हमेशा भय बना रहता है। स्थानीय लोग भी दुकान लगाने नहीं देते। बगैर दुकान के परिवार कैसे चलेगा। -धर्मेन्द्र सिंह, आजाद पार्क गेट नं 2

पिछले साल नवंबर से ही दुकान बंद पड़ी है। शिवरात्रि के बाद दुकान लगाई थी, लेकिन नगर निगम के कर्मचारी दुकान लगने नहीं दिए। बगैर दुकान कैसे घर का खर्च चलाएं। -अनूप सिंह, जीपीओ, दुकानदार

लाइट कई दिनों से खराब है। शाम होते ही अंधेरा हो जाता है। जिससे ग्राहकों की आवाजाही कम हो जाती है। वेंडिंग जोन पर दुकानदारों को पानी के लिए भी बहुत मुश्किलें होती है। फुटपाथ पर रेलिंग लगे होने से बहुत समस्या है। -शन्नो देवी, बीएसएनएल वेंडिंग जोन

पथ विक्रेता कानून 2024, को पूर्णतया लागू करके अधिनियम में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए नो वेंडिंग जोन का बोर्ड लगाने वाला नगर निगम पहले वेडिंग जोन बनाकर उसमें पथ विक्रेताओं को स्थान दे। कानून की धारा 3/3 के अनुसार जब तक पथ विक्रेताओं का सर्वे सत्यापन और वेडिंग जाने का चिह्नांकन नहीं हो जाता, उनके मूल स्थान पर कार्य करने दिया जाए। -रवि शंकर द्विवेदी, टीवीसी कमेटी सदस्य नगर निगम

अधिकारी का वर्जन

पटरी दुकानदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वेंडिंग जोन बनाने के लिए शहर में जमीन सीमित है। फिर भी पटरी दुकानदारों को वेंडिंग जोन में बसाने की कोशिश हो रही है। महाकुम्भ समापन के बाद अब वेंडिंग जोन के लिए जमीन खोजी जाएगी।--अरविंद राय, अपर नगर आयुक्त नगर निगम

प्रमुख जोन और स्थान

1.नवाब यूसुफ रोड

2. मेडिकल चौराहा

3. नैनी कॉटन मिल चौराहा

4. नैनी कॉटन मिल के पीछे

5. पीडीए कॉलोनी नैनी

6. कटरा पानी टंकी चौराहा, फल मंडी

7. ट्रिपलआईटी झलवा

8. फाफमऊ बेला कछार रोड

9. सलोरी

10. आनंद भवन

11. पीडी टंडन पार्क

12. एल्गिन रोड

13. एजी ऑफिस

14.लक्ष्मी टॅाकीज

15. सीएमपी डिग्री कॉलेज

शिकायतें

पता नहीं कहां दुकान लगाएं कहां नहीं।

व्यापार नहीं होने से कर्ज वापसी में परेशानी।

वेंडिंग जोन में बुनियादी सुविधा नहीं।

चार किलोवाट का बिजली कनेक्शन लेने का दबाव।

जब्त सामान वापस मिलने की गारंटी नहीं।

सुझाव

पटरी दुकानों की अनुपात में बनाएं वेंडिंग जोन।

दुकानों को वेंडिंग जोन में व्यवस्थित किया जाए।

वेंडिंग जोन में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

नए वेंडिंग जोन बनने तक दुकानें लगाने की छूट।

उजाड़े गए दुकानदारों को फिर से बसाया जाए।

एक नजर में

शहर में पटरी दुकानदार : लगभग 50 हजार

शहर में वेंडिंग जोन : 15

वेंडिंग जोन में जगह : 2000 से कम

पीएम स्वनिधि से लिया कर्ज : 36 हजार से अधिक

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