Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Maulana Shahabuddin got angry when Salman Rushdie book Satanic Verses was re released in the market

सलमान रुश्दी की किताब सैटेनिक वर्सेज के दोबारा मार्केट में आने पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन,बोले-दुकान पर नहीं बिकने देंगे

मौलाना शहाबुद्दीन ने बुधवार को कहा कि सलमान रुश्दी की किताब सैटेनिक वर्सेज पर लगाई गई थी, इस पाबंदी की मियाद खत्म हो गई है। अब कुछ लोग इसको भारत में दोबारा छापने की योजना बना रहे हैं। भारत सरकार से मांग करते हैं कि किताब पर दोबारा पाबंदी लगाई जाएं।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 Dec 2024 08:32 PM
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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि सलमान रुश्दी की किताब सैटेनिक वर्सेज पर लगाई गई थी, इस पाबंदी की मियाद खत्म हो गई है। अब कुछ लोग इसको भारत में दोबारा छापने की योजना बना रहे हैं। मौलाना ने कहा है कि भारत सरकार से मांग करते हैं कि किताब पर दोबारा पाबंदी लगाई जाएं। जो लोग इसको प्रकाशित करना चाहते हैं वो किताब को न छापे। देश का मुसलमान किसी भी बुक स्टॉल पर किताब रखने नहीं देंगे। किताबें जब्त कर ली जाएगी। अगर किताब मार्केट में आई मुस्लिम जमात जबरदस्त विरोध करेगी। दरअसल बहरी सन्स बुकसेलर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि सलमान रुश्दी की किताब 'The Satanic Verses' उनके दुकान पर उपलब्ध है।

मशहूर लेखक सलमान रुश्दी का विवादास्पद उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेज' 36 साल के प्रतिबंध के बाद एक बार फिर भारत लौट आया है। अंग्रेजी भाषा का यह उपन्यास, जिसे 1988 में राजीव गांधी सरकार के तहत भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि इसकी सामग्री को मुस्लिम संगठनों द्वारा ईशनिंदा समझा गया था। फिलहाल यह दिल्ली के बहरी सन्स बुकसेलर्स में उपलब्ध है। इसे लेकर अब एआईएमजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि 1988 में राजीव गांधी की सरकार ने इस किताब पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन अब वो पाबंदी खत्म होने के बाद भारत में किताब के प्रचार-प्रसार के लिए तैयारियां चल रही है। किताब में इस्लाम और पैगंबर ए इस्लाम के साथ ही साथ एहले बैद व सहाबा की शान में गुस्ताखी की गई है। सलमान रुश्दी ने किताब में ऐसे ऐसे जुमले लिखे हैं जिसको जुबान से दोहराया नहीं जा सकता।

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मार्केट में किताब आई तो माहौल बिगड़ेगा

मौलाना ने कहा कि किताब के मार्केट में आ जाने से माहौल खराब होगा। कोई भी मुसलमान किताब को किसी भी बुक स्टॉल पर नहीं देख सकता है। 1988 में जब ये किताब मार्केट में आई थी तो पूरे भारत के हर शहर में बड़े पैमाने पर विरोध हुए थे। अब फिर से अगर किताब बुक स्टॉलो पर आई तो मुसलमान खामोश नहीं बैठेंगे। मौलाना ने कहा इस किताब में इस्लाम और पैगम्बर इस्लाम के अलावा दूसरे धर्म के खिलाफ भी अपशब्द का इस्तेमाल किया गया है। देश में अमन व अमान कायम है। इस अच्छे माहौल को खराब करने के लिए ये बुक प्रकाशित करना माहौल खराब करना है।

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ईरान से दिया था फतवा

सलमान रुश्दी की किताब हमेशा से विवादों में रही है। ईरान के अयातुल्लाह खुमैनी ने सलमान रुश्दी के सिर पर इनाम रखने वाला फतवा भी जारी किया था।

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