महाकुंभ से भागा नहीं हूं, IIT बाबा का नया वीडियो; कई सवालों के दिए जवाब
- आईआईटी बाबा का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है कि मैं महाकुंभ से भागा नहीं हूं। आईआईटी बाबा ने अपने इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन करके कई सवालों के जवाब दिए हैं।
आईआईटी बाबा का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है कि मैं महाकुंभ से भागा नहीं हूं। आईआईटी बाबा ने अपने इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन करके कई सवालों के जवाब दिए हैं। इसमें उन्होंने बताया है कि मुझे लेकर भ्रमित करने वाली खबरें आ रही हैं। इसमें कहा जा रहा है कि मैं महाकुंभ से कहीं चला गया हूं। मैं कहीं नहीं गया हूं। यहीं पर कल्पवास करूंगा। उन्होंने आगे कहाकि अखाड़ों के विचार बहुत सीमित होते हैं। अखाड़े के लोगों को लग रहा था कि मैं ज्यादा फेमस हो गया हूं। वह लोग इंटरव्यू देना चाहते थे कि मैं उनके अखाड़े से जुड़ा हूं। लेकिन मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं सिर्फ कुछ चीजें सीखने के लिए यहां पर आया हूं।
इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन
आईआईटी बाबा ने इंस्टाग्राम पर यह लाइव सेशन किया, जिसका कैप्शन दिया है, ‘सम क्लैरिटी’। उन्होंने कहा है कि अखाड़े के लोगों ने नाराज होकर मुझे निकाल दिया। कुछ अखाड़ों के विचार इतने सीमित होते हैं कि अगर आप वहां पर सत्य को लेकर जाओ लेकिन वो अपने सिस्टम से ही चलते हैं। वो लोग वहां पर ऐसे ही पड़े हुए हैं। उनका तीस साल का करियर बन गया है। उन्होंने कहाकि क्या कर सकते हैं अब। जो जैसे हैं वो वैसे ही हैं।
इसी दौरान कोई उनसे पूछता है कि क्या वो वास्तव में कुंभ में ही हैं? इसके जवाब में अभय सिंह सामने का व्यू दिखाते हैं। इसके बाद वह कहते हैं कि यहां पर हूं छोटी सी जगह है। यहां पर लोगों को मेरे बारे में पता भी नहीं चल पाता है। इसलिए लोग डिस्टर्ब भी नहीं करते हैं। इस दौरान अभय सिंह ने अलग-अलग विषयों पर पूछे गए लोगों के सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहाकि मैं धर्म की स्थापना करने आया हूं। मैं, मेरा अखाड़ा यह सब करने नहीं आया हूं।
वायरल हुआ था वीडियो
गौरतलब है कि अभय सिंह का महाकुंभ से एक वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था। इसमें उन्होंने खुद के बारे में बताया कि वह आईआईटी मुंबई से पढे़ हुए हैं। इसके बाद उनका नाम आईआईटी बाबा पड़ गया। वह जून अखाड़े के सोमेश्वर पुरी के साथ वाराणसी से महाकुंभ आए थे। सोमेश्वर पुरी को उनका गुरु बताया जा रहा था, लेकिन आईआईटी बाबा ने अब इस बात से भी इनकार कर दिया है। वह जूना अखाड़े के शिविर में महंत हीरापुरी की कुटिया में थे। लेकिन मीडिया इंटरव्यूज और लोगों की बढ़ती भीड़ के चलते उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया गया।