it is not wrong to send teachers back to school who have been arp for 3 years high court rejects petitions of primary te 3 साल ARP रह चुके शिक्षकों को स्‍कूल भेजना गलत नहीं, प्राइमरी टीचरों की याचिकाएं हाई कोर्ट से खारिज, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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3 साल ARP रह चुके शिक्षकों को स्‍कूल भेजना गलत नहीं, प्राइमरी टीचरों की याचिकाएं हाई कोर्ट से खारिज

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समग्र शिक्षण अभियान के तहत ब्लाक और न्याय पंचायतों में स्थापित संसाधन केंद्रों में कार्यरत एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन को नई चयन प्रक्रिया से बाहर करने के खिलाफ दाखिल परिषदीय विद्यालयों के सैकड़ों सहायक अध्यापकों की याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

Ajay Singh विधि संवाददाता, प्रयागराजWed, 26 March 2025 07:09 AM
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3 साल ARP रह चुके शिक्षकों को स्‍कूल भेजना गलत नहीं, प्राइमरी टीचरों की याचिकाएं हाई कोर्ट से खारिज

UP Primary Teachers: तीन साल तक एआरपी (एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन) रह चुके शिक्षकों को वापस स्‍कूल भेजने और नए शिक्षकों को एआरपी बनने का मौका देने में कुछ भी गलत नहीं है। बल्कि इससे विद्यार्थियों को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समग्र शिक्षण अभियान के तहत ब्लाक और न्याय पंचायतों में स्थापित संसाधन केंद्रों में कार्यरत एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को नई चयन प्रक्रिया से बाहर करने के खिलाफ दाखिल परिषदीय विद्यालयों के सैकड़ों सहायक अध्यापकों की याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

कोर्ट ने कहा है कि बच्चों में भाषाई और गणितीय कौशल बढ़ाने की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत आदर्श विद्यालय विकसित करने की सरकार की नीतिगत योजना में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि तीन वर्ष तक काम कर चुके अध्यापकों को विद्यालयों में वापस भेज अनुभव का लाभ लेना और नए अध्यापकों को एआरपी (एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन) बनने का अवसर देना किसी प्रकार से विभेदकारी और मनमानापन नहीं है।

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सरकार ने तीन वर्ष से अधिक एआरपी रहे चुके अध्यापकों को अनर्ह करार देकर नए को चयनित करना विद्यार्थियों के बृहत्तर हित में है। यह सरकार की नीति तार्किक भी है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने दिलीप कुमार सिंह राजपूत और 20 अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि दो फरवरी 2019 से नई व्यवस्था लागू की गई है। चयन मापदंड तय है।

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एआरपी (एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन) का शुरुआती कार्यकाल एक वर्ष और कार्य प्रकृति के अनुसार नवीनीकरण जो अधिकतम तीन वर्ष तक निर्धारित किया गया है। याची पिछले पांच वर्षों से एआरपी के रूप में कार्यरत हैं। अब सरकार ने नई नियुक्ति करने का फैसला लिया है, जिसमें तीन वर्ष कार्य कर चुके लोगों को चयन के लिए अनर्ह घोषित कर दिया गया है। इसे याचिका में चुनौती दी गई थी

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