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IIT बाबा कैसे पहुंचे महाकुंभ, काशी में किस हाल में मिले अभय सिंह; जूना अखाड़ा के संत ने बताया

  • IIT Baba Maha Kumbh 2025: आईआईटी बाबा महाकुंभ में खूब वायरल हो रहे हैं। अभय सिंह को देखने और उनसे मिलने के लिए लोग बेकरार हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं आखिर आईआईटी बाबा महाकुंभ में पहुंचे कैसे?

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 17 Jan 2025 12:08 PM
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IIT Baba Maha Kumbh 2025: आईआईटी बाबा महाकुंभ में खूब वायरल हो रहे हैं। अभय सिंह को देखने और उनसे मिलने के लिए लोग बेकरार हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं आखिर आईआईटी बाबा महाकुंभ में पहुंचे कैसे? इस कहानी को जानने के लिए लाइव हिन्दुस्तान पहुंचा जूना अखाड़े के शिविर। यहां पर महंत थानापति हीरापुरी जी की कुटिया में हमारी मुलाकात हुई सोमेश्वर पुरी जी से। सोमेश्वर वाराणसी स्थित जूना अखाड़े के संत हैं और वही आईआईटी बाबा अभय सिंह को महाकुंभ में लेकर आए थे। उन्होंने हमें बताया कि आखिर वाराणसी में किस हाल मिले थे अभय सिंह।

फक्कड़ों जैसा था हाल
सोमेश्वर पुरी मूल रूप हैदराबाद के हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड हैं और बैंक में भी नौकरी कर चुके हैं। अब संत जीवन बिता रहे हैं। सोमेश्वर पुरी ने बताया कि अभय सिंह की उनसे मुलाकात काशी में हुई थी। जब अभय वहां पहुंचे तो बिल्कुल फक्कड़ों वाली हालत में थे। जब वह मुक्त रूप में होते थे तो जोर-जोर से चिल्लाने लगते थे। कभी खुद को शिव बताते थे, कभी खुद को कृष्ण बताते थे। कपड़े आदि का भी कुछ हाल नहीं रहता था।

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लोग समझ नहीं पाए
संत सोमेश्वर पुरी आगे बताते हैं कि काशी में इस हाल में अभय सिंह को देखकर लोग समझ ही नहीं पाते थे। कई बार तो लोग उन्हें पागल समझकर उनके सामान वगैरह भी उठा लेते थे। फिर एक दिन अभय सिंह सोमेश्वर पुरी के पास काशी स्थित जूना अखाड़ा पहुंच गए। संत बताते हैं कि उन्होंने पहले अभय सिंह को काफी समझाया। उन्हें तमाम संतों से मिलवाया, जिसमें अघोरी भी शामिल थे।

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भविष्य उनका है
अभय सिंह के भविष्य को लेकर भी संत सोमेश्वर पुरी ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहाकि वह जिस स्तर पर हैं खुद पर नियंत्रण रखना संभव नहीं है। लेकिन दीक्षा के बाद गुरु के आशीर्वाद से उन्हें मार्गदर्शन मिलेगा और वह अपनी शक्तियों पर काबू पाना सीख जाएंगे। उन्होंने बताया यही सब सोचकर मैं उन्हें महाकुंभ ले आया हूं। वह काफी विद्वान हैं और निश्चित तौर पर आने वाले समय में बड़े संत बनेंगे।

 

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