अस्पताल में हाथ जोड़कर मरीज मांगता रहा सांसें, इलाज न मिलने से मौत; डिप्टी CM ने बिठाई जांच
- KGMU प्रशासन का कहना है कि हार्ट फेल होने के बाद मरीज को लाया गया था। उसको वेंटिलेटर की जरूरत थी पर खाली न होने से रेफर कर दिया गया। इस दौरान मरीज की मौत हो गई। अब KGMU लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जांच के बजाय लीपापोती में जुटे KGMU प्रशासन को डिप्टी CM ने तगड़ा झटका दिया है।
केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में संवेदनहीनता की हद हो गई। उखड़ती सांसों के बीच ऑक्सीजन मास्क लगाए मरीज डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाता रहा। तीमारदार भी मरीज की उखड़ती सांसों की दुहाई देते रहे। आरोप है कि फिर भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और समुचित इलाज न मिलने से उसकी सांसें थम गईं। इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। हालांकि, केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि हार्ट फेल होने के बाद मरीज को लाया गया था। उसको वेंटिलेटर की जरूरत थी पर खाली न होने से रेफर कर दिया गया। इस दौरान मरीज की मौत हो गई। मामले में केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जांच के बजाय लीपापोती में जुटे केजीएमयू प्रशासन को डिप्टी सीएम ने तगड़ा झटका दिया है। डिप्टी सीएम ने कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद को स्वयं घटना की जांच के आदेश दिए हैं। चार दिन के भीतर कार्रवाई से अवगत कराने के भी निर्देश दिए हैं।
दुबग्गा के छंदोईया निवासी सैफ के मुताबिक पिता अबरार अहमद (55) का इलाज लारी में 2018 से चल रहा था। रविवार रात लगभग 1230 बजे उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ था। वे खुद ही मोटरसाइकिल से छोटे भाई को लेकर लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग पहुंचे थे। यहां सीने में तेज हो रहे दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर के कहने पर तीन से चार इंजेक्शन लगाए गए थे। आरोप हैं कि इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद मरीज के नाक और मुंह से खून निकलने लगा था। इसके बाद खुद ही पिता ने डॉक्टर से हाथ जोड़कर अपनी जान बचाए जाने की गुहार लगाई थी। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए मरीज को पीजीआई व लोहिया संस्थान ले जाने की सलाह दी थी। इसी दौरान मरीज की मौत हो गई थी। नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया था।
हिन्दुस्तान की खबर का लिया संज्ञान
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने वेंटिलेटर के अभाव में मरीज की मौत के मामले को गंभीरता से लिया। एक्स पर घटना की जांच संबंधी जानकारी साझा की। डिप्टी सीएम ने कहा कि घटना दर्दनाक है। साथ ही केजीएमयू कुलपति को पत्र लिखा है कि वह स्वयं मामले की जांच करें।
डिप्टी सीएम की ओर से केजीएमयू वीसी को भेजे गए पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि हिन्दुस्तान में घटना से संबंधित खबर प्रकाशित हुई है। ऐसी घटनाओं से संस्थान, विभाग और सरकार की छवि खराब हो रही है। इसलिए दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करें। इसकी रिपोर्ट चार दिन में उपलब्ध कराएं।
ऑक्सीजन बेड तक का संकट
केजीएमयू में वेंटिलेटर की बात तो दूर मरीजों को ऑक्सीजन बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। ट्रॉमा सेंटर की कैजुअल्टी में 35 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। मरीजों का दबाव अधिक रहता है। नतीजतन मरीजों को दूसरे सरकारी संस्थानों में रेफर किया जा रहा है।
वेंटिलेटर खाली होने की सूचना देनी होगी
राज्य सरकार ने लारी कॉर्डियोलॉजी में वेंटिलेटर न मिलने से मरीज की हुई मौत को गंभीरता से लिया है। लोगों को हास्पिटल के बारे में वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें लखनऊ के तीन बड़े संस्थानों केजीएमयू, एसजीपीजीआई और डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान को उनके यहां उपलब्ध बेड, इमरजेंसी सेवाओं, वेंटीलेटर व चिकित्सकों की पूरी जानकारी हास्पिटल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से देना होगा। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शासनादेश जारी करते हुए तीनों संस्थानों को निर्देश भेज दिया है। शासनादेश में कहा गया है कि तीनों चिकित्सा संस्थानों में बेड, इमरजेंसी सेवाओं, वेंटिलेटर और चिकित्सकों की उपलब्धता की सूचना नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर देनी होगी।
कांग्रेस और सपा नेता परिजन से मिले
मंगलवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की व आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही से अबरार की जान गई। वेंटिलेटर मिल जाता तो शायद वह आज होते। कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। देर शाम सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत अन्य ने ने परिवार को सांत्वना दी।