तीन बैराजों से पानी छोड़े जाने से सरयू में उफान
दोहरीघाट में बारिश और नेपाल के बैराज से 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोडने से सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर 69.90 मीटर पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई है। प्रशासन ने...
दोहरीघाट। पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश संग नेपाल के शारदा, गिरजा और सरयू बैराज से छोड़े गए 6.50 लाख क्यूसेक पानी से सरयू नदी में उफान आ गया है। नदी का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में जलस्तर 40 सेमी बढ़कर खतरा बिंदु 69.90 मीटर पर पहुंच गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर और उफान से तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों में दहशत व्याप्त है। नदी के तटवर्ती नीचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। अब कस्बेवासियों और तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। सरयू का जलस्तर शनिवार की शाम चार बजे 69.50 मीटर था, जो रविवार को बढ़कर 69.90 मीटर हो गया। जलस्तर को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से नई बाजार के समीप नदी में पुल के लिए बनाये गए पीलर से नदी की धारा टकराकर कर भीषण गर्जना कर रही है, जिसको देख लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। नदी का पूरा दबाव इस समय रिंग बन्धों पर आ गया है। नदी के बढ़ते जलस्तर से नगर की ऐतिहासिक धरोहरों के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। मुक्तिधाम पर स्थित भारत माता मंदिर के पास बने बोल्डर पर नदी की धारा तेज गति से टक्कर मार रही है। और शवदाह स्थल के पास नदी तेजी से बैकरोलिंग कर रही है। इससे कटान का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, नगरवासियों में नगर की ऐतिहासिक धरोहरों मुक्तिधाम, खाकी बाबा की कुटी, दुर्गा मंदिर, रामजानकी मंदिर, डीह बाबा मंदिर, डाकबंगला, हनुमान मंदिर, शाही मस्जिद आदि के अस्तित्व पर संकट पर बादल मंडरा रहे हैं। नगरवासियों की आशंकाएं निराधार नहीं हैं, क्योंकि कई ऐतिहासिक धरोहरें पूर्व में सरयू की कटान और प्रलयंकारी लहरों की जद में आकर विलीन हो चुके हैं। कभी भी सरयू रौद्र रूप धारण कर विनाशलीला शुरू कर सकती है। वहीं, जलस्तर बढ़ने के बाद भी बाढ़खंड आजमगढ़ का कोई कर्मचारी बन्धों पर दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि सिंचाई विभाग मुक्तिधाम से लेकर गोधनी, बीबीपुर रिंग बन्धों की सुरक्षा में लगा हुआ है। बन्धों पर रेगूलेटरों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
ऊंचे स्थानों पर सामान रखने की सलाह
दोहरीघाट। सरयू नदी में तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग और बाढ़ खंड आजमगढ़ ने बन्धों पर लगे सभी रेगुलेटरों को बंद कर दिया है। इसमें बाढ़ खंड आजमगढ़ ने नवली, चिउतीडांड़, अवराडाड़ और सिंचाई विभाग ने नईबजार, बीबीपुर, धनौली और बेलौली सोनबरसा में लगे सभी रेगुलेटरों को बंद करते हुए निगरानी बढा दी है। साथ ही ग्रामीणों को बाढ़ से पूर्व सभी सामान को ऊंचाई वाले स्थानों पर रखने के लिए जागरूक कर रहें है।
तटवर्ती इलाकों में आ सकता है पानी
दोहरीघाट। सिंचाई विभाग के जेई जयप्रकाश यादव ने बताया कि तटबंधों की निगरानी बढ़ा दिया गया है। लोगों से नदी के किनारे नहीं जाने की अपील किया जा रहा है। साथ ही तटबंधों पर बनी बाढ़ चौकी पर गठित निगरानी टीमों द्वारा ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक साथ 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यदि पानी का डिस्चार्ज और बढ़ा तो निचले तटवर्ती गांवों में पानी घुसने की संभावनाएं बन सकती हैं। अभी स्थिति कंट्रोल में है। सभी बन्धों पर कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बंधों के नीचे डूब रही फसलें, किसान चिंतित
दोहरीघाट। सरयू नदी के जलस्तर में उफान आने से मैदानी इलाकों में पानी फैलने लगा है। बीते दिनों सरयू नदी के लाल निशान पार करने के बाद जलस्तर घटने से किसानों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब पुन: लाल निशान पार करने से बंधों के नीचे की फसलें डूबने लगी है। बेलौली रिंग बंधा, धनौली रिंग बंधा, चिऊटीडाड़, रामनगर, रसूलपुर सहित अन्य स्थानों पर धान, गन्ना सहित अन्य फसलें डूबने से किसानो को फसलों के खराब होंने की चिंता सताने लगी है।
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