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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरIIT Kanpur Develops OTP-Based Device to Ensure Safety for Linemen During Power Operations

लाइनमैन ओटीपी बताएगा तभी ऑन होगा फीडर, तमाम जानें बचेंगी

अब बिजली का फीडर चालू करने के लिए लाइनमैन का ओटीपी जरूरी होगा। इससे गलत शटडाउन से जान गंवाने वाले लाइनमैनों की सुरक्षा बढ़ेगी। IIT कानपुर ने एक सेफ स्विच डिवाइस बनाई है, जो इंटरनेट से जुड़ेगी और ओटीपी...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 11 Sep 2024 11:54 AM
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लाइनमैन के ओटीपी बताने पर ही अब बिजली का फीडर चालू होगा। इससे गलत शटडाउन से जान गंवाने वाले लाइनमैनों को बचाया जा सकेगा। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की मांग पर आईआईटी कानपुर ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो फीडर से नेटवर्क के जरिए जुड़ेगी और लाइनमैन के ओटीपी बताने पर ही फीडर चालू किया जा सकेगा। 15 दिनों से आरपीएच न्यू सबस्टेशन में इसका ट्रायल भी चल रहा है। बिजली मरम्मत के दौरान गलती से लाइन चालू होने से आएदिन लाइनमैनों के जान गंवाने की खबरें आती हैं। इसे रोकने के लिए आईआईटी कानपुर के इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने सेफ स्विच डिवाइस बनाई है। बिजली फीडर के ब्रेकर स्विच बॉक्स में इसे लगाने के बाद इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। फीडर से संबंधित लाइनमैनों की शिफ्टवार ड्यूटी के हिसाब से मोबाइल नंबर फीड हैं। सबस्टेशन के एसएसओ का भी नंबर इसमें दर्ज किया गया है। फॉल्ट की मरम्मत के दौरान लिए गए शटडाउन पर काम होने के बाद लाइनमैन अपने फोन से एसएसओ को कॉल करेगा। तब वह सेफ स्विच पर लगे बटन को दबाएगा और तत्काल एक ओटीपी लाइनमैन के पास जाएगा। लाइनमैन के बताए ओटीपी को डिवाइस के डायल पैड पर दबाने पर ब्रेकर का हैंडल खुलेगा। बिना ओटीपी के फीडर बंद रहेगा।

पहली सेफ्टी डिवाइस, आईआईटी कराएगा पेटेंट

आईआईटी कानपुर ने सेफ स्विच डिवाइस को पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। आईआईटी के प्रोफेसर अंकुश शर्मा के निर्देशन में इसे शोध छात्र ऋतिक राजपूत, मनीष कुमार गुप्ता और प्रतीक शर्मा ने तैयार किया है। ऋतिक राजपूत ने बताया कि अभी यह एक ट्रायल बेस डिवाइस है। पॉवर कार्पोरेशन की मांग पर इसमें कई फीचर्स और जोड़े जाएंगे। पेटेंट के बाद टीम इसकी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर काम करेगी। इसके बाद इसका कोई यूनीक नाम तय होगा।

इमरजेंसी में फीडर अलग भी किए जा सकेंगे

डिवाइस को इस तरह से तैयार किया गया है कि ओटीपी से फीडर बंद और चालू करने की भी व्यवस्था है। आग लगने या किसी भी इमरजेंसी में फीडरों को अलग भी किया जा सकेगा। इसके लिए ओटीपी की जरूरत नहीं होगी।

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