Now this work will be done before registration of any land Yogi government s initiative to stop fraud अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले होगा यह काम, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार की पहल, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP NewsNow this work will be done before registration of any land Yogi government s initiative to stop fraud

अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले होगा यह काम, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार की पहल

यूपी में किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले अब उसका सत्यापन भी कराया जाएगा। योगी सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह पहल की है। इसके साथ ही पैन और आधार को लिंक कराने की भी योजना बनाई गई है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 14 May 2025 11:36 PM
share Share
Follow Us on
अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले होगा यह काम, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार की पहल

यूपी की योगी सरकार जमीनों के फर्जी बैनामे को रोकने के लिए रजिस्ट्री से पहले सत्यापन कराकर यह पता लगाएगी कि धोखाधड़ी को नहीं हो रही है। भविष्य में आधार और पैन कार्ड को भी रजिस्ट्री के समय लिंक कराने की योजना है। राजस्व विभाग के सहयोग से रजिस्ट्री के तुरंत बाद खतौनी में नाम दर्ज कराने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए कमेटी बना दी गई है। वह अन्य राज्यों के माडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करते हुए विभागीय मंत्री को सौंपेगी।

प्रदेश में मौजूदा समय रजिस्ट्री के दौरान संपत्तियों के सत्यापन की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते धोखाधड़ी कर एक ही संपत्ति की कई लोगों को रजिस्ट्री कर दी जाती है। जालसाज फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री करा लेते हैं। विभाग को स्टांप के रूप में राजस्व मिलता है इसलिए जांच नहीं की जाती। अब इस प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी है। रजिस्ट्री कराने वाले के संपत्ति पर मालिकाना अधिकार की जांच की कराई जाएगी। प्रदेश में सालाना करीब 48 लाख संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है।

हरियाणा में राजस्व और स्टांप विभाग एक ही है इसलिए वहां रजिस्ट्री के तत्काल बाद भूलेख पोर्टल पर मालिक का नाम दर्ज कर दिया जाता है। जिन राज्यों में स्टांप व राजस्व एक ही विभाग हैं, वहां मालिकाना हक की जांच तत्काल हो जाती है। अब यूपी में आधार और पैन के साथ सत्यापन का प्रस्ताव बन रहा है। रजिस्ट्री के साथ संपत्ति की सैटेलाइट फोटो लगाने की योजना भी है।

कारपोरेट आफिस की तरह बनेंगे रजिस्ट्री कार्यालय

लखनऊ। राज्य सरकार निबंधक कार्यालयों में कापोरेट आफिस की तर्ज पर सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें फ्रंट आफिस योजना के तहत इसे बनाया जाएगा। एसी रूम, साफ पानी, निशक्तों के लिए व्हील चेयर, हेल्पडेस्क, मीटिंग रूम और बच्चों को लेकर आने वाली महिलाओं के लिए अलग से बाल कक्ष जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। पहले चरण में 100 कार्यालयों में यह काम कराया जाएगा।

प्रदेश में 380 उप निबंधक कार्यालय हैं। इसमें 48 नए बनाए जा रहे हैं। उप निबंधक कार्यालयों की मौजूदा स्थिति काफी खराब है। सरकार को स्टांप शुल्क के रूप में सालाना 40 हजार करोड़ रुपये देने वाले इन कार्यालयों में न बैठने की व्यवस्था है और न पानी न शौचालय की। बेहतर व्यवस्था के लिए विभाग ने फ्रंट आफिस योजना बनाई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर काम कराने की योजना है। पीपीपी मोड की बात आने पर प्रदेश के कुछ जिलों में वकीलों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार निजीकरण करने जा रही है।

इस संबंध में स्टांप एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल कहते हैं कि निजीकरण का सवाल ही नहीं पैदा होता। यह काम केवल सुविधाएं देने के लिए कराए जाएंगे। रजिस्ट्री या फिर अन्य काम जैसे हो रहा है वैसे पूर्व की तरह होता रहेगा। लाखों रुपये स्टांप शुल्क देने वाला करदाता जब उप निबंधक कार्यालय आए तो खुद को वह खुद का सम्मानित महसूस कर सके इसीलिए काम कराया जा रहा है। पूरे परिसर में कैमरे लगाए जाएंगे। भविष्य में पासपोर्ट आफिस की तर्ज पर ऑनलाइन स्लाट आवंटन का भी प्रस्ताव है, ताकि पहले से समय लेकर रजिस्ट्री कराने लोग आ सकें।