कैसे और कब संगम पर पहुंचे इतने ज्यादा श्रद्धालु? न्यायिक आयोग ने मेला अफसरों से मांगा भीड़ नियंत्रण प्लान
- मौनी अमावस्या पर हुए हादसे की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को प्रयागराज पहुंची न्यायिक आयोग की टीम ने अफसरों से महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से तैयार की गई प्लान की जानकारी ली।
मौनी अमावस्या पर हुए हादसे की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को प्रयागराज पहुंची न्यायिक आयोग की टीम ने अफसरों से महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से तैयार की गई प्लान की जानकारी ली। अफसरों ने उन्हें मौखिक तौर पर बताया, जांच टीम ने इसका पूरा रिकॉर्ड तलब किया है। टीम का फोकस इस बात को जानने पर रहा कि संगम नोज पर श्रद्धालुओं की संख्या आखिर क्यों बढ़ी? भीड़ को पहले नियंत्रित क्यों नहीं किया गया? अफसरों ने इसकी जो वजह बताई, उसे टीम ने नोट किया फिर संगम नोज सहित संगम की ओर जाने वाले मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज का ब्योरा भी मांगा।
फुटेज में जांच टीम यह देखना चाहती है कि भीड़ का दबाव कब, कैसे और क्यों बढ़ा, उस वक्त उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई था या नहीं था। जाहिर है कि सीसीटीवी फुटेज इस जांच का अहम कड़ी होगा। तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार दोपहर लगभग 12 बजे प्रयागराज पहुंची। सर्किट हाउस में मेला और जिला प्रशासन के अफसरों ने उन्हें रिसीव किया। यहां कुछ देर रुकने के बाद टीम के सदस्य सबसे पहले संगम नोज पहुंचे। यहां अफसरों से पूरी घटना की जानकारी ली। इस दौरान जांच टीम ने कई सवाल पूछे, भीड़ किधर से आई, हादसा कितने बजे हुआ, सूचना कब मिली, कौन अफसर तैनात था, एंबुलेंस कितनी देर में पहुंची। उस वक्त श्रद्धालुओं की कितनी संख्या थी, श्रद्धालुओं के स्नान कर जाने का मार्ग क्या था। लगभग एक घंटे तक पूछताछ करने के बाद टीम आईट्रिपलसी स्थित सभागार पहुंची और अफसरों के साथ बैठक की। यहां भी लगभग एक घंटे तक अफसरों से जानकारी जुटाई गई।
बैठक में अफसरों से पूछे कई सवाल
टीम ने अफसरों से पूछा कि भीड़ प्रबंधन का इंतजाम क्या था? जब आपको यह मालूम था कि आठ से 10 करोड़ लोग आएंगे तो आपने क्या किया? संगम पर किस वक्त से बढ़ने लगा था भीड़ का दबाव? जब शुरुआत में स्थिति एकदम जबर्दस्त हो गई तो उस वक्त क्या किया गया? क्या उसी वक्त लोगों को निकलने के लिए कहा गया या फिर उस वक्त रुके रहे? कंट्रोल रूम में कौन-कौन तैनात था? उनकी रिपोर्ट क्या रही? किस वक्त आगाह किया? अगले स्नान पर्व वसंत पंचमी पर ट्रैफिक प्लान में अहम बदलाव क्या-क्या किए गए हैं?
सोशल मीडिया की रिपोर्ट पर भी मांगी जानकारी
सोशल मीडिया पर भगदड़ को लेकर जो खबरें चल रही हैं, उसके बारे में भी पूरा विवरण मांगा गया है। इसमें कितनी सच्चाई है। इसके साथ ही मीडिया की रिपोर्टिंग के बारे में भी विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
अफसरों ने रखा पक्ष
अफसरों ने कहा, हम शुरू से लोगों को बता रहे थे। श्रद्धालु बहुत अधिक उत्साहित थे। लगातार एनाउंसमेंट के बाद भी लोग मौके से हटे नहीं। उन्हें अमृत काल व ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का उत्साह था। श्रद्धालु रूक कर अखाड़ों के अमृत स्नान को देखना चाहते थे। दबाव बना तो श्रद्धालु बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और यह हादसा हो गया।
महाकुंभ नगर के डीएम विजय किरन आनंद ने कहा, न्यायिक जांच आयोग की टीम ने संगम नोज पर जाकर जानकारी लेने के बाद आईट्रिपलसी में अफसरों के साथ बैठक की। इसके बाद एसआरएन में घायलों से भी मुलाकात की। टीम के सदस्य शाम को प्रयागराज से चले गए। उन्होंने कुछ विवरण मांगे हैं, जिसे हम समय से उपलब्ध कराएंगे।