मंत्री जयंत के समर्थन से वकीलों के खिले चेहरे
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को केंद्रीय कौशल विकास एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने वाजिब ठहराया है। इससे वकील और वादकारियों में खुशी की लहर दौड़ी है। वहां के वकील और...
केंद्रीय कौशल विकास एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंती चौधरी द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को पूरी तरह वाजिब करार दिए जाने से वकील और वादकारियों में खुशी की लहर दौडऩे के साथ ही नई उम्मीद भी बंधी है। बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुहेल आलम खान का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच बनवाया जाना अब समय की सबसे बड़ी जरूरी हो गई है, क्योंकि यहां के वकील और वादकारियों को मुकदमों की पैरवी के लिए प्रयागराज आने जाने के दौरान समय की बर्बादी के साथ ही किराया, ठहराव और खाने पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।
पूर्व अध्यक्ष ओमपाल मावी कहते हैं कि जब लखनऊ में हाईकोर्ट बेंच संचालित हो सकती है तो फिर वेस्टर्न यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। यहां के वकील और वादकारियों को बेंच की आवश्यक्ता लखनऊ के मुकाबले कहीं अधिक है, क्योंकि लखनऊ की तुलना में प्रयागराज से पश्चिमी यूपी की दूरी कहीं अधिक है।
बार एसोसिएशन सचिव महताब अली कहते हैं कि मोदी सरकार के कौशल विकास स्वतंत्र प्रभार एवं शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी द्वारा वेस्टर्न यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग को पूरी तरह वाजिब ठहराया जाना सीधे तौर पर वकीलों की मांग का खुला समर्थन किया जाना है। क्योंकि यहां की भोगोलिक स्थिति से पूरी तरह अवगत होने के साथ ही उन्हें यह भी पता है कि यहां के वादकारियों को प्रयागराज में आने जाने के दौरान अनावश्यक परेशानी झेलते हुए पैसे की बर्बादी भी करनी पड़ती है।
पूर्व अध्यक्ष बलराज त्यागी का कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर यहां के वकील कई दशकों से धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं, परंतु केंद्र और प्रदेश सरकार इस वाजिब मांग को लगातार नजरअंदाज करती आ रही हैं। अब केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी के समर्थन करने से जल्द ही सस्ते एवं सुलभ न्याय के सिद्धांत की सौगत मिलने की आस बंधी है।
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