महाकुंभ: ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी का क्यों रखा गया कमला नाम, मिला कौन सा गोत्र?
- कमला के बारे में बात करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि वह हमारी है, सहज सरल होने के कारण धार्मिक है। हमारी पंरपरा को सीखना और उससे जुड़ना चाहती है। मेरे प्रति उसके मन सम्मान और आदर है।
Mahakumbh: प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। इसमें देश-दुनिया से करोड़ों भक्त संगम में डुबकी लगाने के लिए आएंगे। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर पहला शाही स्नान है, जिसमें 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ सकते हैं। इस बार ऐपल कंपनी के पूर्व सीईओ दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी महाकुंभ में मौजूद हैं। महाकुंभ की शुरुआत से पहले पॉवेल को नया नाम दिया गया है, उन्ळें अब कमला कहकर बुलाया जाएगा। उन्हें कमला नाम इसलिए दिया गया क्योंकि ज्योतिष के हिसाब से उनका नाम 'क' से बना और इस वजह से उनके गुरु श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने उन्हें कमला नाम और अपना अच्युत गोत्र दिया।
कमला के बारे में बात करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा, ''वह हमारी है, सहज सरल होने के कारण धार्मिक है। हमारी पंरपरा को सीखना और उससे जुड़ना चाहती है। मेरे प्रति उसके मन सम्मान और आदर है। गुरु और पिता का भाव है। यह सीख भारत के सभी लोगों को लेना चाहिए। मैं काफी खुश हूं कि उसके माध्यम से हमारी परंपरा आगे बढ़ पाएगी।'' जब स्वामी कैलाशानंद गिरी से पूछा गया कि काशी में कमला ने दर्शन किया, लेकिन भगवान को स्पर्श नहीं कर पाईं, इस पर स्वामी ने जवाब दिया कि मैं साफ करना चाहता हूं कि आचार्य का काम परंपराओं का पालन करना होता है। जो आचरण को बनाकर रखे वही आचार्य है।
कमला को दिया कौन सा गोत्र?
उन्होंने आगे कहा कि वह मेरी बेटी है। हम सभी परिवार ने पूजन किया और मंदिर परिवार ने उनको स्वागत किया और माला पहनाया। वहां परंपरा है कि गैर-हिंदू काशी विश्वनाथ मंदिर को स्पर्श नहीं करेगा। अगर यह परंपरा को मैं बनाकर नहीं रखूंगा तो परंपरा टूट जाएगी और बिखर जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि कमला मेरी बेटी है और आश्रम की बच्ची है। मैंने उसे अच्युत गोत्र दिया, क्योंकि संन्यासियों का अच्युत गोत्र होता है और नाम उसे कमला दिया, क्योंकि ज्योतिष के हिसाब से उसका नाम 'क' से निकला और मुझे कमला सबसे अच्छा नाम लगा, इसलिए यह नाम रखा।