शुद्ध और सरल शब्दों से हिंदी साहित्य को बनाएं आकर्षक : न्यायमूर्ति
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने हिंदी दिवस समारोह में कहा कि मूलभूत शिक्षा की कमी से हिंदी साहित्य की कमी है। उन्होंने युवाओं को हिंदी पढ़ने के लिए प्रेरित करने और सरल शब्दों का...
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि मूलभूत शिक्षा की कमी की वजह से आज हिंदी में अच्छा साहित्य लिखे जाने के बाद भी पढ़ा नहीं जा रहा है। इसमें शुद्ध व सरल शब्दों का इस्तेमाल कर और अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी शनिवार को हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से राजर्षि मंडपम में आयोजित हिंदी दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रतिदिन थोड़ा ही सही सूक्ष्म रूप से हिंदी का पाठन करना और हिंदी समाचार पत्र पढ़ने की आवश्यकता है। हिंदी के प्रति युवाओं को भी प्रेरित करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि महापौर उमेशचंद्र गणेश केसरवानी ने कहा कि हमारे देश में हजारों वर्ष तक संघर्ष के बाद स्व का शासन और स्व की संस्कृति तो मिली, लेकिन स्व की भाषा के लिए हम अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। हिंदी को रोजगार की भाषा बनाने के लिए हिंदी साहित्य सम्मेलन को अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी होनी चाहिए। अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. कृष्ण बिहारी पांडेय ने कहा कि हमें हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं को बढ़ाना व सम्मान देना चाहिए।
समारोह में सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन किया। हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री कुंतक मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया। सौदामिनी संस्कृत महाविद्यालय के बटुकों ने स्वस्ति वाचन पाठ किया। इस दौरान पाक्षिक समाचार पत्र ‘राष्ट्रभाषा संदेश के हिंदी भाषा उत्थान विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। संचालन सहायक मंत्री श्यामकृष्ण पांडेय और साहित्यमंत्री डॉ. रामकिशोर शर्मा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हिंदी साहित्य सम्मेलन के संरक्षक विभूति मिश्र, डॉ. पृथ्वीनाथ पाण्डेय, डॉ. हरिनारायण दुबे, सचिंद्र मिश्र, शेषमणि पांडेय, किरनबाला पांडेय, किंठमणि मिश्र, अंजनी शुक्ल, डॉ. राजेश गर्ग, डॉ. सुजीत शर्मा, राजकुमार शर्मा, डॉ. शेषनारायण शुक्ल, पवित्र तिवारी आदि उपस्थित रहे।
पांच विद्वानों को मिला महापोध्याय पुरस्कार
हिंदी दिवस पर पांच विद्वानों को हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से साहित्य महापोध्याय सम्मान से अलंकृत किया गया। इसमें गिरजाशंकर शुक्ल गिरीश (रीवा), डॉ. दिनेशचंद्र अवस्थी (लखनऊ), डॉ. रामानंद शर्मा (मुरादाबाद), डॉ. अखिलेश निगम अखिल (लखनऊ) व डॉ. सुशील पांडेय साहित्येंदु (सुल्तानपुर) शामिल रहे। वहीं, निबंध प्रतियोगिता में स्नातक स्तर में कमलेंद्रनाथ और सौम्या त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से प्रथम, प्रशांत सिंह व शिवेंद्र मिश्रा ने द्वितीय और भावना यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इंटरमीडिएट स्तर पर सृजन शर्मा प्रथम, श्री पांडेय द्वितीय व मुस्कान यादव तृतीय स्थान पर रहे। इन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
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