हेमंत सोरेन सरकार का फैसला, झारखंड में बदलेगा स्कूल का सिलेबस
झारखंड के सरकारी स्कूलों में 2026 से पाठ्यक्रम बदलेंगे। 2026 के नए शैक्षणिक सत्र में जहां पहली से चौथी कक्षा तक के पाठ्यक्रम बदले जाएंगे, वहीं 2027 में पांचवीं से आठवीं तक के सिलेबस में बदलाव किया जाएगा।

झारखंड के सरकारी स्कूलों में 2026 से पाठ्यक्रम (सिलेबस) बदलेंगे। 2026 के नए शैक्षणिक सत्र में जहां पहली से चौथी कक्षा तक के पाठ्यक्रम बदले जाएंगे, वहीं 2027 में पांचवीं से आठवीं तक के सिलेबस में बदलाव किया जाएगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। झारखंड शैक्षिक अनुशंधान व प्रशिक्षण परिषद् के नेतृत्व में इसका बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए विषय विशेषज्ञों और शिक्षकों के सहयोग से पाठ्यक्रम तैयार होगा।
झारखंड बनने के बाद दूसरी बार पहली से चौथी क्लास के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किये जा रहे हैं। इसमें बुनियादी साक्षरता से लेकर सीखने की कला को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। लर्निंग आउट कम को जो री-डिजाइन किया गया है, उसे ही लागू किया जाएगा। झारखंड के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश के साथ-साथ यह के महापुरुषों से लेकर आंदोलनकारियों को समाहित किया जाएगा। झारखंड के बच्चे गुरुजी शिबू सोरेन की जीवनी, उनके आंदोलन, त्याग के बारे में तो पढ़ेंगे ही, भारत को क्रिकेट में दो-दो विश्वकप जीतने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के बारे में भी अध्ययन करेंगे। हॉकी-तिरंदाजी समेत अन्य खेलों में राज्य का राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, मेडल दिलाने वाले खिलाड़ियों को भी पाठ्यपुस्तकों में जगह दी जा सकती है।
बंगाल की तर्ज किताबों का वितरण
झारखंड में पश्चिम बंगाल की तर्ज पर पाठ्य पुस्तकों का वितरण होगा। यह व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र अप्रैल 2026 से झारखंड में लागू की जाएगी। इसमें अप्रैल महीने में एक पखवाड़ा के अंदर राज्य भर में एक साथ किताबों का वितरण किया जाएगा। राज्य भर के स्कूलों में 2026 के नए शैक्षणिक सत्र से एक अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच किताबों को वितरण होगा। इसके लिए किताबों की छपाई के साथ-साथ प्रखडों तक पहुंचाने की कार्रवाई मार्च तक पूरी कर ली जाएगी।