परीक्षा न इंटरव्यू, सीधे थमा दिया ज्वाइनिंग लेटर; SGST में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा
- यूपी में गजब का फर्जीवाड़ा चल रहा है। दरअसल कानपुर में ठग ने जूनियर क्लर्क और स्टेनो पद पर नौकरी दिलाने के लिए न ही कोई लिखित परीक्षा ली गई और न ही इंटरव्यू लिया गया। सीधे नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। जब युवक नौकरी के लिए पहुंचे तो तब उन्हें अपने साथ ठगी का एहसास हुआ।
यूपी के कानपुर में एसजीएसटी में नौकरी दिलाने के नाम पर गजब फर्जीवाड़ा हुआ है। दरअसल जूनियर क्लर्क और स्टेनो पद पर नौकरी दिलाने के लिए कोई लिखित या ऑनलाइन परीक्षा नहीं ली गई बल्कि युवक-युवतियों को सीधे नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। इसके लिए सिर्फ स्नातक पास की शर्त रखी थी। ठगों ने नौकरी पक्की होने के लिए ऊपर तक तगड़ी सेटिंग का झांसा दिया गया था। फर्जीवाड़ा सामने आने के दूसरे दिन बुधवार को भी कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
लखनपुर स्थित एसजीएसटी कार्यालय में लखनऊ के आयुष कुमार, विक्रम सिंह, कानपुर की दिव्या, श्रेया और उनके जीजा ज्वाइनिंग लेटर लेकर नौकरी करने मंगलवार को पहुंचे। इनमें से सिर्फ 26 वर्षीय आयुष अपर आयुक्त ग्रेड वन आरएस विद्यार्थी के पास गया और नियुक्ति पत्र दिखाया। नियुक्ति पत्र पर अपर आयुक्त ग्रेड वन के हस्ताक्षर थे। जबकि वह काफी पहले रिटायर हो चुके हैं। हस्ताक्षर भी फर्जी मिले। इससे आयुष के भी पैरों तले जमीन खिसक गई। आयुष के साथ आए अन्य दावेदार भी सकते में आ गए।
दो बार में लिए नकद रुपये, खुद को बताता था आयुक्त
ठगी के शिकार विक्रम ने बताया कि नौकरी के लिए ठगों ने छह लाख रुपये लिए थे। तीन लाख लेटर मिलने से पहले और तीन लाख बाद में लिए। रुपये दोनों बार में नकद दिए। विक्रम ने बताया कि वह फर्जीवाड़ा करने वालों से सिर्फ दो बार ही मिला। उसके एक परिचित ने उनसे मिलवाया था। दोनों बार मिलने वाला खुद को विभाग का आयुक्त बताता था। साथ ही ज्यादा काम होने का हवाला देते हुए वह दोनों बार कुछ मिनटों के लिए ही मिला। उसने कहा था कि स्टेनो, जूनियर क्लर्क के लिए 55 लोगों को ज्वाइन करा रहा है। इंस्पेक्टर कल्याणपुर सुधीर कुमार ने कहा अभी इस मामले में कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। तहरीर मिलने पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सिर्फ स्नातक पास होने की रखी शर्त, ऊपर तक सेटिंग का दिया गया झांसा
यह पूरी तरह फर्जीवाड़ा है। डीसी प्रशासन के माध्यम से पुलिस को सूचित कर दिया गया है। अब आगे का काम पुलिस का है। हम अपने स्तर पर इसकी कोई जांच भी नहीं कराने जा रहे हैं।
आरएमएस से भेजे नियुक्ति पत्र
ठगों ने बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र सेंट्रल स्टेशन स्थित आरएमएस से स्पीड पोस्ट किया था। इसके साथ ही युवक-युवतियों को चकेरी स्थित होटल में ही बुलाया गया था। इससे जाहिर है कि ठग कानपुर के ही हैं। सेंट्रल स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो आरोपित पकड़े जाएंगे।
जीएसटी का दरवाजा दिखा गया था ठग
सूत्रों के अनुसार, ठगी करने वालों ने भरोसा जमाने के लिए अंत तक शातिर दिमाग लगाया। युवाओं को लखनपुर स्थित एसजीएसटी कार्यालय दिखाने के लिए उनका एक साथी भी तीन जनवरी को साथ गया। गेट के बाहर तक जाने के बाद उसने बताया कि नियुक्ति पत्र में छह जनवरी को ज्वाइन करना था। उस दिन सरकारी अवकाश के कारण पांचों लोग सात जनवरी को कार्यालय पहुंचे। इसके बाद उन्हें फर्जीवाड़ा का सारा खेल पता चला। लखनऊ का आयुष और विक्रम ही नहीं बल्कि अन्य युवाओं ने पाई-पाई जोड़कर छह-छह लाख रुपये दिए थे। विक्रम ने तो अपनी प्राइवेट जॉब तक छोड़ दी, ताकि वह एसजीएसटी में अच्छी नौकरी कर सके। माता-पिता और घरवालों को अच्छा जीवन देने का सपना चकनाचूर हो गया।