जयपुर मेयर मुनेश गुर्जर ने पट्टा जारी करने के एवज में ली रिश्वत, चार्जशीट में खुलासा
- एसीबी ने चार्जशीट में बताया कि 17 जुलाई को राजीव शर्मा को पट्टा दिलाने के लिए सुशील गुर्जर के पास 50 हजार की राशि पहुंची। इसी दिन फाइल मेयर कार्यालय में पहुंच गई। 19 जुलाई को पट्टा मिल गया।
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ एसीबी ने चार्जशीट पेश कर दी है। कोर्ट में पेश एसीबी की चार्जशीट में हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति सुशील गुर्जर, संविदा कर्मी दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे का जिक्र है।
मुनेश गुर्जर के पति काम कराने के बदले रिश्वत लेता था और उसके कहने पर ही मुनेश फाइल पर हस्ताक्षर करती थी। एसीबी ने यह तथ्य गुरुवार को अदालत में पेश 2502 पेज की चार्जशीट में बताए। दूसरी तरफ पट्टे की एवज में भ्रष्टाचार के मामले में स्वायत्त शासन विभाग से मिले नोटिस के बाद एसीबी कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि कमर दर्द के कारण मेयर मुनेश कोर्ट में पेश नहीं हो पाई। मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को रखी गई है। मेयर मुनेश के वकील दीपक चौहान ने कहा जो आरोप लगाए गए है, वे तथ्यहीन है।
इसका उदाहरण एसीबी ने सिविल लाइंस में पट्टा लेने वाले राजीव शर्मा के जरिए दिया है। एसीबी ने चार्जशीट में बताया कि राजीव शर्मा ने सिविल लाइंस में पट्टा लेने के लिए 2 दिसंबर 2022 को आवेदन किया था। डेढ़ साल तक उनकी फाइल घूमती रही लेकिन पट्टा नहीं मिला। 17 जुलाई को राजीव शर्मा को पट्टा दिलाने के लिए सुशील गुर्जर के पास 50 हजार की राशि पहुंची। इसी दिन फाइल मेयर कार्यालय में पहुंच गई और 19 जुलाई को राजीव को पट्टा मिल गया।
वहीं बनी पार्क निवासी सतीश चंद्र भार्गव के बारे में चार्जशीट में लिखा गया कि सतीश टैगोर पथ स्थित अपने प्लॉट का पट्टा लेना चाहते थे। 17 अगस्त 2022 को आवेदन किया था लेकिन करीब 1 साल तक फाइल घूमती रही। मामले के शिकायतकर्ता सुधांशु ने 24 जुलाई को जब सतीश के पट्टे की बात दलाल अनिल दूबे से की तो उसने व्हाट्सएप पर 2 लिखकर भेजा. यानी दो लाख मांगे। 25 जुलाई को मेयर के पति ने एक लाख रुपए लिए। 27 जुलाई को फाइल मेयर के कार्यालय पहुंची और 1 अगस्त को सतीश भार्गव को पट्टा मिल गया।
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