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पीएम मोदी के जन्मदिन पर काशी में मुस्लिम महिलाओं ने गाया सोहर, लड्डू का लगाया भोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जमकर जश्न मनाया। महिलाओं ने सोहर गाया और लड्डुओं का भोग लगाकर दीप भी जलाकर अल्लाह से मोदी के लिए लंबी उम्र और कामयाबी की दुआ मांगी।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 Sep 2024 02:45 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जमकर जश्न मनाया। महिलाओं ने सोहर गाया और लड्डुओं का भोग लगाकर दीप भी जलाकर अल्लाह से मोदी के लिए लंबी उम्र और कामयाबी की दुआ मांगी। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में 'विश्व विजेता मोदी' कार्यक्रम का आयोजन लमही के सुभाष भवन में किया गया। सुभाष भवन में जुटी मुस्लिम महिलाओं ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन ढोल की थाप और गीत गाकर मनाया। यहां पहुंचीं हिन्दू-मुस्लिम महिलाएं मोदी के कार्यो और नीतियों से खासी प्रभावित नजर आईं। 70 साल की बिटुना देवी ने तो झोली भर के आशीर्वाद दिया। कहा कि इसी बार मोदी ने 70 साल के बुजुर्गों को बीमारी में सारा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की नीति बनाई है।

हाथों में मोदी का पोस्टर और चेहरे पर खुशी इस बात की गवाही दे रही थी कि मुस्लिम महिलाओं के लिए मोदी किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि विश्व विजेता नरेन्द्र मोदी किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। चारों ओर मुसीबतों से घिरी हुई मुस्लिम महिलाएं धार्मिक कट्टरपंथियों की गुलाम बन चुकी थीं, उन्हें सम्मान से जीने, बोलने और काम करने का कोई हक नहीं था।

मोदी जी ने अपने वोट की चिंता नहीं की। अपनी सरकार की चिंता नहीं की और न ही अपनी जान की चिंता की। बस मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बचाने के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया। विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय प्रभारी डॉक्टर नजमा परवीन ने कहा कि वोट के लालचियों ने मुस्लिम महिलाओं को गुलाम बनाए रखने की वकालत की, लेकिन मोदी ने बिना किसी की परवाह के हमारी मुक्ति के लिए सर्वस्व अर्पण कर दिया।

इस अवसर पर विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर अर्चना भारतवंशी, खुर्शीदा, राबिया, शाईना परवीन, रुकैय्या बीबी, नूरजहां, नगीना, पूनम, सारिका, पार्वती, रमता, रीता, श्यामदुलारी, धनेसरा, चिंता, सरोज, कविता, अर्चना, कलावती, गीत, बेचना, मैना आदि महिलाएं मौजूद रहीं।

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