हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है भूमिसेन महाराज का मेला
Kannauj News - छिबरामऊ क्षेत्र के गोपालनगर गांव में हर वर्ष भूमिसेन महाराज का तीन दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन गया है। मेले में बच्चों के लिए झूले, घरेलू सामान और...

छिबरामऊ, संवाददाता। छिबरामऊ क्षेत्र से जुड़े गोपालनगर गांव में हर वर्ष भूमिसेन महाराज का तीन दिवसीय मेले का आयोजन कराया जाता है। पिछले करीब सात वर्षों से लग रहा यह मेला हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। मेले का आयोजन हिंदू और मुस्लिम मिलकर संयुक्त रूप से एक साथ करते हैं। ग्राम पंचायत लड़ैता के मजरा गोपालनगर में चल रहे तीन दिवसीय एकता मेले में जहां बच्चों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले लगाए गए हैं। वहीं घरेलू उपयोग और सौदर्य प्रशाधन के साथ खाने-पीने की दुकानें भी सजाई गई है। लोगों के मुताबिक भूमिसेन महाराज के प्राचीन मंदिर में प्रतिवर्ष एकता मेले का आयोजन किया जाता है।
तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में आस-पड़ोस गांव के लोगों की भीड़ जुटती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मेले का आयोजन हिंदू-मुस्लिम दोनों मिलकर संयुक्त रूप से करते हैं। जो क्षेत्र में भाईचारे की मिसाल बनी हुई है। गोपालनगर गांव के राशिद रजा बताते हैं कि पिछले करीब सात वर्षों से इस मेले का आयोजन वह और विमल कश्यप व अन्य लोगों के सहयोग से करते चले आ रहे हैं। इस मेले में दोनों समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ती है। मेले में सुरक्षा के साथ लोगों के आम जरूरत के सामान की दुकानें भी लगाई जाती है। वहीं बच्चों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। गांव के विमल कश्यप ने बताया कि गांव में भूमिसेन महाराज मंदिर है। यहां लोग मन्नत मांगने आते हैं। भूमिसेन महाराज लोगों की मन्नतें पूरी करती हैं। उसी का परिणाम है कि यहां हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग अपनी पूरी सहभागिता कर मेले को हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचायक बनाए हुए हैं।
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