महाकुंभ का प्रबंधन तत्काल सेना को सौंपे, भगदड़ पर बोले अखिलेश यादव, सीएम योगी से मांगा इस्तीफा
- Mahakumbh stampede: महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर लगातार उंगली उठा रहे अखिलेश यादव ने संगम नोज पर मची भगदड़ के बाद बड़ी मांग कर दी है। अखिलेश यादव ने महाकुंभ मेला का प्रबंधन सेना को सौंपने की मांग कर दी है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा भी मांग लिया है।
Mahakumbh stampede: महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर लगातार उंगली उठा रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संगम नोज पर मची भगदड़ के बाद बड़ी मांग कर दी है। अखिलेश यादव ने महाकुंभ मेला का प्रबंधन सेना को सौंपने की मांग कर दी है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा भी मांग लिया है। योगी का बिना नाम लिए कहा कि दावों की सच्चाई अब सभी के सामने आ गई है। जो लोग झूठा दावा कर रहे थे, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने हादसे को लेकर एक्स पर लिखा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
एक अन्य पोस्ट में अखिलेश ने सरकार से प्वाइंट वार अपील भी की। लिखा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।
अखिलेश ने लिखा कि सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। कहा कि श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की।
जगह-जगह रोके गए लोगों को लेकर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने कहा कि हम उप्र की दयालु जनता व स्वयंसेवी संस्थाओं से आग्रह करते हैं कि वो अपने गांव-बस्ती-शहर में जाम में फंसे श्रद्धालुओं के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करें। सरकार को इस तरह के बड़े प्रबंधन के लिए स्वयं तैयार रहना चाहिए था, लेकिन न तो सरकार अब ऐसा कर सकती है और न ही उनकी तरफ़ से ऐसा करने की कोई संभावना दिख रही है। ऐसे गंभीर हालातों में श्रद्धालुओं की सेवा करना भी महाकुंभ के पुण्य से कम नहीं है।
उन्होंने कहा है कि हम सबको अपनी-अपनी सामर्थ्य और क्षमता के अनुरूप आगे आकर जन-सेवा के इस महायज्ञ में शांतिपूर्वक अनाम सहयोग करना चाहिए। महाकुंभ मेला क्षेत्र, प्रयागराज के नगरीय क्षेत्र, जन परिवहन के केंद्रों, प्रयागराज शहर की सीमाओं व विभिन्न शहरों में प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों को बंद करने से करोड़ों लोग सड़कों पर फंस गए हैं। लाखों वाहनों में करोड़ों लोग दसों किलोमीटर लंबे जाम में फंसे पड़े हैं।
सरकार को इसे सामान्य बचाव के स्थान पर शासनिक-प्रशासनिक लापरवाही से जन्मी आपदा मानकर तुरंत सक्रिय हो जाना चाहिए। सूर्यास्त से पहले ही श्रद्धालुओं तक भोजन-पानी की राहत पहुंचनी चाहिए और उनमें ये भरोसा जगाना चाहिए कि सबको सकुशल अपने गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार और केंद्रीय सरकार के द्वारा की जाएगी। जो लापता हैं उन्हें ढूंढकर उनके घरों तक सही सलामत पहुंचाया जाएगा।