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ज्ञानवापी वुजूखाना के वैज्ञानिक सर्वे पर हाईकोर्ट ने पहली याचिका की जानकारी तलब की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी वुजूखाना के वैज्ञानिक सर्वे के मामले में वादी लक्ष्मी देवी की उस याचिका की जानकारी मांगी है जो संरक्षित क्षेत्र के वैज्ञानिक अनुसंधान/सर्वेक्षण के लिए पहले दाखिल की गई थी।

Yogesh Yadav प्रयागराज विधि संवाददाताWed, 25 Sep 2024 03:37 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी वुजूखाना के वैज्ञानिक सर्वे के मामले में वादी लक्ष्मी देवी की उस याचिका की जानकारी मांगी है जो संरक्षित क्षेत्र के वैज्ञानिक अनुसंधान/सर्वेक्षण के लिए पहले दाखिल की गई थी और जिसका निर्णय 2023 में हुआ था तथा मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वादी राखी सिंह के वकील ने इस जानकारी को अतिरिक्त शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक अक्तूबर की तारीख लगा दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फ़रमान अहमद नकवी को सुनकर दिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र के निर्धारण के लिए शिवलिंग आकृति के आसपास के क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वे आवश्यक है। 

उन्होंने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के तीन अगस्त 2023 के हाईकोर्ट के और वैज्ञानिक सर्वे के सर्वोच्च न्यायालय के चार अगस्त 2023 का आदेश दिखाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आठ अगस्त 2023 के आदेश में एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल के शपथपत्र का उल्लेख किया गया है। जिसमें एएसआई ने बगैर तोड़फोड़ व परिसर को नुकसान पहूंचाए बगैर वैज्ञानिक सर्वे की बात की है। 

अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि एएसआई ने 24 जुलाई 2023 से दो नवंबर 2023 तक जो वैज्ञानिक सर्वे किया है उसमें शिवलिंग आकृति के आसपास का क्षेत्र (वजूखाना) शामिल नहीं है। गत वर्ष 12 मई 2023 को हाईकोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे में मिली शिवलिंग आकृति के वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया गया था।

इस पर कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में उस मामले में क्या हुआ? नक़वी ने बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस पर कोर्ट ने दीवानी अदालत में दाखिल वादिनी लक्ष्मी देवी व अन्य की ओर से शिवलिंग के एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका प्रस्तुत करने को कहा। राखी सिंह के अधिवक्ता ने इसके लिए समय मांगा।

हाईकोर्ट ने कहा कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई हो उसी से जुड़े मामले में कैसे आदेश दिया जा सकता है? एडवोकेट सौरभ तिवारी ने कहा कि राखी सिंह की वर्तमान पुनरीक्षण याचिका शिवलिंग छोड़कर शेष क्षेत्र के एएसआई वैज्ञानिक सर्वे को लेकर है। इस पर कोर्ट ने लक्ष्मी देवी की याचिका की जानकारी मांगी है।

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