अतिक्रमण मामले में सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान कानून के तहत कार्रवाई गलत
Lucknow News - लखनऊ हाईकोर्ट ने ग्राम सभा की जमीनों पर अतिक्रमण के मामले में सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत की कार्रवाई को प्रथम दृष्टया कानून सम्मत नहीं माना है। न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब...

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक आदेश में कहा है कि ग्राम सभा की जमीनों पर अतिक्रमण के मामले में सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत की कार्रवाई प्रथम दृष्टया कानून सम्मत नहीं है। न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने कहा कि इस विषय के विधिक बिंदु पर विचार किया जाएगा। मामले की अगली सुनवायी चार सप्ताह बाद होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ में गुलाब सिंह व एक अन्य की याचिका पर पारित किया। याचियों की ओर से उनके अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव ने दलील दी कि याचियों पर चक मार्ग पर ईंटें रखकर अवैध अध्यासन का आरोप लगाया गया है।
इस सम्बंध में उनके विरुद्ध सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत बहराइच जनपद में मुकदमा दर्ज किया गया है। दलील दी गई कि तहसील प्रशासनों द्वारा ऐसे मामलों में उक्त अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है, जबकि उक्त अधिनियम के तहत अपराध तब है जब दंगों अथवा धरना-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई गई हो। इस सम्बंध में 22वें विधि आयोग की रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया। उक्त कानून को बनाने के उद्देश्य को उद्धत किया गया है। न्यायालय ने याचियों के विरुद्ध निचली अदालत में चल रहे मुकदमे की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी तथा राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
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