Doctors at PGI Save Elderly Patient s Life with MitraClip Technique for Heart Valve Disease पीजीआई के डॉक्टरों ने दिल के बुजुर्ग मरीज को दी नई जिंदगी, Lucknow Hindi News - Hindustan
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पीजीआई के डॉक्टरों ने दिल के बुजुर्ग मरीज को दी नई जिंदगी

Lucknow News - पीजीआई के डॉक्टरों ने 70 वर्षीय बुजुर्ग को माइट्रल वॉल्व संबंधी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए मिट्रा क्लिप तकनीक का उपयोग किया। ओपेन हार्ट सर्जरी के जोखिम के कारण, डॉक्टरों ने कम-invasive प्रक्रिया...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 13 May 2025 06:16 PM
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पीजीआई के डॉक्टरों ने दिल के बुजुर्ग मरीज को दी नई जिंदगी

पीजीआई के डॉक्टरों ने मिट्रा क्लिप से दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित बुजुर्ग को नई जिंदगी दी है। मरीज को वॉल्व संबंधी गंभीर बीमारी थी। दिल का माइट्रल वॉल्व ठीक से बंद नहीं हो पा रहा था। नतीजतन खून का बहाव उल्टा होने लगता था। इससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती थी। मरीज को गुर्दे व स्ट्रोक की समस्या हो चुकी थी। ऐसे में ओपेन हार्ट सर्जरी कठिन थी। 70 वर्षीय बुजुर्ग के दिल का माइट्रल वॉल्व ठीक से काम नहीं कर रहा था। दिल की गति रुकने के कारण उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होने पड़ता था। सांस फूलने और घबराहट की समस्या थी।

गंभीर अवस्था में परिवारीजन बुजुर्ग को लेकर पीजीआई कॉर्डियोलॉजी विभाग पहुंचे। यहां कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सत्येंद्र तिवारी व डॉ. रुपाली खन्ना ने मरीज को देखा। जांच के बाद आधुनिक तकनीक मिट्रा क्लिप तकनीक से माइट्रल वॉल्व की मरम्मत का फैसला किया। परिवारीजन छोटे चीरे से इलाज को राजी हो गए। इसके बाद डॉक्टरों ने मिट्रा क्लिप से दिल के वॉल्व की मरम्मत की। डॉ. रूपाली खन्ना ने बताया कि मरीज को किडनी और स्ट्रोक की बीमारी पहले से थी। इसकी वजह से इलाज का जोखिम काफी था। लिहाजा ओपेन हार्ट सर्जरी कठिन हो गई थी। मिट्रा क्लिप तकनीक से बिना छाती खोले एक छोटी सी प्रक्रिया के जरिए वॉल्व की मरम्मत कर दी। मिट्रा क्लिप क्या है मिट्रा क्लिप मिट्रल वॉल्व को ठीक करने की एक सरल प्रक्रिया है। इसमें कैथेटर को पैर की एक नस के माध्यम से दिल के माइट्रल वॉल्व तक पहुंचाया जाता है। माइट्रल में पहुंच कर वॉल्व में क्लिप लगाई जाती है। इससे दिल में खून का प्रवास सामन्य होने लगता है। ऑपरेशन टीम के सदस्य डॉ. रुपाली, डॉ. सत्येंद्र, डॉ. आदित्य कपूर, डॉ. अंकित साहू और डॉ. हर्षित खरे, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. प्रभात तिवारी, डॉ. आशीष कनौजिया और डॉ. लारीब समेत अन्य डॉक्टर शामिल हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने टीम को बधाई दी है।

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