Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़High Court takes tough stand on Rahul Gandhi s citizenship asks central government for clear report in ten days

राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, केंद्र सरकार से दस दिन में स्पष्ट रिपोर्ट मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्ट रिपोर्ट दस दिन में देने का आदेश दिया है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 21 April 2025 05:04 PM
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राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, केंद्र सरकार से दस दिन में स्पष्ट रिपोर्ट मांगी

कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपना लिया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह दस दिनों में इस सम्बन्ध में याची की ओर दाखिल प्रत्यावेदन को निस्तारित करें और नागरिकता को लेकर स्पष्ट रिपोर्ट दें। अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तिथि नियत की गई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है। पिछली सुनवाई के दौरान डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने अदालत को बताया था कि याची के शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, संबंधित मंत्रालय ने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के बारे में विवरण मांगते हुए ब्रिटेन सरकार को पत्र लिखा है और इसलिए सरकार को शिकायत पर निर्णय लेने के लिए समय चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि मामले में याची की ओर से दलील दी गई है कि उसके पास तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं जिनसे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं और इस कारण से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लोकसभा सदस्य का पद नहीं धारण कर सकते। इसी आधार पर याची ने राहुल गांधी की सांसद पद पर बने रहने के खिलाफ अधिकार पृच्छा रिट जारी करने का आदेश देने की भी मांग की है।

इसके साथ ही याचिका में राहुल गांधी के इस प्रकार से दोहरी नागरिकता धारण करने को भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध बताते हुए, सीबीआई को केस दर्ज कर जांच करने का आदेश देने की भी मांग की गई है। याची का यह भी कहना है कि उसने दोहरी नागरिकता के सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायतें भेजीं लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर वर्तमान याचिका दाखिल की गई है।

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